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This Article is From Nov 11, 2013

अगर मैं सचिन तेंदुलकर होता, एक साल पहले संन्यास ले चुका होता : सौरव गांगुली

अगर मैं सचिन तेंदुलकर होता, एक साल पहले संन्यास ले चुका होता : सौरव गांगुली
सचिन तेंदुलकर (बाएं) व सौरव गांगुली का फाइल चित्र
कोलकाता:

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का कहना है कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के 200वें टेस्ट मैच के बाद संन्यास लेने का सही फैसला किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा, "अगर मैं सचिन तेंदुलकर होता तो एक साल पहले ही संन्यास ले चुका होता..."

एनडीटीवी के साथ एक चैट शो के दौरान सौरव गांगुली का कहना था कि सचिन तेंदुलकर भाग्यशाली हैं, जो पिछले काफी लंबे समय से लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद भारतीय टीम में बने रहे। उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन साल सचिन तेंदुलकर के खेल के लिहाज़ से अच्छे नहीं रहे हैं... और वह सिर्फ इसलिए टेस्ट टीम में अपनी जगह बचाए रखने में कामयाब हुए, क्योंकि वह सचिन तेंदुलकर हैं... दुनिया भर में या हिन्दुस्तान में किसी भी क्रिकेटर को इतना लंबा समय नहीं दिया गया..."

उल्लेखनीय है कि 40-वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने पिछले हफ्ते अपने करियर के 199वें टेस्ट मैच में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ कुल 10 रन बनाए थे। उससे पहले भी सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी टेस्ट शतक जनवरी, 2011 में बनाया था, और इस दौरान अपनी 20 पारियों में उन्होंने अर्द्धशतक भी सिर्फ दो बार (कोलकाता में दिसंबर, 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ 76 रन, तथा चेन्नई में फरवरी, 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 81 रन) बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर के बेहद प्रभावशाली आंकड़ों (53.71 की औसत से टेस्ट रन और 51 शतक) के लिहाज़ से यह दौर काफी खराब रहा है।

सौरव गांगुली के मुताबिक, सचिन तेंदुलकर ने अपने संन्यास की घोषणा बिल्कुल सही समय पर की है। उन्होंने कहा, "आपको किसी न किसी वक्त यह स्वीकार करना ही होता है कि आपको जाना ही होगा... छह महीने और क्रिकेट खेल लेने से अब सचिन तेंदुलकर का कोई भला नहीं होने वाला था... उन्होंने (सचिन तेंदुलकर ने) बिल्कुल सही फैसला किया है, और मेरे लिए वह हमेशा चैम्पियन ही रहे हैं, क्योंकि मैं 14 वर्ष की आयु से ही उन्हें खेलता देखकर बड़ा हुआ, और मैंने बेहद करीब से उन्हें परिपक्व होते देखा... वह अपने करियर के ऊंचे दौर में रिटायर हो रहे हैं, और वह घर में खेलने जा रहे हैं... वर्ना यदि उन्होंने (सचिन तेंदुलकर ने) दक्षिण अफ्रीका में अपना आखिरी टेस्ट खेला होता, तो मुंबई की तुलना में उन्हें आधा प्यार और सम्मान भी नहीं मिल पाता... वह इस प्यार और सम्मान के पूरी तरह हकदार हैं, और यह विदाई बिल्कुल उचित है... मैं उनकी जगह होता, तो एक साल पहले चला गया होता, लेकिन सचिन तेंदुलकर ऐसे ही हैं..."

उल्लेखनीय है कि 16 वर्ष की आयु से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते आ रहे 40-वर्षीय सचिन तेंदुलकर अपने करियर का विश्वरिकॉर्ड 200वां टेस्ट मैच गृहनगर मुंबई में 14 नवंबर से भ्रमणकारी वेस्ट इंडीज़ टीम के खिलाफ खेलने जा रहे हैं।

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