संजय बांगर ने 12 टेस्ट और 15 वनडे में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया का इंग्लैंड के साथ तीसरा टेस्ट मैच 26 नवंबर से मोहाली के पीसीए स्टेडियम में होना है. भारतीय टीम के बैटिंग कोच संजय बांगर के लिए एक तरह से यह अवसर पुरानी खट्टी-मीठी यादों में खो जाने का होगा.
दरअसल, बांगर ने आज से करीब 15 साल पहले वर्ष 2001 में इसी मैदान से अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था. स्वाभाविक है कि अपने पहले इंटरनेशनल मैच से किसी भी खिलाड़ी की कई यादें जुड़ी होती हैं. तीन दिसंबर से प्रारंभ हुआ यह मैच कई मायनों में बांगर के लिए यादगार रहा था. मैच में भारतीय टीम से तीन खिलाड़ियों आलराउंडर संजय बांगर, तेज गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी और टीनू योहानन ने अपने करियर का आगाज किया था. यही नहीं, इंग्लैंड की ओर से भी दो क्रिकेटरों ऑफ स्पिनर रिचर्ड डॉसन और विकेटकीपर जेम्स फॉस्टर का भी यह पहला टेस्ट था.
बांगर के लिए खुशियां तब और बढ़ गई थीं जब टीम इंडिया से इस मैच को 10 विकेट से जीतकर तीन टेस्ट की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी. मैच में टीम इंडिया का नेतृत्व सौरव गांगुली और इंग्लैंड का नेतृत्व नासिर हुसैन ने किया था. गांगुली ने मैच में टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था. पहले बैटिंग करते हुए इंग्लैंड की टीम हरभजन सिंह की गेंदबाजी (5 विकेट) के आगे 238 रन बनाकर ढेर हो गई थी. जवाब में खेलते हुए टीम इंडिया ने विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता के शतक (100 रन) और राहुल द्रविड़ (86 ) व सचिन तेंदुलकर (88 ) के अर्धशतकों की मदद से 469 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था.
इंग्लैंड टीम की दूसरी पारी भी टीम इंडिया के मौजूदा कोच अनिल कुंबले (6 विकेट)के आगे धराशायी हो गई थी. पूरी टीम 235 रन बनाकर आउट हो गई थी. मैच में जीत के लिए टीम इंडिया को महज 5 रन बनाने का लक्ष्य मिला था जिसे टीम ने बिना कोई विकेट खोए हासिल कर लिया था. आश्चर्यजनक रूप से इस मैच में गांगुली ने भारत की दूसरी पारी की शुरुआत दीप दासगुप्ता और पहला टेस्ट खेल रहे गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी (नाबाद 5 रन) से कराई थी. दुर्भाग्य से इकबाल इसके बाद भारत की ओर से कोई और टेस्ट नहीं खेल सके. एक टेस्ट के साथ ही उनके इंटरनेशनल करियर का समापन हो गया.
गेंदबाजी में टीनू योहानन ने किया था प्रभावित
इस टेस्ट में डेब्यू करने वाले तीनों खिलाड़ियों की बात करें तो टीनू योहानन ने अपनी तेज गेंदबाजी से हर किसी को प्रभावित किया था. उन्होंने दोनों पारियों में दो-दो विकेट हासिल किए थे. संजय बांगर ने मैच में 36 रन बनाए थे लेकिन गेंदबाजी में उन्हें कोई विकेट हासिल नहीं हुआ था. एक अन्य तेज गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी ने मैच की पहली पारी में एक विकेट हासिल किया था.
इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा
दुर्भाग्य से भारत के लिए टेस्ट करियर का आगाज करने वाले ये तीनों ही खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट में 'लंबी पारी' नहीं खेल पाए थे. टीनू ने जहां तीन टेस्ट और इतने ही वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, वहीं इकबाल केवल इसी टेस्ट मैच तक सीमित रह गए थे. संजय बांगर ने भारत के 12 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले. महाराष्ट्र के बीड में जन्मे बांगर ने 12 टेस्ट में 29.37 के औसत से 400 रन बनाए जिसमें 100*उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. टेस्ट मैचों में सात विकेट भी उनके खाते में दर्ज हैं. 15 वनडे मैचों में संजय बांगर ने 13.84 के औसत से 180 रन (57*सर्वोच्च) बनाने के अलावा टेस्ट मैचों की तरह वनडे में भी सात ही विकेट हासिल किए. बांगर इस समय टीम इंडिया के बैटिंग कोच हैं...
दरअसल, बांगर ने आज से करीब 15 साल पहले वर्ष 2001 में इसी मैदान से अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था. स्वाभाविक है कि अपने पहले इंटरनेशनल मैच से किसी भी खिलाड़ी की कई यादें जुड़ी होती हैं. तीन दिसंबर से प्रारंभ हुआ यह मैच कई मायनों में बांगर के लिए यादगार रहा था. मैच में भारतीय टीम से तीन खिलाड़ियों आलराउंडर संजय बांगर, तेज गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी और टीनू योहानन ने अपने करियर का आगाज किया था. यही नहीं, इंग्लैंड की ओर से भी दो क्रिकेटरों ऑफ स्पिनर रिचर्ड डॉसन और विकेटकीपर जेम्स फॉस्टर का भी यह पहला टेस्ट था.
बांगर के लिए खुशियां तब और बढ़ गई थीं जब टीम इंडिया से इस मैच को 10 विकेट से जीतकर तीन टेस्ट की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली थी. मैच में टीम इंडिया का नेतृत्व सौरव गांगुली और इंग्लैंड का नेतृत्व नासिर हुसैन ने किया था. गांगुली ने मैच में टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था. पहले बैटिंग करते हुए इंग्लैंड की टीम हरभजन सिंह की गेंदबाजी (5 विकेट) के आगे 238 रन बनाकर ढेर हो गई थी. जवाब में खेलते हुए टीम इंडिया ने विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता के शतक (100 रन) और राहुल द्रविड़ (86 ) व सचिन तेंदुलकर (88 ) के अर्धशतकों की मदद से 469 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था.
इंग्लैंड टीम की दूसरी पारी भी टीम इंडिया के मौजूदा कोच अनिल कुंबले (6 विकेट)के आगे धराशायी हो गई थी. पूरी टीम 235 रन बनाकर आउट हो गई थी. मैच में जीत के लिए टीम इंडिया को महज 5 रन बनाने का लक्ष्य मिला था जिसे टीम ने बिना कोई विकेट खोए हासिल कर लिया था. आश्चर्यजनक रूप से इस मैच में गांगुली ने भारत की दूसरी पारी की शुरुआत दीप दासगुप्ता और पहला टेस्ट खेल रहे गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी (नाबाद 5 रन) से कराई थी. दुर्भाग्य से इकबाल इसके बाद भारत की ओर से कोई और टेस्ट नहीं खेल सके. एक टेस्ट के साथ ही उनके इंटरनेशनल करियर का समापन हो गया.
गेंदबाजी में टीनू योहानन ने किया था प्रभावित
इस टेस्ट में डेब्यू करने वाले तीनों खिलाड़ियों की बात करें तो टीनू योहानन ने अपनी तेज गेंदबाजी से हर किसी को प्रभावित किया था. उन्होंने दोनों पारियों में दो-दो विकेट हासिल किए थे. संजय बांगर ने मैच में 36 रन बनाए थे लेकिन गेंदबाजी में उन्हें कोई विकेट हासिल नहीं हुआ था. एक अन्य तेज गेंदबाज इकबाल सिद्दीकी ने मैच की पहली पारी में एक विकेट हासिल किया था.
इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा
दुर्भाग्य से भारत के लिए टेस्ट करियर का आगाज करने वाले ये तीनों ही खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट में 'लंबी पारी' नहीं खेल पाए थे. टीनू ने जहां तीन टेस्ट और इतने ही वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, वहीं इकबाल केवल इसी टेस्ट मैच तक सीमित रह गए थे. संजय बांगर ने भारत के 12 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले. महाराष्ट्र के बीड में जन्मे बांगर ने 12 टेस्ट में 29.37 के औसत से 400 रन बनाए जिसमें 100*उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. टेस्ट मैचों में सात विकेट भी उनके खाते में दर्ज हैं. 15 वनडे मैचों में संजय बांगर ने 13.84 के औसत से 180 रन (57*सर्वोच्च) बनाने के अलावा टेस्ट मैचों की तरह वनडे में भी सात ही विकेट हासिल किए. बांगर इस समय टीम इंडिया के बैटिंग कोच हैं...
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