भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला 7 मार्च से खेला जाना है. इस मुकाबले के लिए टीम इंडिया में जसप्रीत बुमराह की वापसी हुई है जबकि केएल राहुल अभी तक अपनी चोट से पूरी तरह रिकवर नहीं कर पाए हैं और वो सीरीज के आखिरी मुकाबले से बाहर हो गए हैं. वहीं सीरीज के आखिरी मुकाबले से पहले सुनील गावस्कर ने कहा है कि तीन साल पहले ऑस्ट्रेलिया पर भारत की जीत और इंग्लैंड के खिलाफ हालिया घरेलू सीरीज जीत को एक ही श्रेणी में रखा जा सकता है.
इंग्लैंड के खिलाफ मैजूदा सीरीज में विराट कोहली ने निजी कारणों के चलते सीरीज की शुरुआत से पहले अपना नाम वापस ले लिया था. इसके साथ ही पुजारा और रहाणे जैसे सीनियर खिलाड़ियों को टीम में शामिल नहीं किया गया. वहीं शमी इस सीरीज में चोट के चलते नहीं खेल रहे हैं. भारत ने सीरीज के पहले टेस्ट में 190 रनों की बढ़त हासिल करने के बाद मैच गंवा दिया था. लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने लगातार तीन मैच जीतकर सीरीज अपने नाम की. इसके बाद सीरीज के पहले मैच के बीद जडेजा और केएल राहुल सीरीज के दूसरे मैच से बाहर हुए.
धर्मशाला में सीरीज के आखिरी मैच से पहले सुनील गावरस्कर ने स्पोर्ट्स तक पर कहा कहा,"जो तीन साल पहले ऑस्ट्रेलिया में हुआ था, जहां पर बड़े नाम नहीं थे, लेकिन फिर भी भारतीय टीम ने एक शानदार जीत हासिल की थी. सिर्फ गाबा में ही नहीं, उसके पहले 36 पर ऑल-आउट होने के बाद जिस तरह से वापसी की मेलबर्न में, वहां पर जीत हासिल करके फिर सिडनी में एक बड़ी कठिन परिस्थिति में जिस तरह से लड़ाई करके आपने मैच को ड्रा किया, अगर ऋषभ पंत वहां पर और ज्यादा आधा घंटे क्रीज पर टिक जाते तो भारतीय टीम वो मैच भी शायद जीत सकती थी. वो जिगर दिखाई, जो जिद्द दिखाई जो एप्लिकेशन दिखाया, भारतीय खिलाड़ियों के युवा खिलाड़ियों ने उस वक्त वो हमने इस बार भी देख लिया है."
सुनील गावस्कर ने आगे कहा,"बड़े नामों की जरुरत नहीं होती है, अगर कोई बड़ा नाम यह सोचता है कि उसके बिना भारतीय टीम नहीं जीतेगी, अब ये दो श्रृखलाएं हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में हुई और एक यहां पर हैं, उन्होंने दिखाया कि भाई, आप हो या ना हो, क्रिकेट का खेल ही ऐसा है कि क्रिकेट का खेल किसी एक पर डिपेंड नहीं करता है, एक टीम पर निर्भर करता है. टीम को जिस तरह से टीम मिली है इस बार भारतीय टीम को उसका श्रेय रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को भी देना होगा. कि जिस तरह से उन्होंने युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है. उन्हें मोल्ड किया है, जिस तरह से उन्हें बढ़ावा दिया है कि देखिए आप जाकर अपना गेम खेलिए उससे यही को आशा है कि आगे जाकर भी बड़ा नाम हो या ना हो बड़ा काम हो, बड़ा दिल हो आप कहीं भी जाकर मैच जीत सकते हैं."
भारत ने 2020-2021 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और इस दौरे पर हुई टेस्ट सीरीज के शुरुआती मैच में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. एडिलेड में हुए सीरीज के पहले टेस्ट में भारतीय टीम दूसरी पारी में सिर्फ 36 रनों पर ऑल-आउट हो गई थी. लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी की थी और 2-1 से सीरीज अपने नाम की थी. टीम इंडिया से इसी दौरे पर गाबा के मैदान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.
तत्कालीन कप्तान विराट कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट आए थे, जबकि एक के बाद एक करके कई सीनियर खिलाड़ी चोट का शिकार होते रहे. मोहम्मद शमी, फिर उमेश यादव, फिर तीसरे टेस्ट के हीरो रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी सभी को चोटिल हुए थे. लेकिन शुभमन गिल, ऋषभ पंत, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर को टीम में लाया गया. सिराज, सुंदर, ऋषभ पंत के शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी.
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