हाेबार्ट टेस्ट में जीत के बाद डुप्लेसिस पर बॉल टेम्परिंग के आरोप लगे हैं (फाइल फोटो)
होबार्ट:
क्या दक्षिण अफ्रीकी टीम को होबार्ट टेस्ट में मिली जीत में उसके खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के अलावा कप्तान फाफ डुप्लेसिस की 'चीटिंग' का भी योगदान था...क्रिकेट जगत में यह सवाल इन दिनों तेजी से गूंज रहा है. डुप्लेसिस पर होबार्ट टेस्ट में बॉल टेम्परिंग का आरोप लगा है.
हाल ही में कुछ ऐसे वीडियो फुटेज स्पोर्ट्स चैनलों में आए हैं जिसमें डुप्लेसिस को मुंह की मिंट या लॉली (एक तरह की टॉफी) से गेंद को चमकाते हुए दिखाया गया है. गौरतलब है कि क्रिकेट की गेंद जितनी ज्यादा एक तरफ से चमकाई जाती है, उसके स्विंग होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है. क्रिकेट के खेल में केवल लीगल तरीके (थूक या पसीने) से ही गेंद को चमकाने की इजाजत है.
फुटेज में डुप्लेसिस को कथित तौर पर अपनी अंगुलियों को मुंह में डालकर उसके द्रव पदार्थ को गेंद पर इस्तेमाल करते हुए देखा गया है. इस फुटेज के सामने आने के बाद क्रिकेट में सरगर्मी बढ़ गई है. आईसीसी प्रवक्ता ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम फुटेज की समीक्षा करके यह देख रहे हैं कि कहीं यह आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन तो नहीं है.
गौरतलब है कि डुप्लेसिस इससे पहले भी बॉल टेम्परिंग के विवादों में रह चुके हैं. करीब तीन साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट के दौरान इस दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर ने बॉल टेम्परिंग की बात को स्वीकार किया था और उन पर मैच फीस की 50 फीसदी राशि का जुर्माना लगाया गया था. बताया जाता है कि उस समय डुप्लेसिस को अपने पेंट के 'मेटल जिपर' से बॉल को रगड़ते हुए पाया गया था.
ऐसे विवाद में राहुल द्रविड़ भी फंस चुके हैं
जेंटलमैन क्रिकेटर की छवि रखने वाले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ भी इस तरह के विवाद में फंस चुके हैं. वर्ष 2004 में राहुल द्रविड़ भी बॉल टेम्परिंग के आरोप लगे थे. त्रिकोणीय सीरीज के एक मैच में राहुल कैमरे पर किसी खाने वाली चीज से बॉल को घिसते हुए देखे गए. दरअसल वे मिंट से बॉल को चमका रहे थे, ताकि यह ज्यादा स्विंग हो. लेकिन ये नियमों के खिलाफ था. जिसके बाद द्रविड़ पर मैच फीस की 50 फीसदी राशि जुर्माने के तौर पर काट ली गई थी.
हाल ही में कुछ ऐसे वीडियो फुटेज स्पोर्ट्स चैनलों में आए हैं जिसमें डुप्लेसिस को मुंह की मिंट या लॉली (एक तरह की टॉफी) से गेंद को चमकाते हुए दिखाया गया है. गौरतलब है कि क्रिकेट की गेंद जितनी ज्यादा एक तरफ से चमकाई जाती है, उसके स्विंग होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है. क्रिकेट के खेल में केवल लीगल तरीके (थूक या पसीने) से ही गेंद को चमकाने की इजाजत है.
फुटेज में डुप्लेसिस को कथित तौर पर अपनी अंगुलियों को मुंह में डालकर उसके द्रव पदार्थ को गेंद पर इस्तेमाल करते हुए देखा गया है. इस फुटेज के सामने आने के बाद क्रिकेट में सरगर्मी बढ़ गई है. आईसीसी प्रवक्ता ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम फुटेज की समीक्षा करके यह देख रहे हैं कि कहीं यह आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन तो नहीं है.
गौरतलब है कि डुप्लेसिस इससे पहले भी बॉल टेम्परिंग के विवादों में रह चुके हैं. करीब तीन साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट के दौरान इस दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर ने बॉल टेम्परिंग की बात को स्वीकार किया था और उन पर मैच फीस की 50 फीसदी राशि का जुर्माना लगाया गया था. बताया जाता है कि उस समय डुप्लेसिस को अपने पेंट के 'मेटल जिपर' से बॉल को रगड़ते हुए पाया गया था.
ऐसे विवाद में राहुल द्रविड़ भी फंस चुके हैं
जेंटलमैन क्रिकेटर की छवि रखने वाले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ भी इस तरह के विवाद में फंस चुके हैं. वर्ष 2004 में राहुल द्रविड़ भी बॉल टेम्परिंग के आरोप लगे थे. त्रिकोणीय सीरीज के एक मैच में राहुल कैमरे पर किसी खाने वाली चीज से बॉल को घिसते हुए देखे गए. दरअसल वे मिंट से बॉल को चमका रहे थे, ताकि यह ज्यादा स्विंग हो. लेकिन ये नियमों के खिलाफ था. जिसके बाद द्रविड़ पर मैच फीस की 50 फीसदी राशि जुर्माने के तौर पर काट ली गई थी.
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