
भारतीय क्रिकेट टीम (India National Cricket Team) को इंदौर में ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के खिलाफ 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. होल्कर स्टेडियम में मुकाबला सिर्फ 7 सेशन तक चला. ऑस्ट्रेलिया ने जहां स्टीव स्मिथ की अगुवाई में दमदार वापसी करते हुए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई, तो दूसरी तरफ भारतीय टीम का इंतजार बढ़ा दिया. इसके साथ ही चार टेस्ट मैचों की सीरीज 2-1 हो गई है.
नागपुर और दिल्ली टेस्ट में पिच स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हुई थी और टीम इंडिया ने सिर्फ तीन दिनों में ही जीत दर्ज की थी, ऐसे में भारतीय टीम ने इंदौर टेस्ट के लिए भी स्पिनरों के लिए मुफीद ट्रैक ही बनवाया था, लेकिन यह दांव टीम इंडिया के लिए उलटा पड़ा और भारतीय टीम को घर पर हार का सामना करना पड़ा. वहीं अब इसको लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है.
उमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही होल्कर स्टेडियम को मैच की जानकारी मिली, वैसे ही मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने पिच तैयार कराना शुरू कर दिया था, जो पीली मिट्टी की बनी थी. लेकिन मैच के ठीक तीन दिन पहले बीसीसीआई की सिनियर पिच क्यूरेटर आशीष भौमिक और तापूस चटर्जी इंदौर आए और उनकी निगरानी में काली मिट्टी का पिच तैयार हुई जिस पर मुकाबला खेला गया.
हालांकि, यह फैसला किसका था और किसके कहने पर ऐसा हुआ, इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा. रिपोर्ट की मानें तो, टीम मैनेजमेंट काली मिट्टी की पिच पर मैच खेलना चाहता था और ऐसे में पिच उन्हीं के अनुसार सिर्फ तीन दिन में तैयार की गई थी.
होल्कर स्टेडियम में जिस पिच पर मुकाबला खेला गया था, आईसीसी ने उसे खराब की श्रेणी दी और तीन डिमेरिट अंक भी दिए. इंदौर टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम की पहली पारी 109 रनों पर समाप्त हुई थी. पहले दिन के बाद मीडिया से बात करते हुए टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने पिच पर सवाल उठाए थे और कहा था कि भारतीय बल्लेबाजों के कोई खराब शार्ट नहीं खेले थे. ऐसे में पिच को लेकर काफी विवाद भी हुआ था.
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