बांग्लादेश के सोहाब गाज़ी और ज़िम्बाब्वे के प्रॉस्पर उत्सेया भी अब उस लंबी फेहरिस्त का हिस्सा बन गए हैं, जिनके गेंदबाजी एक्शन पर सवाल उठे, और जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाजी करने से सस्पेंड कर दिया गया। पिछले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) चकिंग के मुद्दे पर काफी सख्त हुई है, और उसके नतीजे भी सामने हैं।
पाकिस्तान के सईद अजमल पर पाबंदी लगाए जाने से साफ हो गया है कि चाहे नाम कितना भी बड़ा हो, अब बचने की गुंजाइश कम है। अभी-अभी खत्म हुए चैम्पियन्स लीग टी-20 टूर्नामेंट में भी अंपायरों ने सुनील नरेन समेत पांच गेंदबाजों के एक्शन पर सवाल उठाए। सो, यह स्पष्ट है कि आईसीसी ने मैदान पर मौजूद अंपायरों को संदेहास्पद एक्शन के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने की हिदायत दी है।
अब एक तरफ भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री और मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी आईसीसी के इस कड़े रवैये की सराहना कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर यह सवाल उठाया जा रहा है कि ये सभी गेंदबाज अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाजी कर कैसे रहे थे।
- सईद अजमल 35 टेस्ट मैच और 111 वन-डे इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं...
- सुनील नरेन ने छह टेस्ट मैच और 52 वन-डे इंटरनेशनल मैच खेल लिए हैं...
- प्रॉस्पर उत्सेया ने भी चार टेस्ट मैच और 160 वन-डे इंटरनेशनल मैच खेले हैं...
- सोहाग गाज़ी भी इसी एक्शन के साथ 10 टेस्ट मैच और 20 वन-डे इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं...
उधर, आईसीसी के इस सख्त रवैये से सबसे ज़्यादा परेशानी ऑफ-स्पिन गेंदबाजों को हुई है। दरअसल, ऑफ-स्पिनरों द्वारा फेंकी जाने वाली 'दूसरा' गेंद सबसे ज़्यादा निशाने पर रहती है, क्योंकि इसी गेंद को फेंकने के दौरान गेंदबाज की कोहनी सबसे ज़्यादा मुड़ती है।
सो, एक ओर जहां आईसीसी के इस 'मिशन सफाई' से कुछ लोग नाराज़ हैं, तो कुछ इस देर से उठाया गया सही कदम मानते हैं, लेकिन इतना तय है कि अब अंपायरों के इन कड़े तेवरों से कई टीमों को क्रिकेट वर्ल्डकप 2015 में अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी।
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