कहते हैं जिस आदमी के नाम का जो अर्थ होता है, उसके काम भी वैसे ही होते हैं, और वैसे ही गुण भी होते हैं, लेकिन क्या हो कि किसी का नाम राम हो मगर उसकी करतूतें रावण वाली हों. यहां तो रावण का उदाहरण देना भी पूरी तरह ठीक नहीं क्योंकि सच तो वो भी बोलता था. कुछ उसूल तो उसके भी थे. मगर ऐसे लोगों के बारे में क्या ही कहा जाए जो हर पल झूठ के कसीदे गढ़ने में लगे हैं. सच तो जैसे उन्हें बोलना ही नहीं आता है.
अब पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को ही लीजिए. शहबाज़ एक फ़ारसी शब्द है, जिसका अर्थ पौराणिक संरक्षक पक्षी शाहबाज़ है. यह ईरान, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान में भी एक आम नाम है. वहीं शरीफ़ का अर्थ होता है- सभ्य, सज्जन, शालीन, सम्माननीय. यह शब्द मूल रूप से अरबी भाषा से आया है. पारंपरिक रूप से, यह शब्द इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के परिवार के वंशजों के लिए एक सम्मानजनक उपाधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. पाकिस्तानी सेना के रहमो-करम पर पीएम बने शहबाज़ शरीफ में उनके नाम के मुताबिक कोई गुण नहीं हैं. अगर पाकिस्तान में सेना ने अपनी जोर जबरदस्ती ना दिखाई होती और लोकतंत्र को कुचला नहीं होता तो इमरान खान ही वहां के प्रधानमंत्री होते.
शहबाज शरीफ पहले तो झूठ बोलते ही थे, पर जब से ऑपरेशन सिन्दूर में पाकिस्तान को मार पड़ी है, उनके होश ठिकाने नही हैं. जब भी मौका लगता है, बेचारे बड़बड़ाने लगते हैं. झूठ पर झूठ का राग अलापने लगते हैं. दो दिन पहले न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में शहबाज शरीफ कहते हैं कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के सात लड़ाकू विमान मार गिराए. वहीं इसी साल 27 मई को इन्हीं जनाब ने कहा था कि हमने भारत के 4 रफाल समेत 6 जेट मार गिराए. शहबाज शरीफ अपनी संसद में 7 मार्च 2025 को कहते हैं कि पाकिस्तान ने भारत के 5 जेट गिराए. यानी कह सकते हैं कि पाकिस्तानी पीएम को या तो ठीक से गिनती नहीं आती या फिर सेना अपने राजनीतिक हुक्मरानों को सही जानकारी नहीं देती है. अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्यों शहबाज शरीफ ने 7 मार्च को कहा कि हमने भारत के 5 फाइटर जेट गिराए.. 27 मई को यह संख्या 6 हो गई और 26 सितंबर तक आते-आते 7 हो चुकी है. इसे झूठ का पुलिंदा नहीं तो और क्या कहेंगे? हर आदमी अपने हिसाब से झूठ की कहानियां गढ़ने में लगा है. यह दुनिया को पता है कि ऑपरेशन सिन्दूर में पाकिस्तान की बुरी तरह पिटाई हुई है, पर वह अपनी हार को जीत बताने में जुटा है.
चलो एक पल के लिये मान लेते हैं कि पाकिस्तान सच बोल रहा है तो कोई सबूत तो पेश करे. पाकिस्तान आज तक रफाल की बात तो छोड़िए, रफाल का एक टुकड़ा भी मीडिया के सामने नहीं रख पाया है. वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत ने सबूत तो छोड़िए, पाकिस्तान के तबाह आतंकी ठिकाने और रनवे के वीडियो तक दुनिया के सामने रख दिए थे. कई रनवे तो इतने तबाह हो चुके हैं कि ऑपरेशन सिन्दूर के चार महीने बाद भी वह पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हो पाए हैं. तभी तो यूएन में भारतीय मिशन की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने ताना मारते हुए कहा कि अगर तबाह रनवे और जले हुए हैंगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपनी जीत की तरह दिखते हैं तो वह आनंद लें. हकीकत तो यही है कि भारतीय वायुसेना ने कई पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला करके उन्हें नुक़सान पहुंचाया था. इसकी तस्वीरें सार्वजनिक तौर पर मौजूद हैं. भारत के एक भी फाइटर जेट को नुकसान नहीं पहुंचा है. पिछले महीने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया था कि भारतीय विमानों ने ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया था.
वैसे देखा जाए तो जब झूठ बोलने की बात आती है तो पाकिस्तान के पीएम को छोड़िए, पाकिस्तानी सोशल मीडिया झूठ का इतना बड़ा पहाड़ खड़ा कर देते हैं कि उसके आगे माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई भी कम पड़ जाए. जरा ऑपरेशन सिन्दूर का समय याद कीजिए. पहले फर्जी दावा किया था कि सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया गया है. बाद में यह दावा झूठा निकला. इसके बाद एक वीडियो जारी करके दावा किया गया कि पाकिस्तान ने रफाल विमान को मार गिराया. बाद में जांच में पता लगा कि वह पुराने मिग-29 के दुर्घटनाग्रस्त होने का वीडियो था. इसी तरह आदमपुर एयरबेस पर भी पाकिस्तानी हमला होने का दावा किया गया था. इसकी पोल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मई को 2005 आदमपुर एयरबेस जाकर खोली. उनके दौरे में कहीं भी पाकिस्तानी हमले का नामोनिशां तक नहीं दिखा था. इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने यहां तक दावा कर दिया था कि उसने ब्रह्मोस और एस-400 मिसाइल सिस्टम तक को भी मार गिराया है. ये सब बातें सुनकर सिवाए हंसने के कुछ नहीं किया जा सकता. पाकिस्तान को लगता है कि वो झूठ का विशाल पहाड़ खड़ा कर लेगा, लेकिन झूठ का अंजाम यही होता है कि वो सच के सामने भरभराकर ढह जाता है.