
इंग्लैंड के सीनियर बल्लेबाज जो रूट (Joe Root) ने शनिवार को बैजबॉल शैली को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में उनकी टीम की ‘बैजबॉल' शैली का आशय अहंकारी होना नहीं बल्कि टीम के लिये सर्वश्रेष्ठ नतीजे निकलवाना है. राजकोट में तीसरे टेस्ट में भारत के हाथों 434 रन से मिली हार के बाद इंग्लैंड की अति आक्रामक ‘बैजबॉल' रणनीति की आलोचना होने लगी थी.
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रूट ने कहा, ‘कई बार अधिक आक्रामक होना ही समाधान होता है. जैसे कि अगर मैं गेंद को पीट पा रहा हूं तो जसप्रीत बुमराह पर दबाव बनेगा. हमारा नजरिया अलग है.' उन्होंने कहा, ‘यह अहंकारी होने की बात नहीं है. बैजबॉल शब्द का काफी इस्तेमाल होता है लेकिन यह आपका शब्द है. हम इसे ऐसे नहीं देखते. हमारे लिये यही अहम है कि टीम के लिये एक दूसरे से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे कराया जाये. एक ईकाई के रूप में बेहतर कैसे करें. यह हमेशा सटीक नहीं बैठता लेकिन हम सुधार के प्रयास करते रहेंगे.' एक समय पांच विकेट 112 रन पर गंवाने के बाद रूट के 122 रन की मदद से इंग्लैंड ने 353 रन बनाये. जवाब में भारत ने सात विकेट 219 रन पर गंवा दिये.
रूट ने कहा, ‘मुझे काफी समय से इस पारी का इंतजार था. सीनियर खिलाड़ी होने के नाते और खासकर जब आप कई बार यहां खेल चुके हों तो टीम की जीत में योगदान देना चाहते हैं.' उन्होंने लगातार 31 ओवर डालने वाले युवा स्पिनर शोएब बशीर की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह काफी प्रतिभाशाली है और उसने साबित कर दिया है कि वह लंबे स्पैल भी डाल सकता है. उसने स्पिनरों को बखूबी खेलने वाले बल्लेबाजों पर दबाव बनाया जो इंग्लिश क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है.'
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