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This Article is From Dec 17, 2014

मुद्गल रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, 'नाराज़' कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

मुद्गल रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, 'नाराज़' कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
एन श्रीनिवासन का फाइल चित्र
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस मुकुल मुद्गल रिपोर्ट पर कोर्ट में बुधवार को बहस पूरी हो गई, और कोर्ट ने एन श्रीनिवासन के बीसीसीआई में भविष्य तथा चेन्नई सुपरकिंग्स के भविष्य पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि किन-किन अधिकारियों और खिलाड़ियों के व्यावसायिक हित बीसीसीआई से जुड़े हुए हैं।

बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इसका खुलासा किया कि सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, रवि शास्त्री और कृष्णामाचारी श्रीकांत, ये वे कुछ पूर्व खिलाड़ी हैं, जिनके व्यावसायिक हित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और चैम्पियन्स लीग टी-20 से जुड़े हुए हैं। यहां तक कि मुख्य चयनकर्ता रहते हुए श्रीकांत चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के ब्रांड एम्बैसेडर बनाए गए थे।

यह लिस्ट देखते ही सुप्रीम कोर्ट का गुस्सा फूट पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने हितों के टकराव के मामले पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि हितों के टकराव की गहरी जड़ों ने क्रिकेट को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। एक चयनकर्ता कैसे किसी टीम से जुड़ सकता है...? अदालत ने जानना चाहा कि कमेंटेटर के व्यावसायिक हित खेल से कैसे जुड़े हो सकते हैं।

लेकिन भारतीय टीम के कप्तान रहे सुनील गावस्कर का कहना है कि वह बीसीसीआई के प्रबंधक या प्रशासक हैं ही नहीं, उनका सिर्फ व्यावसायिक हित है। गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, मैं बीसीसीआई का अधिकारी नहीं हूं। वर्ष 2008-09 में मुझे तकनीकी समिति का अध्यक्ष ज़रूर बनाया गया था, लेकिन अब मैं किसी पद पर नहीं हूं। इस साल माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मुझे आईपीएल का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन अब मैं बोर्ड के किसी पद पर नहीं हूं।

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के क्लॉज 6.2.4 में बदलाव पर भी कड़ी आपत्ति जताई। पहले इस नियम के अनुसार बीसीसीआई के किसी मैच या कार्यक्रम में किसी भी प्रबंधक या प्रशासक का सीधा व्यावसायिक हित नहीं होना चाहिए। बाद में नियम बदल दिया गया और इसमें आईपीएल और चैम्पियन्स लीग टी-20 को अपवाद की श्रेणी में रख दिया गया।

जस्टिस मुद्गल रिपोर्ट पर बहस अब खत्म हो चुकी है। करीब एक महीने चली बहस में एन श्रीनिवासन, गुरुनाथ मयप्पन, राज कुंद्रा, आईपीएल के सीओओ सुंदर रमन और क्रिकेट एसोसिएशन के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा के वकील शामिल हुए। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष आईएस बिंद्रा और वकील राहुल मेहरा 'इंटरवीनर्स' थे।

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