बेशक वर्ल्ड कप 2015 के सबसे रोमांचक मैच में ग्रांट इलियट के छक्के के सहारे न्यूज़ीलैंड ने वर्ल्ड कप में इतिहास कायम कर दिया। दक्षिण अफ़्रीकी टीम की ज़बरदस्त कोशिश एक बार फिर नाकाम रही, जबकि सातवीं बार सेमीफ़ाइनल खेल रही कीवी टीम पहली बार फ़ाइनल में जगह बनाने में कामयाब रही।
नई दिल्ली। पूरे मैच में कई बार जीत के समीकरण बदलते रहे। पहले बारिश की वजह से दक्षिण अफ़्रीका ने 43 ओवर में 5 विकेट खोकर 281 रन बना लिए। लेकिन जिस रफ़्तार से एबी डिविलियर्स और जेपी ड्यूमिनी बल्लेबाज़ी कर रहे थे, लगा कि प्रोटियाज़ 350 के आंकड़े तक पहुंच जाएंगे। लेकिन 1992 की तरह एक बार फिर बारिश ने प्रोटियाज़ के अरमानों पर पानी फेर दिया।
डकवर्थ लुइस नियम के मुताबिक न्यूज़ीलैंड को 43 ओवरों में 298 रन बनाने थे। कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम ने तेज़ रफ़्तार से 26 गेंदों पर 59 रन जोड़े लेकिन मॉर्नि मॉर्केल का शिकार बन गए। फिर आख़िर तक ये पलड़ा दोनों ओर झुकता रहा। 40वें ओवर में लगा कि न्यूज़ीलैंड के खिलाड़ी मैच को जीत की मंज़िल तक पहुंचा देंगे कि ल्यूक रौंची 8 रन बनाकर डेल स्टेन की गेंद पर आउट हो गए। आखिर पूर्व कप्तान डैनियल विटोरी और ग्रांट इलियट की जोड़ी के सामने 12 गेंदों पर 23 रन बनाने की मुश्किल चुनौती थी।
41.5 ओवर में इलियट के चौके के बाद ये समीकरण आखिरी 6 गेंदों पर 12 रनों का हो गया। दक्षिण अफ़्रीका की जी-तोड़ फ़ील्डिंग की वजह से ये लक्ष्य मुश्किल ही नज़र आ रहा था। डेल स्टेन की मांसपेशियों में ख़िचाव को दूर करने के लिए डॉक्टर को भी आना पड़ा। लेकिन आखिरी ओवर में 42.3वीं गेंद पर पहले विटोरी ने स्टेन के यॉर्कर को चौके के लिए बाउंड्री के पार पहुंचाया.
फिर 42.5 ओवर में ग्रांट इलियट ने अपने जीवन का शायद सबसे बेशकीमती छक्का (मैच का तीसरा और 66 वनडे में 17 छक्का) लगाकर न्यूज़ीलैंड को फ़ाइनल में पहुंचा दिया। ग्रांट इलियट का छक्का न्यूज़ीलैंड क्रिकेट के इतिहास का नूर बन गया है।
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