सुनील गावस्कर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मुंबई हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को एक मई को होने वाले मुंबई और पुणे के मैच को पुणे में ही खेले जाने की इजाज़त दे दी है। दरअसल, 13 अप्रैल को आए हाईकोर्ट के फैसले में बीसीसीआई को 30 अप्रैल के बाद सभी आईपीएल मैचों को महाराष्ट्र के बाहर करने को कहा था, लेकिन पुणे को 29 अप्रैल को गुजरात और फिर एक मई को मुंबई के साथ भिड़ना है। ऐसे में एक दिन में सब कुछ शिफ्ट करना मुमकिन नहीं था और यह दिक्कत बीसीसीआई ने हाईकोर्ट को बताई और उन्होंने इस बात को मानते हुए उनको एक मई को पुणे में खेलने की इजाज़त दे दी।
पानी की बर्बादी के लिए IPL को जिम्मेदार ठहराना सही है?
मामला सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। अब अलग राज्यों में आईपीएल के खिलाफ आवाज उठने लगी है, लेकिन आईपीएल को पानी की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराना क्या सही है? इस पर पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा कि किसानों का हित सबसे पहले हैं, हमें ये नहीं भूलना होगा कि हमारी टेबल पर खाना उनकी वजह से है, तो उनको सूखे की वजह से दिक्कत है, लेकिन इसका कोई स्थाई इलाज ढूंढने की ज़रूरत है।
पहले पीआईएल होना जरूरी है...
बीसीसीआई ने हाईकोर्ट के फैसले को माना तो ज़रूर, लेकिन उनकी नाराजगी भी साफ ज़ाहिर थी। जब आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसआई सचिव अनुराग ठाकुर की तरफ़ से इस तरह के बयान आए कि कितने होटल के स्विमिंग पूल पर रोक लगी, गोल्फ में इससे ज्यादा पानी इस्तेमाल होता है। उस पर रोक लगाएं। कंस्ट्रक्शन में भी पानी का इस्तेमाल होता है। उसको भी संज्ञान में लिया जाए। गावस्कर का इस पर ये कहना था कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईपीएल के खिलाफ फैसला इसलिए दिया, क्योंकि आईपीएल के खिलाफ पीआईएल हुई। अगर बाकी चीजों के खिलाफ भी पीआईएल होगी, तो उनके खिलाफ भी फैसला आएगा, लेकिन पहले पीआईएल होना जरूरी है।
IPL को लेकर लोगों के मन में खटास तो नहीं
जब गावस्कर से ये पूछा गया कि कहीं इस वजह से आईपीएल को लेकर लोगों के मन में खटास तो नहीं आ रही, तो उनका कहना था कि कुछ लोग आईपीएल के बारे में अच्छा बोलेंगे और कुछ उसके खिलाफ बोलेंगे। यही जिंदगी है। यह उस तरह है कि एक बल्लेबाज किसी को अच्छा दिखता है, लेकिन दूसरे को उसमें कमी नज़र आती है। तो उनकी फिक्र नहीं करनी चाहिए। आईपीएल को लेकर हो रही राजनीति पर गावस्कर का कहना था कि उन्हें नहीं पता कि राजनीति हो रही है या नहीं। उन्हें नहीं पता कि किसने क्या कहा या नहीं, लेकिन इसके लिए एक स्थाई समाधान खोजने की जरूरत है।
पानी की बर्बादी के लिए IPL को जिम्मेदार ठहराना सही है?
मामला सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। अब अलग राज्यों में आईपीएल के खिलाफ आवाज उठने लगी है, लेकिन आईपीएल को पानी की बर्बादी के लिए जिम्मेदार ठहराना क्या सही है? इस पर पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा कि किसानों का हित सबसे पहले हैं, हमें ये नहीं भूलना होगा कि हमारी टेबल पर खाना उनकी वजह से है, तो उनको सूखे की वजह से दिक्कत है, लेकिन इसका कोई स्थाई इलाज ढूंढने की ज़रूरत है।
पहले पीआईएल होना जरूरी है...
बीसीसीआई ने हाईकोर्ट के फैसले को माना तो ज़रूर, लेकिन उनकी नाराजगी भी साफ ज़ाहिर थी। जब आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसआई सचिव अनुराग ठाकुर की तरफ़ से इस तरह के बयान आए कि कितने होटल के स्विमिंग पूल पर रोक लगी, गोल्फ में इससे ज्यादा पानी इस्तेमाल होता है। उस पर रोक लगाएं। कंस्ट्रक्शन में भी पानी का इस्तेमाल होता है। उसको भी संज्ञान में लिया जाए। गावस्कर का इस पर ये कहना था कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईपीएल के खिलाफ फैसला इसलिए दिया, क्योंकि आईपीएल के खिलाफ पीआईएल हुई। अगर बाकी चीजों के खिलाफ भी पीआईएल होगी, तो उनके खिलाफ भी फैसला आएगा, लेकिन पहले पीआईएल होना जरूरी है।
IPL को लेकर लोगों के मन में खटास तो नहीं
जब गावस्कर से ये पूछा गया कि कहीं इस वजह से आईपीएल को लेकर लोगों के मन में खटास तो नहीं आ रही, तो उनका कहना था कि कुछ लोग आईपीएल के बारे में अच्छा बोलेंगे और कुछ उसके खिलाफ बोलेंगे। यही जिंदगी है। यह उस तरह है कि एक बल्लेबाज किसी को अच्छा दिखता है, लेकिन दूसरे को उसमें कमी नज़र आती है। तो उनकी फिक्र नहीं करनी चाहिए। आईपीएल को लेकर हो रही राजनीति पर गावस्कर का कहना था कि उन्हें नहीं पता कि राजनीति हो रही है या नहीं। उन्हें नहीं पता कि किसने क्या कहा या नहीं, लेकिन इसके लिए एक स्थाई समाधान खोजने की जरूरत है।
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