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This Article is From May 24, 2016

फैज फजल : छोड़ चुके थे टीम इंडिया में चयन की उम्मीद, पिता ने किया फोन... बदल गई दुनिया

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फैज फजल : छोड़ चुके थे टीम इंडिया में चयन की उम्मीद, पिता ने किया फोन... बदल गई दुनिया
फैज फजल (बाएं)- फोटो : PTI
नई दिल्ली: भारत के घरेलू क्रिकेट में आपको कई ऐसे खिलाड़ी मिल जाएंगे, जो अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद टीम इंडिया में जगह की राह तकते-तकते रिटायर हो गए, वहीं कई ऐसे भी हैं, जो टीम में चयन की उम्मीद छोड़ चुके हैं। यह हाल एक-दो नहीं बल्कि ज्यादातर घरेलू खिलाड़ियों का है। इन्हीं में से एक खिलाड़ी हैं विदर्भ के फैज फजल, जो 30 साल के होने के बाद कुछ ऐसा ही सोच रहे थे। हालांकि सोमवार को उन्हें उनके पिता से एक ऐसी खबर मिली कि उन्हें अब दुनिया बहुत खूबसूरत लगने लगी है।

छोड़ दी थी उम्मीद, फिर मिली खुशी
फजल इन दिनों ब्रिटेन के डरहम में नार्थ ईस्टर्न प्रीमियर लीग में क्लब के लिए खेल रहे हैं। जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया में चयन के बाद उन्होंने फोन पर पीटीआई से कहा, ‘‘कुछ साल पहले जब मैंने रणजी सत्र में 700 रन से ज्यादा का स्कोर बनाया था, तो मुझे कुछ अच्छी खबर की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं बहुत निराश था। पिछले कुछ वर्षों में मैंने उम्मीद करना छोड़ दिया था, क्योंकि तब आप निराश महसूस नहीं करते। आज जब मेरे पिता ने मुझे फोन किया तो मुझे अपने चारों तरफ की दुनिया इतनी खूबसूरत लगने लगी। ’’

हर किसी को नहीं मिलता मौका
फजल ने 79 फर्स्ट क्लास मैच खेलकर 5341 रन बनाए हैं, जिनमें उनके बल्ले से 11 शतक और 27 फिफ्टी निकली हैं। 48 मैचों में 896 रन बनाए हैं और उनका बेस्ट 66 रन रहा है। उनका बेस्ट 200 नाबाद रहा है। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम का हिस्सा रहे हैं। फैजल बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग करते हैं। घरेलू क्रिकेट में काफी अनुभव रखने वाले फजल रेलवे के लिए रणजी खेलते हैं।

फजल ने कहा, ‘‘हर कोई भारत के लिए खेलने की उम्मीद करता है, लेकिन हर किसी को मौका नहीं मिलता। मैं खुश हूं कि मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल गया। कई प्रतिस्पर्धी घरेलू खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 100 से ज्यादा प्रथम श्रेणी के मैच खेल लिए हैं, लेकिन उन्हें भारतीय टीम के लिए नहीं चुना गया। मुझे देर से ही सही, मौका तो मिला। अगर मुझे खेलने का मौका मिलता है तो मुझे इसमें सफलता हासिल करनी होगी।’’

फजल ने कहा, "मुझे लगता है कि 79 मैच खेलने के बाद अब मैं खुद को अधिक परिपक्व मानता हूं। इसका सीधा सा मतलब है कि मेरे पास अब घरेलू क्रिकेट का पर्याप्त अनुभव है।"

इस पारी ने दिलाई पहचान
फजल का मानना है कि इस सीजन में ईरानी कप में रणजी चैंपियन मुंबई के खिलाफ उनकी 127 रनों की मैच विजेता पारी ने उन्हें चर्चा के केंद्र में ला दिया। गौरतलब है कि इस मैच में शेष भारत ने चौथी पारी में 480 रनों के असंभव लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा कर लिया था।

फजल ने कहा, "मेरा मानना है कि उस मैच ने मुझे ख्याति दिलाई, क्योंकि मुंबई के खिलाफ मुंबई के मैदान पर चौथी पारी में 482 रन का पीछा करते हुए शतक बनाना बड़ी बात है। यह मेरी घरेलू क्रिकेट की एक महान उपलब्धि है। उस मैच में मैंने 7 घंटे बैटिंग की थी और लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक छोर को थामे रखा था। यह अपने आप में खास था।
(इनपुट भाषा से भी)

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