पूरा देश कृष्ण जन्माष्टमी मना रहा है, तो करोड़ों क्रिकेटप्रेमी अभी भी टीम इंडिया द्वारा साउथंप्टन में चौथे टेस्ट (मैच रिपोर्ट) में खुद को ठगे जाने की चर्चा कर रहे हैं. और दुखी भारतीय कप्तान विराट कोहली सहित पूरी टीम इंडिया भी होगी. वास्तव में चौथी पारी में जीत के लिए 245 रन का टारगेट बहुत मुश्किल नहीं था, लेकिन एक बार फिर से बल्लेबाज ऐसे औंधे मुंह गिरे कि गिरकर कुछ हद तक संभलने के बाद फिर से लगातार गिरते ही गए. और भारत को चौथे टेस्ट (India lost fourth test including series) में हार झेलने के साथ ही सीरीज गंवाने पर भी मजबूर होना पड़ा. और इस सीरीज ने करोड़ों हिंदुस्तानी क्रिकेटप्रेमियों को वह दर्द दे दिया, जो उन्हें लंबे समय तक सालता रहेगा.
England win the 4th Test by 60 runs and take an unassailable lead of 3-1 in the five match Test series.#ENGvIND pic.twitter.com/YKknZmdRM2
— BCCI (@BCCI) September 2, 2018
वास्तव में जब तय दिख रही जीत हाथ से फिसलती है, तो दर्द बहुत ही गहरा हो जाता है. कप्तान विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने खराब शुरुआत से उबारते हुए टीम को फिर से मुकाबले में ला खड़ा किया था. इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 101 रन की भागीदारी की. लेकिन मोईन अली की गेंदों का तीखापन इन दोनों और बाकियों के साहस पर बीस साबित हुआ. नतीजा यह रहा कि भारत ने आखिरी 19 ओवरों में 61 रन के भीतर सात विकेट गंवा दिए.
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इसी के साथ ही भारत को दूसरा सबसे बड़ा दर्द झेलने का मजबूर होना पड़ा. हम बात रनों के लिहाज से नजदीकी अंतर से हार की कर रहे हैं. इसी पहलू से भारत को साल 2018 में केपटाउन में 72 रन से हार का मुंह देखना पड़ा था, तो साल 2015 में गॉल में भी टीम इंडिया को 63 रन से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इसके बाद दो सबसे बड़े दर्द भारत को इसी इंग्लैंड दौरे में झेलने पड़े. कहने को तो यह भी कहा जा सकता है कि हार बहुत ही नजदीकी अंतर से हुई, लेकिन इन हारों को याद करते हुए आह..उफ्फ....ओह...आउच ही करते रहेंगे. सबसे बड़ा दर्द बर्मिंघम में पहले टेस्ट में मिला
VIDEO: सुनिए अजय रात्रा क्या कह रहे हैं विराट कोहली के बारे में
बर्मिंघम में लग रहा था कि भारत जीत की ओर बढ़ रहा है, लेकिन आखिर में टीम इंडिया को 31 रन से हार का मुंह देखना पड़ा, तो चौथे टेस्ट में हार का अंतर 60 रन का रहा. और जब-जब करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी और खिलाड़ियों के ज़हन में ये टेस्ट आएंगे, तो उनका दर्द और ज्यादा बढ़ जाएगा. वास्तव में भारत की बर्मिंघम में हार रनों के लिहाज से विश्व में तीसरी सबसे कम रनों के अंतर से हार है. क्रिकेट इतिहास की रनों के लिहाज से सबसे कम रनों के अंतर से हार भी बर्मिंघम में ही आई हैं. यहां इंग्लैंड साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 रन से जीता था, तो 1981 में भी इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 29 रन से हराया था.
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