
हेडिंग्ले टेस्ट का पहला दिन अगर जायवाल और कप्तान शुभमन गिल ने लूटा था, तो दूसरे दिन यह काम विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने अंजाम दिया. जरूरत के समय पर धैर्य का परिचय दिया, तो अपने चिर-परिचित अंदाज में उन महान सनी गावस्कर का भी दिल जीत लिया, जिनका एक कमेंट कभी क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया था. यह पिछले साल दिसंबर में टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया दौरा था, जब एमसीजी में खेले गए टेस्ट में एक बहुत ही घटिया शॉट खेलने के बाद कमेंट्री कर रहे गावस्कर ने पंत पर स्टुपिड...स्टुपिड..स्टुपिड टिप्पणी की थी. बहराहल, अब करीब छह महीने महीने बाद ही पंत ने अपने इन्हीं मदमस्त कर देने वाले शॉटों से खेली शतकीय पारी से गावस्कर को सुपर्ब...सुपर्ब..सुपर्ब कहने पर मजबूर दिया.
गावस्कर ने पंत के शतक पूरा करने के बाद कहा, 'ऐसा दिखाई पड़ता है कि वह कैसे खेलता है. जब वह बैटिंग के लिए आता है, तो दूसरी या तीसरी ही गेंद पर वह अक्सर अपने कदमों का इस्तेमाल करते हुए बाउंड्री बटोरता है. यह बात उसे स्वतंत्र महसूस कराती है और उन्हें वैसे शॉट खेलने की अनुमति देती है, जैसी वह खेलना चाहते हैं.'
गावस्कर बोले, 'यहां उन्होंने अपनी एप्रोच को तौला है और पिच पर खुद को समय दिया है. लेकिन एक बार जब वह पिच पर होता है और गेंदबाज थकना शुरू होते हैं, तो पंत इस सूरत में कदमों का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं. वास्तव में वह अटैक करते हैं, बड़े शॉट खेलते हैं. छक्के और चौके जड़ते हैं.'
सनी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, 'अब जबकि पंत शुरुआत में खुद को समय दे रहे हैं, तो बाद में उनके लिए आक्रामक और बड़े शॉट खेलना आसान हो रहा है. जब वह डिफेंस शॉट खेलते हैं, तो ऐसा लगता है कि तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनके पास बहुत ज्यााद समय है. ऐसा लगता है कि वह उनका मजाक बना रहे हैं. मानो वह उनसे कह रहे हों कि देखिए. मेरे पास पूरा समय है. मुझे बड़े शॉट खेलने की जरूरत नहीं है. मैं केवल गेंद को बीच बल्ले पर ले रहा हूं.'
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