नई दिल्ली:
इंदौर के होलकर स्टेडियम में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 22 रनों से हरा दिया। जिस तरह से पिछली हारों के लिए कई खिलाड़ी जिम्मेदार थे, वैसे ही इस मैच में जीत के भी कई हीरो रहे। मैच के बाद जीत के जो कुछ प्रमुख कारण रहे उनमें से 5 खास कारण हम आपको यहां गिना रहे हैं।
1. धोनी का ऑलराउंड प्रदर्शन
इंदौर में शुरुआत से लेकर मैच के अंत तक महेन्द्र सिंह धोनी का मानो हर दांव चल गया। जिस मिडास टच के लिए वे मशहूर रहे हैं वो जादू अभी खत्म नहीं हुआ है। पहले उन्होने टॉस जीता। फिर जब 104 रन पर आधी टीम पैवेलियन में थी तब उन्होंने हरभजन सिंह के साथ 56, भुवनेश्वर कुमार के साथ 41 और मोहित शर्मा के साथ नाबाद 22 रनों की साझेदारी कर स्कोर को पहुंचा दिया 9 विकेट पर 247 रन। धोनी 92 रन बनाकर नॉट आउट रहे, जिसमें शामिल थे 7 चौके और 4 दमदार छक्के। एक छक्का उन्होंने आखिरी गेंद पर लगाया जो उन आलोचकों के मुंह पर सीधा लगा जो उनकी फ़िनिशर की काबलियत पर शक करने लगे थे। बल्ले से कमाल दिखाने के बाद उन्होने 3 कैच लपके और एक स्टंप भी किया। और मैन ऑफ़ द मैच भी रहे।
2. अजिंक्य रहाणे का अर्धशतक
जब एक छोर पर रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली सस्ते में आउट होकर टीम को मंझधार में छोड़ गए तो दूसरे छोर पर अजिंक्य रहाणे जमे रहे। रहाणे ने 63 गेंदों पर 51 रन की सधी हुई पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 6 चौके भी जमाए। रहाणे ने कानपुर वनडे में भी अच्छी पारी खेली थी और 60 रन बनाए।
3. कोहली की फ़ील्डिंग
विराट कोहली का बल्ला पिछले 12 वनडे मैचौं में नहीं चला है। पिछले 12 मैचों में वे अर्धशतक नहीं बना पाए हैं। यहां इंदौर में वे बदकिस्मत रहे और रन आउट हो गए। लेकिन इसका खमियाजा उन्होने फ़ील्डिंग में पूरा कर दिया। कोहली ने 3 शानदार कैच पकड़े। कवर में उन्होंने पहले सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ी कर रहे फ़ैफ़ डू प्लेसी का कैच पकड़ा। प्लेसी तब 51 रन बना चुके थे और मैच अपनी गिरफ़्त में लेने वाले थे। फिर कप्तान एबी डिविलियर्स को 19 रनों से आगे नहीं बढ़ने दिया। उनका तीसरा कैच डेल स्टेन का था।
4. गेंदबाज़ों का प्रदर्शन
कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के साथ-साथ भारतीय गेंदबाज़ भी दबाव में थे। T20 सीरीज़ और पहले वनडे में हार के लिए गेंदबाज़ों को भी दोषी ठहराया जा रहा था। मगर इंदौर की बैटिंग पिच पर भारतीय गेंदबाज़ 248 रन के छोटे लक्ष्य को भी बचाने में कामयाब रहे। भुवनेश्वर कुमार ने 41 रन देकर 3 जबकि अक्षर पटेल ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 39 रन देकर 3 शिकार बनाए। हरभजन सिंह को दो जबकि उमेश यादव और मोहित शर्मा को 1-1 विकेट मिला। सुरेश रैना को छोड़ सभी गेंदबाज़ों को विकेट मिले।
5. दक्षिण अफ़्रीका का अति-आत्मविश्वास
वनडे में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे जबकि प्रोटियाज़ तीसरे नंबर पर हैं। T20 सीरीज़ और पहले वनडे में जीत के बाद दक्षिण अफ़्रीकी टीम शायद टीम इंडिया को थोड़े हल्के में लेने की भूल कर बैठी। हाशिम अमला का नहीं चल पाना भी भारतीय टीम के लिए फ़ायदेमंद रहा। एक बार प्रोटियाज़ दबाव में आ जाते हैं तो वे अक्सर आसानी से बिखर भी जाते हैं। तभी उनके साथ 'चोकर्स' का टैग जुड़ा हुआ है।
1. धोनी का ऑलराउंड प्रदर्शन
इंदौर में शुरुआत से लेकर मैच के अंत तक महेन्द्र सिंह धोनी का मानो हर दांव चल गया। जिस मिडास टच के लिए वे मशहूर रहे हैं वो जादू अभी खत्म नहीं हुआ है। पहले उन्होने टॉस जीता। फिर जब 104 रन पर आधी टीम पैवेलियन में थी तब उन्होंने हरभजन सिंह के साथ 56, भुवनेश्वर कुमार के साथ 41 और मोहित शर्मा के साथ नाबाद 22 रनों की साझेदारी कर स्कोर को पहुंचा दिया 9 विकेट पर 247 रन। धोनी 92 रन बनाकर नॉट आउट रहे, जिसमें शामिल थे 7 चौके और 4 दमदार छक्के। एक छक्का उन्होंने आखिरी गेंद पर लगाया जो उन आलोचकों के मुंह पर सीधा लगा जो उनकी फ़िनिशर की काबलियत पर शक करने लगे थे। बल्ले से कमाल दिखाने के बाद उन्होने 3 कैच लपके और एक स्टंप भी किया। और मैन ऑफ़ द मैच भी रहे।
2. अजिंक्य रहाणे का अर्धशतक
जब एक छोर पर रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली सस्ते में आउट होकर टीम को मंझधार में छोड़ गए तो दूसरे छोर पर अजिंक्य रहाणे जमे रहे। रहाणे ने 63 गेंदों पर 51 रन की सधी हुई पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 6 चौके भी जमाए। रहाणे ने कानपुर वनडे में भी अच्छी पारी खेली थी और 60 रन बनाए।
3. कोहली की फ़ील्डिंग
विराट कोहली का बल्ला पिछले 12 वनडे मैचौं में नहीं चला है। पिछले 12 मैचों में वे अर्धशतक नहीं बना पाए हैं। यहां इंदौर में वे बदकिस्मत रहे और रन आउट हो गए। लेकिन इसका खमियाजा उन्होने फ़ील्डिंग में पूरा कर दिया। कोहली ने 3 शानदार कैच पकड़े। कवर में उन्होंने पहले सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ी कर रहे फ़ैफ़ डू प्लेसी का कैच पकड़ा। प्लेसी तब 51 रन बना चुके थे और मैच अपनी गिरफ़्त में लेने वाले थे। फिर कप्तान एबी डिविलियर्स को 19 रनों से आगे नहीं बढ़ने दिया। उनका तीसरा कैच डेल स्टेन का था।
4. गेंदबाज़ों का प्रदर्शन
कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के साथ-साथ भारतीय गेंदबाज़ भी दबाव में थे। T20 सीरीज़ और पहले वनडे में हार के लिए गेंदबाज़ों को भी दोषी ठहराया जा रहा था। मगर इंदौर की बैटिंग पिच पर भारतीय गेंदबाज़ 248 रन के छोटे लक्ष्य को भी बचाने में कामयाब रहे। भुवनेश्वर कुमार ने 41 रन देकर 3 जबकि अक्षर पटेल ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 39 रन देकर 3 शिकार बनाए। हरभजन सिंह को दो जबकि उमेश यादव और मोहित शर्मा को 1-1 विकेट मिला। सुरेश रैना को छोड़ सभी गेंदबाज़ों को विकेट मिले।
5. दक्षिण अफ़्रीका का अति-आत्मविश्वास
वनडे में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे जबकि प्रोटियाज़ तीसरे नंबर पर हैं। T20 सीरीज़ और पहले वनडे में जीत के बाद दक्षिण अफ़्रीकी टीम शायद टीम इंडिया को थोड़े हल्के में लेने की भूल कर बैठी। हाशिम अमला का नहीं चल पाना भी भारतीय टीम के लिए फ़ायदेमंद रहा। एक बार प्रोटियाज़ दबाव में आ जाते हैं तो वे अक्सर आसानी से बिखर भी जाते हैं। तभी उनके साथ 'चोकर्स' का टैग जुड़ा हुआ है।
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