Shubman Gill vs Australia: एक बात तो एकदम साफ है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में बहुत और बहुत ही ज्यादा अंतर है. और इसका सबसे बड़ा हालिया उदाहरण भारतीय वनडे कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) हो चले हैं. इस साल ही आईपीएल में शुभमन का बल्ला बॉलरों पर किसी हथौड़े से बरसा था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय टी20 आते-आते इसकी आग एकदम हवा-हवाई हो चुकी है. एक ऐसे समय जब, जब टी20 विश्व कप में करीब तीन महीने बाकी रह गए हैं, तो हालात सेलेक्टरों के लिए मंथन करने वाले हो चुके हैं. बात सिर्फ ऑस्ट्रेलिया दौरे की ही नहीं है, आंकड़ों ने जो तस्वीर जनवरी 2023 से पेश की है, वह गिल के कट्टर से कट्टर समर्थकों को चिंता में डालने के लिए काफी है. यह बताने के लिए काफी है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिल को यह फॉर्मेट नहीं ही सुहा रहा.
बढ़ती रेस, फिसड्डी हो रहे गिल!
साल 2023 से लेकर अभी तक (चौथे टी20) गिल के आंकड़े इस फॉर्मेट में ओपनिंग की रेस में शामिल पांचों ओपनरों में सबसे खराब हो चले हैं. इस समयावधि में गिल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टी20 से पहले तक खेले 32 मैचों में 28.85 के औसत से 808 रन बनाए हैं. बेस्ट स्कोर नाबाद 126 रन रहा है और स्ट्राइक रेट 139.31 का. निश्चित तौर पर पर यह 'ट्रायल अवधि' से भी ज्यादा का समय है. इस समयावधि में वनडे में उनका औसत 56.07 का पहुंच गया, लेकिन सबसे छोटा फॉर्मेट में उनकी बैटिंग अब सवालों के घेरे में आ चली है.
चारों ओपनर आगे, गिल पीछे !
इसी समयावधि में अभिषेक ने 23 मैचों में 39.65 के औसत से 912 रन, सैमसन ने 13 मैचों में 34.75 के औसत से 417 रन, जायसवाल ने 22 मैचों में 36,15 के औसत से 723 रन और रेस में काफी पीछे चले गए गायकवाड़ ने 9 मैचो में हैरतअंगेज रूप से 60.83के औसत से 365 रन बनाए हैं. पांच दावेदारों में गिल (28.73) पांचवें नंबर पर हैं. दो साल में किसी भी बल्लेबाज के लिए 30 मैच भारतीय क्रिकेट में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए ही नहीं, सामान्य रूप से भी जरूरत से कहीं ज्यादा हैं. अब उंगली गिल के साथ-साथ सेलेक्टरों पर भी उठ रही है. सैमसन के साथ बर्ताव को लेकर प्रबंधन सवालों के घेरे में है, तो जायसवाल के मारे जा रहे हक को लेकर भी प्रश्न उठ रहे हैं. अब सेलेक्टरों ने गिल को इशारा दे दिया है.
इस बड़े इशारे की वजह यह भी है
हाल ही में सेलेक्टरों ने दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ घोषित टीम में गायकवाड़ को तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए टीम का उप-कप्तान बनाया है. सेलेक्टर गायकवाड़ को भरोसा देने के साथ ही यह एक तरह से गिल के लिए इशारा भी है कि अभी भी आपके पास समय है. यूं तो समय सीमा गिल के हाथों से निकल चुकी है. शायद वह इसीलिए खेल रहे हैं क्योंकि वह टेस्ट और वनडे के कप्तान हैं. लेकिन वर्तमान का सच यही है कि गिल की टी20 फॉर्मेंट में जगह नहीं ही बनती. क्या बनती है??
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