भारतीय टीम रोहित शर्मा की अगुवाई में विश्व कप 2023 अभियान का आगाज करने वाली है. भारत का सामना रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच होना है. विराट कोहली, रोहित शर्मा, आर अश्विन, मोहम्मद शमी आदि जैसे सुपरस्टार के लिए आखिरी विश्व कप हो सकता है. इन खिलाड़ियों की उम्र के चलते ऐसा माना जा रहा है. भारत ने साल 2011 में आखिरी बार वनडे विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था. टीम इंडिया के कई दिग्गज अक्सर इस बात को कहते हुए सुने जाते हैं कि साल 2011 में टीम इंडिया सचिन तेंदुलक के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी, क्योंकि वो सचिन का आखिरी वर्ल्ड कप था. ऐसे में सवाल होता है कि क्या विराट कोहली जैसे दिग्गज के लिए भी ऐसा ही होगा. टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी हरभजन सिंह ने इसका जवाब दिया है.
भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि 2023 वर्ल्ड कप की भारतीय टीम उतनी एकजुट है जितनी 2011 वर्ल्ड कप टीम थी. इंडिया टुडे पर बातचीत में हरभजन सिंह ने कहा,"दोनों टीमों के बीच एक बड़ा अंतर है. वह टीम (2011 विश्व कप विजेता भारतीय टीम) बहुत अधिक एकजुट थी. वे सचिन तेंदुलकर के लिए विश्व कप जीतना चाहते थे. उन्हें दूसरों से बहुत सम्मान मिला. मैं इस टीम के बारे में इसको निश्चित हूं. पता नहीं कौन विराट कोहली के लिए विश्व कप जीतना चाहता है. लेकिन, वे निश्चित रूप से भारत के लिए जीतना चाहते हैं. यह एक बड़ा अंतर है.'
हरभजन ने अपनी बात को आगे समझाते हुए बताया कि पूरी टीम सचिन तेंदुलकर का इस हद तक सम्मान करती थी कि वे सभी खिलाड़ी उनके लिए विश्व कप जीतना चाहते थे. उन्हें इस बात का यकीन नहीं है कि मौजूदा टीम में खिलाड़ी कोहली को लेकर इतने एकजुट हैं या नहीं. हरभजन सिंह ने कह,"2011 टीम के ड्रेसिंग रूम में सचिन तेंदुलकर को जो सम्मान मिला, वह तब से किसी अन्य खिलाड़ी को नहीं मिला. एमएस धोनी ने भी बहुत सम्मान अर्जित किया, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उसके बाद किसी भी खिलाड़ी के साथ ऐसा हुआ होगा."
हरभजन ने आगे बताया,"वे सभी (भारतीय खिलाड़ी) देश के लिए जीतना चाहते हैं, लेकिन किसी एक खिलाड़ी के लिए नहीं. विराट भी देश के लिए जीतना चाहेंगे, अपने लिए जीतना एक बोनस है. यह मेरा मानना है." पूर्व भारतीय स्पिनर ने आगे कहा,"यह भारत के लिए है. आप उस तिरंगे के लिए खेलते हैं. मैंने केवल भारत के लिए खेला, किसी व्यक्ति के लिए नहीं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे कप्तान सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ या एमएस धोनी थे, यह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता. यह सब मेरे लिए मायने रखता है यह था कि मैं भारत के लिए खेल रहा था. यह हमेशा 'भारत को जीतना चाहिए' के बारे में होता है, न कि 'विराट कोहली को जीतना चाहिए' या 'राहुल द्रविड़ को जीतना चाहिए."
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