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This Article is From Feb 02, 2018

Ind vs SA: स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा, 'माही भाई ने मेरा काम 50 फीसदी आसान कर दिया'

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में मेजबान टीम को 269 रनों पर सीमित करने में भारत की स्पिन जोड़ी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का अहम योगदान रहा.

Ind vs SA: स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा, 'माही भाई ने मेरा काम 50 फीसदी आसान कर दिया'
विकेट के पीछे से MS धोनी युवा गेंदबाजों को उपयोगी सलाह देते रहते हैं (फाइल फोटो)
डरबन: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में मेजबान टीम को 269 रनों पर सीमित करने में भारत की स्पिन जोड़ी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का अहम योगदान रहा. दक्षिण अफ्रीका ने बल्‍लेबाजी में जिस तरह की शुरुआत की थी, उसे देखते हुए लग रहा था कि टीम 300 से अधिक का स्‍कोर खड़ा करेगी. लेकिन कुलदीप और चहल की जोड़ी ने बीच के ओवरों में अपना काम बखूबी किया. इन्‍होंने न केवल रन गति पर अंकुश लगाया बल्कि मुश्किल वक्‍त पर विकेट भी हासिल किए. चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव ने दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर मिली सफलता का श्रेय महेंद्र सिंह धोनी को देते हुए कहा कि पूर्व कप्तान ने स्‍टंप के पीछे से उपयोगी सलाह देकर उनका आधा काम कम कर दिया. यादव और युजवेंद्र चहल ने मिलकर पांच विकेट लिए. इन दोनों की गेंदबाजी की बदौलत भारतीय टीम, दक्षिण अफ्रीका को आठ विकेट पर 269 रन पर रोकने में सफल रही. जवाब में टीम इंडिया ने छह विकेट बाकी रहते लक्ष्य हासिल कर लिया.कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 34 रन देकर तीन विकेट लिए जिनमें जेपी डुमिनी, डेविड मिलर और क्रिस मॉरिस के विकेट शामिल थे. मैच के बाद कुलदीप यादव ने कहा,‘मैं पहली बार दक्षिण अफ्रीका में खेल रहा था. समझ में नहीं आ रहा था कि कैसी गेंद डालूं. मेरे लिए यह नया अनुभव था. मैं माही भाई से पूछ रहा था और उन्होंने कहा कि जैसे गेंदबाजी कर रहे हो, वैसे ही करो. वह विकेट के पीछे से सलाह देते हैं और इससे काम आसान हो जाता है.’’

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उन्होंने कहा,‘हम युवा है और हमारे पास उतना अनुभव नहीं है. यही वजह है कि माही भाई हमें सलाह देते हैं. विराट भाई हमेशा कहते हैं कि एक अतिरिक्त विकेट दस रन बचाने से ज्यादा अहम है. यदि कप्तान ऐसा कह रहा है तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.’चहल के साथ अपने तालमेल के बारे में यादव ने कहा,‘हमारे बीच काफी आपसी समझ है हम पांच साल से साथ गेंदबाजी कर रहे हैं. मुंबई इंडियंस में भी हम साथ थे.’ विदेशी सरजमीं पर पहली बार खेलने की चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा,‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां खेल रहे हैं. बचपन से मैं सीमेंट की विकेटों पर गेंदबाजी कर रहा हूं, यह मेरे लिए कठिन विकेट था. यहां गेंद टर्न ले रही थी जिससे मुझे मदद मिली.’ (इनपुट: एजेंसी)

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