हैदराबाद:
जब भी अरविंद पुजारा अपने बेटे चेतेश्वर को टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी करते हुए देखते हैं तो अपने बेटे को दिलोजान से चाहने वाला यह पिता कोच बन जाता है। चेतेश्वर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां दूसरे टेस्ट मैच में दोहरा शतक जमाया। उनके पिता इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं।
चेतेश्वर पुजारा के पिता ने राजकोट में अपने आवास से कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक हमेशा विशेष उपलब्धि होती है, लेकिन मैं चेतेश्वर से कहूंगा कि उसे हुक शॉट खेलने से बचना चाहिए। वह मुझसे कहेगा कि यह स्कोरिंग शॉट है, लेकिन मेरा मानना है कि यह जोखिम भरा है। वह हुक शॉट खेलकर आउट हो रहा है। फिर उनके हिसाब से उनके बेटे को कौन-से शॉट खेलने चाहिए, इस पर उन्होंने कहा, जब वह ‘वी’ आकार देकर खेलता है तो वह बेहतरीन बल्लेबाज नजर आता है। उसे गैर-परंपरागत शॉट खेलने की जरूरत नहीं है। वह स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव और ऑन ड्राइव खेलकर ढेरों रन जुटा सकता है। वह बल्ले को इस कोण पर लाकर दिनभर खेल सकता है और उसे ऐसा ही करना चाहिए।
62 वर्षीय अरविंद ने सौराष्ट्र की तरफ से छह प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, लेकिन उनका बेटा इससे काफी आगे निकलकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाला दूसरा भारतीय बन गया। उन्होंने कहा, चेतेश्वर को जो चीज खास बनाती है, वह उनकी बड़े शतक लगाने की भूख। यदि वह शतक बनाकर नाबाद है तो वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगले दिन भी वह अच्छा खेलना जारी रखे। इसलिए उसने प्रथम श्रेणी मैचों में इतने अधिक दोहरे और तिहरे शतक लगाए हैं। अब वह टेस्ट मैचों में भी ऐसी फॉर्म दिखा रहा है। मुझे उम्मीद है कि वह लगातार ऐसा प्रदर्शन करेगा।
चेतेश्वर पुजारा के पिता ने राजकोट में अपने आवास से कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक हमेशा विशेष उपलब्धि होती है, लेकिन मैं चेतेश्वर से कहूंगा कि उसे हुक शॉट खेलने से बचना चाहिए। वह मुझसे कहेगा कि यह स्कोरिंग शॉट है, लेकिन मेरा मानना है कि यह जोखिम भरा है। वह हुक शॉट खेलकर आउट हो रहा है। फिर उनके हिसाब से उनके बेटे को कौन-से शॉट खेलने चाहिए, इस पर उन्होंने कहा, जब वह ‘वी’ आकार देकर खेलता है तो वह बेहतरीन बल्लेबाज नजर आता है। उसे गैर-परंपरागत शॉट खेलने की जरूरत नहीं है। वह स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव और ऑन ड्राइव खेलकर ढेरों रन जुटा सकता है। वह बल्ले को इस कोण पर लाकर दिनभर खेल सकता है और उसे ऐसा ही करना चाहिए।
62 वर्षीय अरविंद ने सौराष्ट्र की तरफ से छह प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, लेकिन उनका बेटा इससे काफी आगे निकलकर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाला दूसरा भारतीय बन गया। उन्होंने कहा, चेतेश्वर को जो चीज खास बनाती है, वह उनकी बड़े शतक लगाने की भूख। यदि वह शतक बनाकर नाबाद है तो वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगले दिन भी वह अच्छा खेलना जारी रखे। इसलिए उसने प्रथम श्रेणी मैचों में इतने अधिक दोहरे और तिहरे शतक लगाए हैं। अब वह टेस्ट मैचों में भी ऐसी फॉर्म दिखा रहा है। मुझे उम्मीद है कि वह लगातार ऐसा प्रदर्शन करेगा।
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