
हर्षा भोगले को IPL 2016 से कमेंटेटर अनुबंध सूची में जगह नहीं मिली है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
किसी कमेंटेटर को टीम इंडिया की आलोचना करना कितना भारी पड़ सकता है, इसे आप प्रसिद्ध कमेंटेटर हर्षा भोगले (Harsha Bhogle) के साथ हुए व्यवहार से समझ सकते हैं. माना जाता है कि भोगले को आईसीसी टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया को लेकर की गई कड़ी टिप्पणियों की सजा मिली थी. वैसे प्रोफेशनली देखा जाए, तो एक कमेंटेटर का काम मैच में अच्छे और बुरे प्रदर्शन पर तटस्थ राय व्यक्त करना होता है. फिर चाहे वह खुद के देश के खिलाफ ही क्यों न हो, लेकिन ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स चैनल की ओर से कई बार बेस्ट कमेंटेटर का अवॉर्ड जीत चुके भोगले को ऐसा करने के बाद आईपीएल 2016 से ठीक पहले कमेंटेटर की भूमिका से ही हटा दिया गया और फिर उन्हें इसका मौका नहीं मिला. हालांकि इसके पीछे बोर्ड ने कोई कारण नहीं बताया. अब भोगले ने लंबे समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इस पर कुछ कहा है...
हर्षा भोगले ने टी-20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ भारत की संघर्षपूर्ण जीत पर भारतीय खिलाड़ियों की आलोचना करते हुए बांग्लादेश के खेल की जमकर तारीफ की थी. इस पर बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया था, जिसे उस समय टीम इंडिया के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने भी रीट्वीट किया था. इसके बाद हर्षा भोगले को सोशल मीडिया पर काफी ट्रॉल भी किया गया था.
इस पर एमएस धोनी (MS Dhoni) ने बच्चन को रीट्वीट किया था...
अब इस पर हर्षा भोगले ने इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा है, "मुझे किसी ने नहीं बताया कि इसका कारण (हटाए जाने का) क्या है.'
भोगले ने इस पर चर्चा करते हुए आगे कहा, ''यदि किसी और ने यह कहा होता कि 'आप ठीक नहीं हैं', तो कोई बात नहीं रहती. लेकिन कुछ बड़े खिलाड़ियों ने ऐसा कहा. मान लीजिए कि मुझसे कहा जाता कि मैंने ब्रॉडकास्टिंग आचार संहिता का उल्लंघन किया है, तो उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन कोई भी यह बात मेरे सामने आकर नहीं कह सका.'
उस समय कुछ ऐसी खबरें आईं थी कि टीम इंडिया के कुछ सीनियर खिलाड़ी भोगले की टिप्पणी से खुश नहीं हैं. इस पर भोगले ने कहा कि जब सचिन तेंदुलकर जैसे लीजेंड खिलाड़ी खेलते थे, तो उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं होती थी कि उन्होंने कमेंट्री बॉक्स में क्या कहा है.
हर्षा भोगले से जब यह पूछा गया कि मौजूदा भारतीय टीम में आपका सबसे अच्छा दोस्त कौन है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, कभी कभी ज्यादा दोस्त नहीं होना ज्यादा अच्छा होता है.
55 साल के हो चुके हर्षा ने कहा, ''लेकिन मैं क्रिकेटरों की पिछली पीढ़ी को मिस करता हूं. सचिन, राहुल (द्रविड़), अनिल (कुंबले), सौरव (गांगुली), श्रीनाथ, लक्ष्मण... यह बहुत ही शानदार पीढ़ी थी, जिनके दौर में मुझे इस पर ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं होती थी कि मैं क्या कह रहा हूं. जब सचिन संघर्ष कर रहे थे तो मैंने कहा था, ' ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई राजा आम आदमी वाली गलियों में भटक रहा है.' लेकिन इस पर मुझे किसी से भी यह सुनने को नहीं मिला कि सचिन को यह बात पसंद नहीं आई.'
हर्षा भोगले ने आगे कहा, ‘सौरव गांगुली के साथ कमेंट्री करते हुए मैं स्वतंत्र रूप से अपनी बात कह सकता था. एक बार मैंने सौरव की बात को खारिज करते हुए कहा था, आप उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने आला दर्जे का क्रिकेट खेला है. सौरव ने जवाब दिया, आपने कितने विश्व कप को कवर किया है? अपनी बात कहिए, मैं जानना चाहता हूं कि आप क्या सोचते हैं?’ हर्षा ने कहा, 'मुझे कमेंट्री करने से रोकने के पीछे वजह नहीं बताई गई. यह मेरे लिए एक सबक की तरह है. सबको लगता है की दरवाजे बंद हो चुके हैं और यह सही भी है, लेकिन खिड़कियां अभी भी खुली हैं.'
हर्षा भोगले ने टी-20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ भारत की संघर्षपूर्ण जीत पर भारतीय खिलाड़ियों की आलोचना करते हुए बांग्लादेश के खेल की जमकर तारीफ की थी. इस पर बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया था, जिसे उस समय टीम इंडिया के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने भी रीट्वीट किया था. इसके बाद हर्षा भोगले को सोशल मीडिया पर काफी ट्रॉल भी किया गया था.
T 2184 - With all due respects, it would be really worthy of an Indian commentator to speak more about our players than others all the time.
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) March 23, 2016
इस पर एमएस धोनी (MS Dhoni) ने बच्चन को रीट्वीट किया था...
Nothing to add https://t.co/8rBel3vw4o
— Mahendra Singh Dhoni (@msdhoni) March 23, 2016
अब इस पर हर्षा भोगले ने इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा है, "मुझे किसी ने नहीं बताया कि इसका कारण (हटाए जाने का) क्या है.'
भोगले ने इस पर चर्चा करते हुए आगे कहा, ''यदि किसी और ने यह कहा होता कि 'आप ठीक नहीं हैं', तो कोई बात नहीं रहती. लेकिन कुछ बड़े खिलाड़ियों ने ऐसा कहा. मान लीजिए कि मुझसे कहा जाता कि मैंने ब्रॉडकास्टिंग आचार संहिता का उल्लंघन किया है, तो उससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन कोई भी यह बात मेरे सामने आकर नहीं कह सका.'
उस समय कुछ ऐसी खबरें आईं थी कि टीम इंडिया के कुछ सीनियर खिलाड़ी भोगले की टिप्पणी से खुश नहीं हैं. इस पर भोगले ने कहा कि जब सचिन तेंदुलकर जैसे लीजेंड खिलाड़ी खेलते थे, तो उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं होती थी कि उन्होंने कमेंट्री बॉक्स में क्या कहा है.
हर्षा भोगले से जब यह पूछा गया कि मौजूदा भारतीय टीम में आपका सबसे अच्छा दोस्त कौन है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, कभी कभी ज्यादा दोस्त नहीं होना ज्यादा अच्छा होता है.
55 साल के हो चुके हर्षा ने कहा, ''लेकिन मैं क्रिकेटरों की पिछली पीढ़ी को मिस करता हूं. सचिन, राहुल (द्रविड़), अनिल (कुंबले), सौरव (गांगुली), श्रीनाथ, लक्ष्मण... यह बहुत ही शानदार पीढ़ी थी, जिनके दौर में मुझे इस पर ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं होती थी कि मैं क्या कह रहा हूं. जब सचिन संघर्ष कर रहे थे तो मैंने कहा था, ' ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई राजा आम आदमी वाली गलियों में भटक रहा है.' लेकिन इस पर मुझे किसी से भी यह सुनने को नहीं मिला कि सचिन को यह बात पसंद नहीं आई.'
हर्षा भोगले ने आगे कहा, ‘सौरव गांगुली के साथ कमेंट्री करते हुए मैं स्वतंत्र रूप से अपनी बात कह सकता था. एक बार मैंने सौरव की बात को खारिज करते हुए कहा था, आप उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने आला दर्जे का क्रिकेट खेला है. सौरव ने जवाब दिया, आपने कितने विश्व कप को कवर किया है? अपनी बात कहिए, मैं जानना चाहता हूं कि आप क्या सोचते हैं?’ हर्षा ने कहा, 'मुझे कमेंट्री करने से रोकने के पीछे वजह नहीं बताई गई. यह मेरे लिए एक सबक की तरह है. सबको लगता है की दरवाजे बंद हो चुके हैं और यह सही भी है, लेकिन खिड़कियां अभी भी खुली हैं.'
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