
- गिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज 2-2 से बराबरी पर समाप्त की.
- करुण नायर को आठ साल बाद इंग्लैंड दौरे पर मौका मिला, लेकिन उन्होंने औसत प्रदर्शन करते हुए 205 रन बनाए.
- नायर चयन की चिंता किए बिना अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और सीखने की कोशिश कर रहे हैं.
शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज के दौरान शानदार प्रदर्शन किया. एक युवा टीम ने आखिरी तक हार नहीं मानी, जिसके चलते टीम इंडिया यह सीरीज 2-2 से बराबरी पर समाप्त करने में सफल रही. इस सीरीज के दौरान करुण नायर पर सबसे अधिक निगाहें थी, क्योंकि उन्हें आठ साल बाद टीम में मौका मिला था. नायर ने घरेलू सर्किट में रनों का अंबार लगाया था और फैंस को उम्मीद थी कि यह बल्लेबाज इंग्लैंड में भी धमाल मचाएगा. लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा. इंग्लैंड दौरे पर नायर ने आठ पारियों में 25.62 के औसत से 205 रन बनाए. उन्होंने इस दौरान उनके बल्ले से इकलौता अर्धशतक (57 रन) द ओवल में आया.
करुण नायर को इंग्लैंड में अच्छी शुरुआत तो मिली, लेकिन वह उसको बड़ी पारी में तबदील नहीं कर पाए. ओवल में अर्द्धशतक के अलावा नायर ने 40, 31, 26 और 21 रनों की पारी खेली. नायर के इस प्रदर्शन के बाद इस बात की संभावना काफी कम जताई जा रही है कि उन्हें घरेलू सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए मौका मिलेगा. हालांकि, इस बल्लेबाज का ध्यान चयन पर नहीं है और वह अपनी तैयारियों पर जोर दे रहे हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए नायर ने कहा कि वह इंग्लैंड दौरे पर मिली सीख पर ध्यान दे रहे हैं. भारत जल्द ही वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में खेलने उतरेगा. नायर चयन को लेकर परेशान होने की बजाय अपनी तैयारियों पर ध्यान देना चाहते हैं. उन्होंने कहा,"मैं बहुत आगे के बारे में नहीं सोच रहा हूं. मैं बस एक-एक दिन करके चल रहा हूं. मैं उन सभी चीजों पर काम करने की कोशिश कर रहा हूं जिन पर मैं काम कर सकता हूं. पिछली सीरीज से मिली सीख पर भी ध्यान दे रहा हूं समय आने पर हमें पता चलेगा कि क्या होने वाला है."
नायर घरेलू क्रिकेट एक बार फिर से कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखेंगे. वह पिछले दो सत्र में विदर्भ की टीम से जुड़े थे. नायर को कर्नाटक टीम में आर. स्मारन और के.वी. अनीश जैसे कुछ युवा और होनहार खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना होगा और वह इस काम को लेकर उत्साहित हैं.
उन्होंने कहा,"यह सब खिलाड़ियों की मदद करने के बारे में है, जब भी उन्हें किसी चीज की जरूरत हो, उनके लिए मौजूद रहना और उनका समर्थन करना. मेरे लिए यह बहुत सरल है. मुझे बस बाहर जाकर रन बनाने हैं और टीम की मदद करनी है." विदर्भ से अलगाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे मुश्किल फैसला करार दिया. नायर ने कहा,"यह एक बहुत ही कठिन निर्णय था. लेकिन कुछ व्यक्तिगत कारणों से मुझे यह निर्णय लेना पड़ा."
बता दें, भारत और वेस्टइंडीज के बीच 02 से 14 अक्टूबर के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी. सीरीज का पहला मैच अहमदाबाद में होगा, जबकि दूसरा मुकाबला दिल्ली में होगा. जबकि इसके बाद भारत को दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी करनी है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत को 14 नवंबर से पहला टेस्ट खेलना है. जबकि 22 नवबंर से दूसरा टेस्ट खेलना है.
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