
- मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट के व्यवहार को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और ICC के बीच विवाद हुआ था
- मैच से चार मिनट पहले पायक्रॉफ्ट को हाथ न मिलाने के प्रोटोकॉल के बारे में BCCI द्वारा सूचित किया गया था
- पाकिस्तान ने पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी लेकिन ICC ने दो बार इस अनुरोध को अस्वीकार किया था
IND vs PAK No Hand Shake Controversy Asia Cup 2025: पिछले रविवार को भारत बनाम पाकिस्तान मैच में मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट के आचरण को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के बीच विवाद फिर बढ़ता दिख रहा है जहां ICC पायक्रॉफ्ट से जुड़ी एक बैठक के दौरान कुछ प्रोटोकॉल के उल्लंघन को लेकर PCB के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) भारतीय टीम से हाथ मिलाने को लेकर उठे विवाद के बाद अब बड़ी मुसीबत में फंस सकता है. एशिया कप 2025 में भारत से भिड़ंत के बाद पाकिस्तान ने जिस तरह कड़ा रुख अपनाया, वही अब उस पर भारी पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पीसीबी को खेल आचार नियमों के उल्लंघन पर जवाब देने का नोटिस भेजा है और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
ये था भारत–पाकिस्तान नो हैंडशेक मामले में पूरा विवाद
भारत और पाकिस्तान के मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हाथ मिलाने से इंकार करने की खबर सामने आई जिसके बाद पाकिस्तान ने इसे गंभीरता से लेते हुए आईसीसी से शिकायत की और मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट पर भी नियमों को लागू न करने का आरोप लगाया. लेकिन आईसीसी ने पाकिस्तान की शिकायत खारिज कर दी. इससे नाराज होकर पाकिस्तानी टीम ने अचानक यूएई के खिलाफ अगला मुकाबला खेलने से मना करने का फैसला कर लिया था. हालांकि बाद में पीसीबी ने पाक टीम को खेलने की इजाजत दी.
आईसीसी ने जताई ये आपत्ति
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईसीसी के सीईओ संजोग गुप्ता ने यूएई के खिलाफ होने वाले मैच से पहले ही पीसीबी को ईमेल भेजकर कई गड़बड़ियों का जिक्र किया. आरोप है कि पाकिस्तान टीम और उसके स्टाफ ने खिलाड़ियों के मैच अधिकारियों क्षेत्र (Players and Match Officials Area – PMOA) से जुड़े कई नियम तोड़े.
ICC ने इन नियमों का उल्लंघन बताया
अनुच्छेद 4.11 : इस क्षेत्र में किसी को भी मोबाइल फोन ले जाने की मनाही है.
अनुच्छेद 4.22 : मीडिया मैनेजर को फोन ले जाने की अनुमति तो है, लेकिन साइलेंट मोड पर और बिना उपयोग के.
अनुच्छेद 2.2.11 : स्थायी या अस्थायी कैमरा लगाकर वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की जा सकती. आरोप है कि पीसीबी ने मैच रेफरी का वीडियो शूट किया और उसे इस्तेमाल भी किया.
खबर यह भी है कि पीसीबी का मीडिया मैनेजर मोबाइल लेकर अंदर घुसना चाहता था और जब उसे रोका गया, तो पाकिस्तान ने मैच का बहिष्कार करने की धमकी दी.
पीसीबी को मिल सकती है ये सजा
आईसीसी इन सभी आरोपों की जांच कर रहा है. अगर पाकिस्तान टीम या बोर्ड दोषी पाया गया तो भारी जुर्माना लग सकता है. गंभीर उल्लंघन साबित होने पर अस्थायी प्रतिबंध तक की कार्रवाई भी संभव है. इस पूरे मामले से साफ है कि गुस्से में उठाए गए कदम अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर उलटे पड़ सकते हैं और एशिया कप के बीच में ही टीम को बड़ी सजा झेलनी पड़ सकती है.
मामले मे अब तक ये हुआ
ESPNCricinfo के अनुसार, सूर्यकुमार यादव और सलमान अली आगा के बीच 'हाथ न मिलाने' के प्रोटोकॉल की जानकारी पायक्रॉफ्ट को मैच में टॉस होने से ठीक चार मिनट पहले दी गई थी. पायक्रॉफ्ट के मैदान पर आने से ठीक पहले, एशियाई क्रिकेट परिषद के आयोजन स्थल प्रबंधक ने उन्हें मैदान के बीच में 'हाथ न मिलाने' का संदेश प्रसारित करने के लिए कहा.
एसीसी प्रबंधक के निर्देश बीसीसीआई से मिले एक संदेश के बाद आए, जिसमें भारत सरकार की अनुमति भी थी कि "कप्तान सूर्यकुमार और सलमान के बीच हाथ नहीं मिलाया जाएगा". पीसीबी, जो रविवार से ही इस पूरे घटनाक्रम से नाराज़ है, ने कहा कि पायक्रॉफ्ट को आईसीसी को 'हाथ न मिलाने' के प्रोटोकॉल के बारे में सूचित करना चाहिए था, लेकिन ज़िम्बाब्वे के इस खिलाड़ी के पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं था. अगर मैच रेफरी के पास पर्याप्त समय होता, तो वह शीर्ष क्रिकेट संस्था को इसकी जानकारी देते, लेकिन समय की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.
इसलिए, पायक्रॉफ्ट ने सलमान को हाथ न मिलाने के नियम के बारे में सूचित करने का फैसला किया, ताकि अगर वह सूर्यकुमार के पास पारंपरिक तरीके से हाथ मिलाते तो उन्हें शर्मिंदगी से बचाया जा सके. पाकिस्तान ने बुधवार को यूएई के खिलाफ मैच से हटने की धमकी दी थी अगर पायक्रॉफ्ट को हटाने का उसका अनुरोध नहीं माना गया. हालांकि, आईसीसी ने दो बार इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. मैच एक घंटे की देरी के बाद शुरू हुआ.
पीसीबी ने तब दावा किया कि पायक्रॉफ्ट ने "पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मैनेजर और कप्तान से माफ़ी मांगी", हालांकि यह भी पुष्टि हो चुकी है कि यह माफ़ी सिर्फ़ "गलतफ़हमी और ग़लतफ़हमी पर खेद व्यक्त करने" के लिए थी, न कि प्रोटोकॉल उल्लंघन की स्वीकृति के लिए, जिसका पीसीबी ने उन पर आरोप लगाया था.
पीसीबी ने एक बयान में यह भी कहा है कि आईसीसी ने "14 सितंबर के मैच के दौरान हुए आचार संहिता उल्लंघन की जांच करने की इच्छा व्यक्त की है". लेकिन, आईसीसी का कहना है कि पायक्रॉफ्ट की ओर से कोई कदाचार नहीं हुआ था.
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