
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे
टीम इंडिया को 'फर्श से अर्श' तक पहुंचाने का श्रेय गांगुली को ही जाता है
दादा की कप्तानी में टीम 1983 के बाद 2003 में वर्ल्डकप फाइनल तक पहुंची
'घर में शेर और बाहर मेमना' की इमेज बदली...
नब्बे के दशक में टीम इंडिया की इमेज 'घर में शेर और बाहर मेमना' की थी. दरअसल टीम घरेलू जमीन पर तो शानदार खेल रही थी, लेकिन विदेश के तेज और बाउंसी विकेट पर आसानी से हथियार डाल देती थी. टीम इंडिया को इस इमेज से बाहर निकालने का श्रेय सौरव गांगुली को ही जाता है.
ईंट का जवाब पत्थर से...
टीम इंडिया को अक्सर विदेशी टीमें जमकर स्लेज करती थीं. मैदान पर भारतीय टीम कभी भी जवाब नहीं देती थी, लेकिन गांगुली ने इस रवैये को बदल दिया. सौरव ने टीम को सिखाया की ईंट का जवाब पत्थर से देना है और विदेशी टीम को उसी भाषा में जवाब देना है जिस भाषा में स्लेज करती है.
टीम इंडिया की किस्मत बदल दी...
एक वक्त मैच फिक्सिंग के भूत ने टीम इंडिया पर कई सवाल खड़े कर दिए थे, जब टीम के कई खिलाड़ियों का नाम फिक्सिंग में आया था. तब लगा कि भारतीय क्रिकेट इस बड़े भूंचाल में नहीं बच पाएगा, लेकिन तभी चयनकर्ता ने गांगुली को कप्तान बनाया और दादा ने अपनी जांबाज कप्तानी से टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी. गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया 1983 के बाद 2003 में वर्ल्डकप के फाइनल तक पहुंची.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं