
कोलकाता में लक्ष्मण ने 281 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी. (फाइल फोटो)
मुंबई:
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज टीम इंडिया के हाथों में 2001 में मिली हार को अब तक हजम नहीं कर पाए हैं. तभी तो वह समय-समय पर वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के उस सीरीज में किए गए प्रदर्शन की चर्चा करते रहते हैं. खासतौर से उस दौरे में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी के मध्यक्रम के खास स्तंभ रहे रिकी पोंटिंग को तो इसका खासा मलाल है, क्योंकि उनकी टीम उस समय किसी भी टीम को उसके घर में हारने में सक्षम थी, लेकिन भारत के खिलाफ बढ़त के बावजूद वह ऐसा नहीं कर पाई. बुधवार को एक कार्यक्रम में रिकी पोंटिंग ने एक बार फिर उस दौरे की चर्चा की और सीरीज को अपने क्रिकेट करियर की सबसे आश्चर्यजनक और रोमांचकारी परिणाम देने वाली बताया. आइए जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के 2001 के भारत दौरे में ऐसा क्या हुआ था कि रिकी पॉन्टिंग उसे भुला नहीं पा रहे हैं और उन्होंने इसके बारे में क्या कहा है...
पोंटिंग ने इस संपूर्ण सीरीज के बारे में भी राय रखी. उन्होंने कहा, '2001 की सीरीज मेरे द्वारा खेली गई सीरीजों में सबसे रोमांचक रही. भले ही हम सीरीज हार गए, लेकिन उसमें जिस स्तर का क्रिकेट खेला गया और सीरीज में जो उत्साह व रोमांच था, साथ ही पूरी सीरीज में दर्शकों की जो उपस्थिति रही, यह सब अविश्वसनीय था.'
पहला मैच : मुंबई में टीम इंडिया की करारी हार
हालांकि टीम इंडिया घरेलू मैदान पर हर टीम पर भारी पड़ती है, लेकिन 2001 में मैथ्यू हेडन, स्टीव वॉ, मार्क वॉ, माइकल स्लेटर, एडम गिलक्रिस्ट और रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गजों से सजी ऑस्ट्रेलियाई टीम किसी भी मैदान पर जीतने का माद्दा रखती थी और उसने खुद को साबित भी किया था. उनके इस भारत दौरे में खेले गए पहले टेस्ट को ही लीजिए, वह बिल्कुल वर्ल्ड चैंपियन सरीखे खेली थी और सौरव गांगुली की कप्तानी में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही टीम इंडिया को हर मायने में पराजित किया था. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में सचिन तेंदुलकर के 76 रनों की मदद से महज 176 रन बनाए थे, शेन वॉर्न (4 विकेट) और ग्लेन मैक्ग्रा (3 विकेट) ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया. जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 349 रन बना दिए और 173 रन की बढ़त हासिल कर ली. दूसरी पारी में भी टीम इंडिया के लिए कुछ नहीं बदला और वह पहली पारी से थोड़ा अधिक स्कोर 219 रन ही बना पाई और फिर क्या था ऑस्ट्रेलिया ने 47 रनों के लक्ष्य को बिना विकेट खोए हासिल कर लिया और सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. ऐसा लगने लगा कि वह भारतीय जमीन पर सीरीज जीत लेगी..
दूसरा मैच : कोलकाता में फॉलोऑन, द्रविड़-लक्ष्मण का धमाका
पहला मैच हारने के बाद सौरव गांगुली ने अपनी छवि के अनुरूप टीम इंडिया को लड़ने का माद्दा दिया और हार नहीं मानते हुए वापसी के लिए प्रेरित किया. हालांकि इस मैच में भी ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करके टीम इंडिया को 171 रन पर ऑलआउट कर दिया और भारत को फॉलोऑन खेलना पड़ा. लग रहा था कि 274 रन से पीछे चल रहा भारत अब मैच हार जाएगा, लेकिन फॉलोऑन में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने जो किया वह स्वर्णिम इतिहास हो गया.. 232 रन पर 4 विकेट गिर गए थे और क्रीज पर थे लक्ष्मण व द्रविड़. दोनों ने न केवल चौथे दिन दिनभर और पांचवें दिन के कुछ हिस्से में बल्लेबाजी की, बल्कि टीम इंडिया को अच्छी खासी बढ़त (384 रन) दिला दी. लक्ष्मण ने 281, तो द्रविड़ ने 180 रन की पारी खेली. बाद में टीम इंडिया ने अंतिम दिन के 68.3 ओवरों में ऑस्ट्रेलिया को 212 रन पर समेटकर मैच 171 रन से जीत लिया. दूसरी पारी में हरभजन सिंह ने 6 विकेट लिए और सचिन ने भी 3 विकेट लिए.
इस मैच के बारे में पोंटिंग की राय
ऑस्ट्रेलिया के 41 साल के पूर्व कप्तान पोंटिंग ने मुंबई की जीत को याद करते हुए कहा, "हम जीतकर (मुंबई में)... कोलकाता पहुंचे...यदि आप (कमेंटेटर) हर्षा भोगले से उनके सबसे यादगार टेस्ट मैच के बारे में पूछेंगे, तो निश्चित रूप से कोलकाता टेस्ट उनकी सूची में सबसे ऊपर होगा. फॉलोऑन के बाद लक्ष्मण के 280 और द्रविड़ के 180 रन की मदद से टीम इंडिया ने पारी घोषित करते हुए कुछ सौ का ही लक्ष्य दिया और फिर उनके पास हमें आउट करने के लिए लगभग एक सत्र से थोड़ा अधिक समय ही था, लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया...' 'यह हमारे लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए गर्व का पल था. फिर हम तीसरे टेस्ट के लिए चेन्नई पहुंचे..जहां भारत ने जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली..कितनी रोमांचक सीरीज थी वह...'
तीसरा मैच : चेन्नई में भज्जी के आगे नाचे ऑस्ट्रेलियाई
चेन्नई में खेले गए तीसरे मैच में तो टीम इंडिया के नवोदित स्पिनर हरभजन सिंह फॉर्म में आ चुके थे, वहीं बल्लेबाज भी लय पकड़ चुके थे. हो भी क्यों न कोलकाता की जीत ने संजीवनी का काम जो किया था. ऑस्ट्रेलिया ने यहां भी पहली पारी में 391 रन का बड़ा स्कोर बनाया. भज्जी ने 7 विकेट लिए. जवाब में भारत ने 501 रन बनाकर बड़ी बढ़त हासिल कर ली (तेंदुलकर- 126 रन, शिवसुंदर दास- 84 और द्रविड़- 81 रन). दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 264 रन पर सिमट गई. इस बार भज्जी ने 8 विकेट चटकाए. भारत को 155 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया. हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने कड़ी टक्कर दी और एक समय टीम इंडिया दबाव में थी, लेकिन लक्ष्मण की 66 रनों की पारी से जीत मिल गई.
(इनपुट पीटीआई से भी)
पोंटिंग ने इस संपूर्ण सीरीज के बारे में भी राय रखी. उन्होंने कहा, '2001 की सीरीज मेरे द्वारा खेली गई सीरीजों में सबसे रोमांचक रही. भले ही हम सीरीज हार गए, लेकिन उसमें जिस स्तर का क्रिकेट खेला गया और सीरीज में जो उत्साह व रोमांच था, साथ ही पूरी सीरीज में दर्शकों की जो उपस्थिति रही, यह सब अविश्वसनीय था.'
पहला मैच : मुंबई में टीम इंडिया की करारी हार
हालांकि टीम इंडिया घरेलू मैदान पर हर टीम पर भारी पड़ती है, लेकिन 2001 में मैथ्यू हेडन, स्टीव वॉ, मार्क वॉ, माइकल स्लेटर, एडम गिलक्रिस्ट और रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गजों से सजी ऑस्ट्रेलियाई टीम किसी भी मैदान पर जीतने का माद्दा रखती थी और उसने खुद को साबित भी किया था. उनके इस भारत दौरे में खेले गए पहले टेस्ट को ही लीजिए, वह बिल्कुल वर्ल्ड चैंपियन सरीखे खेली थी और सौरव गांगुली की कप्तानी में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही टीम इंडिया को हर मायने में पराजित किया था. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में सचिन तेंदुलकर के 76 रनों की मदद से महज 176 रन बनाए थे, शेन वॉर्न (4 विकेट) और ग्लेन मैक्ग्रा (3 विकेट) ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया. जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 349 रन बना दिए और 173 रन की बढ़त हासिल कर ली. दूसरी पारी में भी टीम इंडिया के लिए कुछ नहीं बदला और वह पहली पारी से थोड़ा अधिक स्कोर 219 रन ही बना पाई और फिर क्या था ऑस्ट्रेलिया ने 47 रनों के लक्ष्य को बिना विकेट खोए हासिल कर लिया और सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. ऐसा लगने लगा कि वह भारतीय जमीन पर सीरीज जीत लेगी..
दूसरा मैच : कोलकाता में फॉलोऑन, द्रविड़-लक्ष्मण का धमाका
पहला मैच हारने के बाद सौरव गांगुली ने अपनी छवि के अनुरूप टीम इंडिया को लड़ने का माद्दा दिया और हार नहीं मानते हुए वापसी के लिए प्रेरित किया. हालांकि इस मैच में भी ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करके टीम इंडिया को 171 रन पर ऑलआउट कर दिया और भारत को फॉलोऑन खेलना पड़ा. लग रहा था कि 274 रन से पीछे चल रहा भारत अब मैच हार जाएगा, लेकिन फॉलोऑन में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने जो किया वह स्वर्णिम इतिहास हो गया.. 232 रन पर 4 विकेट गिर गए थे और क्रीज पर थे लक्ष्मण व द्रविड़. दोनों ने न केवल चौथे दिन दिनभर और पांचवें दिन के कुछ हिस्से में बल्लेबाजी की, बल्कि टीम इंडिया को अच्छी खासी बढ़त (384 रन) दिला दी. लक्ष्मण ने 281, तो द्रविड़ ने 180 रन की पारी खेली. बाद में टीम इंडिया ने अंतिम दिन के 68.3 ओवरों में ऑस्ट्रेलिया को 212 रन पर समेटकर मैच 171 रन से जीत लिया. दूसरी पारी में हरभजन सिंह ने 6 विकेट लिए और सचिन ने भी 3 विकेट लिए.
इस मैच के बारे में पोंटिंग की राय
ऑस्ट्रेलिया के 41 साल के पूर्व कप्तान पोंटिंग ने मुंबई की जीत को याद करते हुए कहा, "हम जीतकर (मुंबई में)... कोलकाता पहुंचे...यदि आप (कमेंटेटर) हर्षा भोगले से उनके सबसे यादगार टेस्ट मैच के बारे में पूछेंगे, तो निश्चित रूप से कोलकाता टेस्ट उनकी सूची में सबसे ऊपर होगा. फॉलोऑन के बाद लक्ष्मण के 280 और द्रविड़ के 180 रन की मदद से टीम इंडिया ने पारी घोषित करते हुए कुछ सौ का ही लक्ष्य दिया और फिर उनके पास हमें आउट करने के लिए लगभग एक सत्र से थोड़ा अधिक समय ही था, लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया...' 'यह हमारे लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए गर्व का पल था. फिर हम तीसरे टेस्ट के लिए चेन्नई पहुंचे..जहां भारत ने जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली..कितनी रोमांचक सीरीज थी वह...'
तीसरा मैच : चेन्नई में भज्जी के आगे नाचे ऑस्ट्रेलियाई
चेन्नई में खेले गए तीसरे मैच में तो टीम इंडिया के नवोदित स्पिनर हरभजन सिंह फॉर्म में आ चुके थे, वहीं बल्लेबाज भी लय पकड़ चुके थे. हो भी क्यों न कोलकाता की जीत ने संजीवनी का काम जो किया था. ऑस्ट्रेलिया ने यहां भी पहली पारी में 391 रन का बड़ा स्कोर बनाया. भज्जी ने 7 विकेट लिए. जवाब में भारत ने 501 रन बनाकर बड़ी बढ़त हासिल कर ली (तेंदुलकर- 126 रन, शिवसुंदर दास- 84 और द्रविड़- 81 रन). दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 264 रन पर सिमट गई. इस बार भज्जी ने 8 विकेट चटकाए. भारत को 155 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया. हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने कड़ी टक्कर दी और एक समय टीम इंडिया दबाव में थी, लेकिन लक्ष्मण की 66 रनों की पारी से जीत मिल गई.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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