आर.अश्विन के अलावा रवींद्र जडेजा भी फाइनल में बेहद महंगे साबित हुए (फाइल फोटो)
लंदन:
चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया की हार के बाद प्रमुख खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर छींटाकशी का दौर शुरू हो गया है. टीम इंडिया के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के प्रदर्शन की खास तौर पर आलोचना की जा रही है. वैसे टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने हाल के समय में वनडे क्रिकेट में रविचंद्रन अश्विन के औसत प्रदर्शन को लेकर उनका बचाव किया है. कोहली का मानना है कि इस प्रारूप में सपाट पिचों पर गेंदबाजी करने की चुनौती को देखते हुए अश्विन की आलोचना करना अनुचित है. अश्विन के अलावा लेग स्पिनर रवींद्र जडेजा भी फाइनल मैच में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए.
फाइनल मैच में पाकिस्तान के ओपनर फखर जमां ने अश्विन को निशाना बनाया. इस ऑफ स्पिनर ने कल टीम इंडिया की 180 रन की हार के दौरान 10 ओवर मे 70 रन खर्च किए जबकि उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. यही नहीं, अश्विन ने टूर्नामेंट में तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट हासिल किया जबकि इस दौरान उन्होंने 29 ओवर में 167 रन खर्च किए. वह अपने पिछले 10 वनडे मैचों में सिर्फ नौ विकेट हासिल कर पाए हैं.कोहली से जब यह पूछा गया कि क्या वनडे में खराब रिकार्ड को देखते हुए अश्विन को अपनी योजनाओं पर दोबारा काम करना होगा तो उन्होंने इस सीनियर गेंदबाज का बचाव करते हुए कहा, 'सपाट पिच पर प्रत्येक स्पिनर को चुनौती का सामना करना पड़ता है और प्रत्येक स्पिनर के खिलाफ रन बनते हैं. विशेषकर इस तरह के विकेटों पर जहां अगर बल्लेबाज लय में आ जाए तो स्पिनर के लिए काफी मुश्किल हो जाती है और अक्रॉस द लाइन स्लॉग करने के बाद भी बल्लेबाज आउट नहीं होते. '
उन्होंने कहा, 'आप स्पिनर के रूप में काफी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि आप उसे वहीं खिला रहे हो जहां खिलाना चाहते हो लेकिन इसके बावजूद वह शॉट खेल रहा है.' कोहली ने दो स्पिनरों को खिलाने के फैसले का भी बचाव किया जब उन्होंने 18 ओवर में 147 रन लुटाए. उन्होंने कहा, 'श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद हमने संयोजन तैयार किया था. दो स्पिनरों ने हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन किया था. हमने जो संयोजन खिलाया उसे लेकर मुझे कोई मलाल नहीं है और श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद से हम उसी संयोजन के साथ खेल रहे थे.'
शीर्ष तीन बल्लेबाज एक साथ नाकाम रहे और इसमें कोई हैरानी नहीं कि कप्तान इससे निराश हैं. उन्होंने कहा, 'बेशक जब आप आउट हो जाते हो या बल्लेबाजी सामूहिक रूप से नहीं चलती को बुरा लगता है. टीम के लिए योगदान नहीं देने पर सभी को बुरा लगता है.' कोहली ने निराशा जताते हुए कहा, 'हां, मैं भी इसी तरह की भावनाओं को महसूस करता हूं लेकिन आपको पता है कि आपने पर्याप्त खेल लिया है कि आप समझ सको कि आपकी भूमिका क्या है, आप अपना सर्वश्रेष्ठ करते हो और इसके बाद किसी चीज पर आपका नियंत्रण नहीं होता.' कोहली ने हालांकि पाकिस्तान टीम की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, 'अंत में कभी कभी आपको विपक्षी टीम के कौशल को स्वीकार करना होता है और उसकी सराहना करनी होती है. ऐसा नहीं है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास नहीं किया. हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन आज चीजें हमारे पक्ष में नहीं रही.' (भाषा से इनपुट)
फाइनल मैच में पाकिस्तान के ओपनर फखर जमां ने अश्विन को निशाना बनाया. इस ऑफ स्पिनर ने कल टीम इंडिया की 180 रन की हार के दौरान 10 ओवर मे 70 रन खर्च किए जबकि उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. यही नहीं, अश्विन ने टूर्नामेंट में तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट हासिल किया जबकि इस दौरान उन्होंने 29 ओवर में 167 रन खर्च किए. वह अपने पिछले 10 वनडे मैचों में सिर्फ नौ विकेट हासिल कर पाए हैं.कोहली से जब यह पूछा गया कि क्या वनडे में खराब रिकार्ड को देखते हुए अश्विन को अपनी योजनाओं पर दोबारा काम करना होगा तो उन्होंने इस सीनियर गेंदबाज का बचाव करते हुए कहा, 'सपाट पिच पर प्रत्येक स्पिनर को चुनौती का सामना करना पड़ता है और प्रत्येक स्पिनर के खिलाफ रन बनते हैं. विशेषकर इस तरह के विकेटों पर जहां अगर बल्लेबाज लय में आ जाए तो स्पिनर के लिए काफी मुश्किल हो जाती है और अक्रॉस द लाइन स्लॉग करने के बाद भी बल्लेबाज आउट नहीं होते. '
उन्होंने कहा, 'आप स्पिनर के रूप में काफी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि आप उसे वहीं खिला रहे हो जहां खिलाना चाहते हो लेकिन इसके बावजूद वह शॉट खेल रहा है.' कोहली ने दो स्पिनरों को खिलाने के फैसले का भी बचाव किया जब उन्होंने 18 ओवर में 147 रन लुटाए. उन्होंने कहा, 'श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद हमने संयोजन तैयार किया था. दो स्पिनरों ने हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन किया था. हमने जो संयोजन खिलाया उसे लेकर मुझे कोई मलाल नहीं है और श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद से हम उसी संयोजन के साथ खेल रहे थे.'
शीर्ष तीन बल्लेबाज एक साथ नाकाम रहे और इसमें कोई हैरानी नहीं कि कप्तान इससे निराश हैं. उन्होंने कहा, 'बेशक जब आप आउट हो जाते हो या बल्लेबाजी सामूहिक रूप से नहीं चलती को बुरा लगता है. टीम के लिए योगदान नहीं देने पर सभी को बुरा लगता है.' कोहली ने निराशा जताते हुए कहा, 'हां, मैं भी इसी तरह की भावनाओं को महसूस करता हूं लेकिन आपको पता है कि आपने पर्याप्त खेल लिया है कि आप समझ सको कि आपकी भूमिका क्या है, आप अपना सर्वश्रेष्ठ करते हो और इसके बाद किसी चीज पर आपका नियंत्रण नहीं होता.' कोहली ने हालांकि पाकिस्तान टीम की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, 'अंत में कभी कभी आपको विपक्षी टीम के कौशल को स्वीकार करना होता है और उसकी सराहना करनी होती है. ऐसा नहीं है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास नहीं किया. हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन आज चीजें हमारे पक्ष में नहीं रही.' (भाषा से इनपुट)
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