नई दिल्ली:
चैंपियंस लीग टी20 के सेमीफाइनल में चार में से तीन टीमें भारतीय हैं। जाहिर तौर पर यह इशारा मजबूत भारतीय बेंच की ओर तो है ही। भारतीय टीमों में शामिल इन खिलाड़ियों के लिए ये ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जल्दी ही शुरू होने वाली सीरीज में अभ्यास का बढ़िया मौका भी साबित हो सकता है।
चैंपियंस लीग टी20 की चार में से तीन टीमों मुंबई इंडियंस, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान (रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़, एमएस धोनी) भारतीय हैं। ये सुपरस्टार खिलाड़ी चैंपियंस लीग टी20 में भारतीय दबदबे का सबूत हैं।
इन सबके बीच सचिन तेंदुलकर कप्तान हों या न हों, कहने की बात नहीं कि चैंपियंस लीग में उनकी मौजूदगी ही टूर्नामेंट में करोड़ों फैन्स की दिलचस्पी को बरकरार रखेगी।
वहीं रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के लिए इस टूर्नामेंट की कामयाबी अगले सीजन के लिए भी अहम साबित हो सकती है। रोहित ने मुंबई के लिए पर्थ स्कॉचर्स के खिलाफ 24 गेंदों पर नाबाद 51 रन बनाकर अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया है। रोहित शर्मा पिछले दो महीने जिस फॉर्म में रहे हैं, जाहिर तौर पर कप्तान एमएस धोनी उन्हें आने वाले मैचों में बड़ा रोल देकर आजमाने की कोशिश जरूर करेंगे।
आंध्र प्रदेश के अंबाटि रायडू ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के पंद्रह खिलाड़ियों में अपनी जगह तो पक्की कर ली है, लेकिन अगर उन्हें ग्यारह में शामिल होना है तो नॉकआउट राउंड में अपनी अहमियत साबित करने का अच्छा मौका है।
चेन्नई के लिए सुरेश रैना ने बल्ले और गेंद से कमाल दिखाया है जबकि ऑल राउंडर रवीन्द्र जडेजा के लिए ऑस्ट्रेलिया
के खिलाफ मैदान पर उतरने से पहले फॉर्म में लौटने के मौके बचे हुए हैं। लेग स्पिनर आर अश्विन और बल्लेबाज मुरली विजय भी बचे हुए मौके का भरपूर फायदा उठाना चाहेंगे।
कप्तान राहुल द्रविड़ क्रिकेट के अपने आखिरी पड़ाव को जरूर यादगार बनाना चाहेंगे। अपने क्रिकेट अंदाज और चरित्र से उन्होंने अपनी अलग छाप तो छोड़ी ही है। साथ ही उन्होंने यह भी साबित किया है कि अच्छी कप्तानी से बगैर स्टार खिलाड़ियों के भी टूर्नामेंट में दबदबा कायम किया जा सकता है।
राजस्थान के किसी खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं मिली है, लेकिन चैंपियंस लीग टी20 में 50 से ज्यादा के औसत से खेल रहे अजिंक्य रहाणे, युवा खिलाड़ी संजू सैमसन, बाएं हाथ के स्पिनर अशोक मनेरिया और ऑल राउंडर स्टुअर्ट बिनी जैसे खिलाड़ी अगर अपनी टीम को खिताब दिला पाते हैं तो फैन्स के साथ चयनकर्ताओं की नजर में जरूर ऊपर उठ जाएंगे।
चैंपियंस लीग टी20 की चार में से तीन टीमों मुंबई इंडियंस, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान (रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़, एमएस धोनी) भारतीय हैं। ये सुपरस्टार खिलाड़ी चैंपियंस लीग टी20 में भारतीय दबदबे का सबूत हैं।
इन सबके बीच सचिन तेंदुलकर कप्तान हों या न हों, कहने की बात नहीं कि चैंपियंस लीग में उनकी मौजूदगी ही टूर्नामेंट में करोड़ों फैन्स की दिलचस्पी को बरकरार रखेगी।
वहीं रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के लिए इस टूर्नामेंट की कामयाबी अगले सीजन के लिए भी अहम साबित हो सकती है। रोहित ने मुंबई के लिए पर्थ स्कॉचर्स के खिलाफ 24 गेंदों पर नाबाद 51 रन बनाकर अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया है। रोहित शर्मा पिछले दो महीने जिस फॉर्म में रहे हैं, जाहिर तौर पर कप्तान एमएस धोनी उन्हें आने वाले मैचों में बड़ा रोल देकर आजमाने की कोशिश जरूर करेंगे।
आंध्र प्रदेश के अंबाटि रायडू ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के पंद्रह खिलाड़ियों में अपनी जगह तो पक्की कर ली है, लेकिन अगर उन्हें ग्यारह में शामिल होना है तो नॉकआउट राउंड में अपनी अहमियत साबित करने का अच्छा मौका है।
चेन्नई के लिए सुरेश रैना ने बल्ले और गेंद से कमाल दिखाया है जबकि ऑल राउंडर रवीन्द्र जडेजा के लिए ऑस्ट्रेलिया
के खिलाफ मैदान पर उतरने से पहले फॉर्म में लौटने के मौके बचे हुए हैं। लेग स्पिनर आर अश्विन और बल्लेबाज मुरली विजय भी बचे हुए मौके का भरपूर फायदा उठाना चाहेंगे।
कप्तान राहुल द्रविड़ क्रिकेट के अपने आखिरी पड़ाव को जरूर यादगार बनाना चाहेंगे। अपने क्रिकेट अंदाज और चरित्र से उन्होंने अपनी अलग छाप तो छोड़ी ही है। साथ ही उन्होंने यह भी साबित किया है कि अच्छी कप्तानी से बगैर स्टार खिलाड़ियों के भी टूर्नामेंट में दबदबा कायम किया जा सकता है।
राजस्थान के किसी खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं मिली है, लेकिन चैंपियंस लीग टी20 में 50 से ज्यादा के औसत से खेल रहे अजिंक्य रहाणे, युवा खिलाड़ी संजू सैमसन, बाएं हाथ के स्पिनर अशोक मनेरिया और ऑल राउंडर स्टुअर्ट बिनी जैसे खिलाड़ी अगर अपनी टीम को खिताब दिला पाते हैं तो फैन्स के साथ चयनकर्ताओं की नजर में जरूर ऊपर उठ जाएंगे।
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