मुम्बई:
बम्बई उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स के बीच जारी विवाद की सुनवाई 24 सितम्बर तक के लिए टाल दी है। अदालत ने कहा कि सुनवाई तक यथास्थिति बनी रहनी चाहिए।
उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बीसीसीआई अब इस फ्रेंचाइजी के सम्बंध में कोई अगला कदम नहीं उठा सकती। इसके तहत वह आईपीएल में नई टीम को शामिल करने सम्बंधी ताजा निविदा जारी नहीं कर सकती है।
अदालत के फैसले के बाद बीसीसीआई वह 33 करोड़ रुपये भी हासिल नहीं कर सकती, जो उसे चार्जर्स की ओर से यस बैंक ने दिए हैं।
चार्जर्स ने बीते दिनों अपनी खरीद के लिए निविदा जारी की थी लेकिन सिर्फ एक खरीदार सामने आया था, जिसे उसने नकार दिया था। इसके बाद शुक्रवार को बीसीसीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार्जर्स का करार रद्द कर दिया था। आईपीएल की गर्वनिंग काउंसिल की आपात बैठक में लिए गए इस फैसले को चार्जर्स ने अदालत में चुनौती दी थी।
चार्जर्स ने अपनी याचिका में कहा कि बीसीसीआई का फैसला अवैध है। चार्जर्स ने अदालत से बीसीसीआई के उस कदम पर रोक लगाने की मांग की, जिसके तहत वह अपनी ओर से हैदराबाद टीम के लिए नई विविदा जारी करने पर विचार कर रहा है।
बीसीसीआई ने अपनी दलील में कहा कि अब तक हैदराबाद टीम को फिर से खड़ा करने के लिए कोई निविदा जारी नहीं हुई है। इस पर अदालत ने कहा कि इसकी सुनवाई 24 सितम्बर को होगी लेकिन तब तक यथास्थिति बनी रहनी चाहिए।
उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बीसीसीआई अब इस फ्रेंचाइजी के सम्बंध में कोई अगला कदम नहीं उठा सकती। इसके तहत वह आईपीएल में नई टीम को शामिल करने सम्बंधी ताजा निविदा जारी नहीं कर सकती है।
अदालत के फैसले के बाद बीसीसीआई वह 33 करोड़ रुपये भी हासिल नहीं कर सकती, जो उसे चार्जर्स की ओर से यस बैंक ने दिए हैं।
चार्जर्स ने बीते दिनों अपनी खरीद के लिए निविदा जारी की थी लेकिन सिर्फ एक खरीदार सामने आया था, जिसे उसने नकार दिया था। इसके बाद शुक्रवार को बीसीसीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार्जर्स का करार रद्द कर दिया था। आईपीएल की गर्वनिंग काउंसिल की आपात बैठक में लिए गए इस फैसले को चार्जर्स ने अदालत में चुनौती दी थी।
चार्जर्स ने अपनी याचिका में कहा कि बीसीसीआई का फैसला अवैध है। चार्जर्स ने अदालत से बीसीसीआई के उस कदम पर रोक लगाने की मांग की, जिसके तहत वह अपनी ओर से हैदराबाद टीम के लिए नई विविदा जारी करने पर विचार कर रहा है।
बीसीसीआई ने अपनी दलील में कहा कि अब तक हैदराबाद टीम को फिर से खड़ा करने के लिए कोई निविदा जारी नहीं हुई है। इस पर अदालत ने कहा कि इसकी सुनवाई 24 सितम्बर को होगी लेकिन तब तक यथास्थिति बनी रहनी चाहिए।
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Deccan Chargers, डेक्कन चार्जर्स मामले में सुनवाई