
इंग्लैंड पर लगातार दो टेस्ट जीत के बाद टीम इंडिया उत्साह से लबरेज है (फाइल फोटो)
टीम इंडिया ने मोहाली टेस्ट में इंग्लैंड को 8 विकेट से हराकर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली है. इंग्लैंड की पहली पारी को 283 रन पर समेटने के बाद टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी 417 रन के विशाल स्कोर पर खत्म की. पहली पारी के आधार पर टीम को मिली 134 रन की महत्वपूर्ण बढ़त के आगे इंग्लिश टीम अपनी दूसरी पारी में भी शुरुआत से लड़खड़ाती रही और 236 रन पर ढेर हो गई. मैच में जीत के लिए टीम इंडिया को 103 रन का आसान सा लक्ष्य मिला था जो उसने मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा के विकेट गंवाकर हासिल कर लिया.
तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन ही इंग्लैंड की हार तब लगभग तय हो गई थी जब उसने 78 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे. कप्तान कुक, मोईन अली, बेयरस्टॉ और स्टोक्स जैसे बल्लेबाजों को पेवेलियन लौटाने के बाद भारतीय खेमे को जीत का एक हद तक अहसास हो गया था. ठीक यही हुआ और चैंपियन की तरह प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया ने चौथे दिन ही 'फिरंगियों' को हरा दिया. टीम इंडिया की इस जीत में कुछ खास बातें रहीं.आइए नजर डालते हैं जीत के 'पॉजिटिव्स' पर..
विराट और अश्विन पर निर्भरता कम दिखी
इस वर्ष वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापट्टनम टेस्ट में टीम इंडिया काफी हद तक अपने खास खिलाड़ियों विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन पर निर्भर दिखी थी. मोहाली टेस्ट इस मायने में उल्लेखनीय माना जा सकता है कि कोहली, अश्विन के औसत प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया ने जीत हासिल की है. बेशक विराट और अश्विन ने अर्धशतक बनाए, लेकिन बल्ले से रवींद्र जडेजा का योगदान उनसे अधिक रहा. गेंदबाजी में टीम अब तक अश्विन के इर्दगिर्द ही नजर आती थी, लेकिन इस मैच में अश्विन को केवल चार विकेट (पहली पारी में एक और दूसरी पारी में तीन) हासिल हुए. मैच में तेज गेंदबाज शमी ने पांच, रवींद्र जडेजा और रवींद्र जडेजा ने चार-चार विकेट लिए.
निचले क्रम के बल्लेबाजों ने किया शानदार प्रदर्शन
पहली पारी में टीम इंडिया के पांच विकेट गिरने के बाद निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अपने दायित्व का बखूबी निर्वाह किया. ऐसे समय जब टीम इंडिया पहली पारी में पांच विकेट गंवाकर मुश्किल में फंसी नजर आ रही थी तब लोअर ऑर्डर के इन बल्लेबाजों ने स्कोर को 400 के पार पहुंचाने में अहम योगदान दिया. छठे विकेट के रूप में कप्तान विराट कोहली जब आउट हुए तो टीम इंडिया का स्कोर 204 रन था. इस समय तक इंग्लैंड के 283 रन के स्कोर को ही छू पाना ही मुश्किल लग रहा, लेकिन आर. अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने अर्धशतक जमाते हुए स्थिति को संभाल लिया. इस दौरान अश्विन और जडेजा के बीच 97, जडेजा और जयंत यादव के बीच 80 और जयंत यादव और उमेश यादव के बीच 33 रन की साझेदारी हुई. महत्वपूर्ण बात यह है कि निचले क्रम के खिलाड़ी अब बल्लेबाजी का महत्व समझते हुए अपनी ओर से योगदान दे रहे हैं. (पढ़ें, टीम इंडिया के लोअर-5 ने बनाए टॉप-5 बल्लेबाजों से ज्यादा रन)
पार्थिव ने प्रेशर को बखूबी झेला, दिखाया सर्वश्रेष्ठ खेल
रेगुलर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के चोटग्रस्त होने के बाद जब पार्थिव पटेल को जब टीम में स्थान दिया गया तो मीडिया काफी मुखर था. कहा गया कि ऋषभ पंत, नमन ओझा औन दिनेश कार्तिक जैसे विकेटकीपरों के दावे को दरकिनार कर गुजरात के इस 'छुटके' खिलाड़ी को टीम में जगह दी गई है. ऐसे में पार्थिव पर अच्छा प्रदर्शन करने का भारी दबाव था लेकिन उन्होंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया. दोनों पारियों में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की और विकेट के पीछे भी चुस्त-दुरुस्त दिखे. पार्थिव के इस शानदार प्रदर्शन के बाद निश्वित रूप से साहा और चयन को लेकर टीम प्रबंधन की उलझन बढ़ गई है.
ऑलराउंडर के रूप में और बेहतर हो रहे अश्विन
रविचंद्रन अश्विन का ऑलराउंड प्रदर्शन टीम के लिए अच्छी खबर है. तमिलनाडु का यह खिलाड़ी आज बल्ले और गेंद, दोनों से स्थिर प्रदर्शन कर टीम का स्टार खिलाड़ी बन गया है. जब भी विकेट की जरूरत होती है, कप्तान कोहली उन्हें गेंद थमा देते हैं. बल्लेबाजी में भी अश्विन लगातार टीम के लिए संकटमोचक बन रहे हैं. अकेले अश्विन ही नहीं, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव का ऑलराउंड प्रदर्शन भी टीम इंडिया के लिए जीत का कारण बन रहा है.
तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन ही इंग्लैंड की हार तब लगभग तय हो गई थी जब उसने 78 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे. कप्तान कुक, मोईन अली, बेयरस्टॉ और स्टोक्स जैसे बल्लेबाजों को पेवेलियन लौटाने के बाद भारतीय खेमे को जीत का एक हद तक अहसास हो गया था. ठीक यही हुआ और चैंपियन की तरह प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया ने चौथे दिन ही 'फिरंगियों' को हरा दिया. टीम इंडिया की इस जीत में कुछ खास बातें रहीं.आइए नजर डालते हैं जीत के 'पॉजिटिव्स' पर..
विराट और अश्विन पर निर्भरता कम दिखी
इस वर्ष वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापट्टनम टेस्ट में टीम इंडिया काफी हद तक अपने खास खिलाड़ियों विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन पर निर्भर दिखी थी. मोहाली टेस्ट इस मायने में उल्लेखनीय माना जा सकता है कि कोहली, अश्विन के औसत प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया ने जीत हासिल की है. बेशक विराट और अश्विन ने अर्धशतक बनाए, लेकिन बल्ले से रवींद्र जडेजा का योगदान उनसे अधिक रहा. गेंदबाजी में टीम अब तक अश्विन के इर्दगिर्द ही नजर आती थी, लेकिन इस मैच में अश्विन को केवल चार विकेट (पहली पारी में एक और दूसरी पारी में तीन) हासिल हुए. मैच में तेज गेंदबाज शमी ने पांच, रवींद्र जडेजा और रवींद्र जडेजा ने चार-चार विकेट लिए.
निचले क्रम के बल्लेबाजों ने किया शानदार प्रदर्शन
पहली पारी में टीम इंडिया के पांच विकेट गिरने के बाद निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अपने दायित्व का बखूबी निर्वाह किया. ऐसे समय जब टीम इंडिया पहली पारी में पांच विकेट गंवाकर मुश्किल में फंसी नजर आ रही थी तब लोअर ऑर्डर के इन बल्लेबाजों ने स्कोर को 400 के पार पहुंचाने में अहम योगदान दिया. छठे विकेट के रूप में कप्तान विराट कोहली जब आउट हुए तो टीम इंडिया का स्कोर 204 रन था. इस समय तक इंग्लैंड के 283 रन के स्कोर को ही छू पाना ही मुश्किल लग रहा, लेकिन आर. अश्विन, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने अर्धशतक जमाते हुए स्थिति को संभाल लिया. इस दौरान अश्विन और जडेजा के बीच 97, जडेजा और जयंत यादव के बीच 80 और जयंत यादव और उमेश यादव के बीच 33 रन की साझेदारी हुई. महत्वपूर्ण बात यह है कि निचले क्रम के खिलाड़ी अब बल्लेबाजी का महत्व समझते हुए अपनी ओर से योगदान दे रहे हैं. (पढ़ें, टीम इंडिया के लोअर-5 ने बनाए टॉप-5 बल्लेबाजों से ज्यादा रन)
पार्थिव ने प्रेशर को बखूबी झेला, दिखाया सर्वश्रेष्ठ खेल
रेगुलर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के चोटग्रस्त होने के बाद जब पार्थिव पटेल को जब टीम में स्थान दिया गया तो मीडिया काफी मुखर था. कहा गया कि ऋषभ पंत, नमन ओझा औन दिनेश कार्तिक जैसे विकेटकीपरों के दावे को दरकिनार कर गुजरात के इस 'छुटके' खिलाड़ी को टीम में जगह दी गई है. ऐसे में पार्थिव पर अच्छा प्रदर्शन करने का भारी दबाव था लेकिन उन्होंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया. दोनों पारियों में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की और विकेट के पीछे भी चुस्त-दुरुस्त दिखे. पार्थिव के इस शानदार प्रदर्शन के बाद निश्वित रूप से साहा और चयन को लेकर टीम प्रबंधन की उलझन बढ़ गई है.
ऑलराउंडर के रूप में और बेहतर हो रहे अश्विन
रविचंद्रन अश्विन का ऑलराउंड प्रदर्शन टीम के लिए अच्छी खबर है. तमिलनाडु का यह खिलाड़ी आज बल्ले और गेंद, दोनों से स्थिर प्रदर्शन कर टीम का स्टार खिलाड़ी बन गया है. जब भी विकेट की जरूरत होती है, कप्तान कोहली उन्हें गेंद थमा देते हैं. बल्लेबाजी में भी अश्विन लगातार टीम के लिए संकटमोचक बन रहे हैं. अकेले अश्विन ही नहीं, रवींद्र जडेजा और जयंत यादव का ऑलराउंड प्रदर्शन भी टीम इंडिया के लिए जीत का कारण बन रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारतvsइंग्लैंड, मोहाली, इंग्लैंड, टीम इंडिया, आर अश्विन, पार्थिव पटेल, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा, INDvsENG, Mohali, Team India, R. Ashwin, Parthiv Patel, Virat Kohli, Ravindra Jadeja