मैदान पर अपनी भावनाओं को जाहिर करने के कारण आलोचकों के निशाने पर रहे भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर में कुछ गलतियां की थीं, लेकिन अब उन्हें अहसास हो गया है कि आपसी टकराव में शब्दों का उपयोग जरूरी नहीं होता है।
कोहली ने कहा, मैं स्वीकार करता हूं कि करियर के शुरू में मैंने कुछ गलतियां कीं और कभी ऐसा समय आया, जबकि मैं खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाया। मैंने ऐसे काम किए, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं करने चाहिए थे, लेकिन इसी तरह से आप सीखते हैं।
इस 25-वर्षीय बल्लेबाज को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए प्रशंसा मिलती है, लेकिन टकराव की स्थितियों में बहुत आक्रामक होने के लिए उनकी आलोचना भी की जाती है। कोहली ने कहा कि अब वह काफी परिपक्व हो गए हैं।
कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच का हवाला देते हुए कहा, पिछले मैच में गेंदबाज ने मुझे आंख दिखाई और मैंने भी ऐसा ही किया। मैंने कुछ नहीं कहा। मुझे अहसास हो गया है कि आपको अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी, लेकिन हमेशा शब्दों के जरिये ऐसा करना जरूरी नहीं है। आप अपने बल्ले से ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि विरोधी टीम मुझे आउट करना चाहती है और वे मेरी एकाग्रता भंग करना चाहती है, लेकिन इससे मुझे अपना विकेट बचाए रखने का एक और कारण मिलता है। इसलिए मैं जंग में तो शामिल रहता हूं, लेकिन अब मैं समझ गया है कि हर समय बोलना जरूरी नहीं है और इसकी बजाय मुझे बल्ले से जवाब देना चाहिए।
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