Duleep Trophy: सौरभ कुमार ने टीम इंडिया के दरवाजे पर फिर से दी जोरदार दस्तक, तूफानी प्रदर्शन से सेंट्रल जोन को जिताया

Duleep Trophy: जीत के लिए मिले 300 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पूर्व क्षेत्र की टीम ने मानो पूरी तरह सौरभ कुमार के सामने हथियार डाल दिए. और पूरी टीम 129 रनों पर ही ढेर हो गई.

Duleep Trophy: सौरभ कुमार ने टीम इंडिया के दरवाजे पर फिर से दी जोरदार दस्तक, तूफानी प्रदर्शन से सेंट्रल जोन को जिताया

सौरभ कुमार ने सेलेक्टरों को शानदार अंदाज में मैसेज भेज दिया है

खास बातें

  • सौरभ कुमार की घरेलू क्रिकेट में तूफानी वापसी
  • पूर्वी क्षेत्र के बल्लेबाजों को किया पस्त
  • मैच में चटकाए 11 विकेट
नई दिल्ली:

खिलाड़ियों के लिए टीम इंडिया में जगह बनाने का एक ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प है. और वह है सिर्फ और सिर्फ प्रदर्शन. यही वह बात है, जिसके जरिए टीम इंडिया का दरवाजा जोर से खटखटाया जा सकता है. और कुछ ऐसा एक बार  फिर से किया है उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्ऱॉफी खेलने वाले लेफ्टी स्पिनर सौरभ कुमार (Saurabh Kumar) ने. एक बार टीम इंडिया में चयन के बाद बिसरा दिए गए सौरभ ने  बेंगलुरु ने जारी दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) मुकाबले में एक बार फिर से दिखाया है कि उनकी अदनेखी नहीं की जा सकती. और वह हार बिल्कुल भी नहीं मानेंगे. यह सौरभ का ही प्रदर्शन रहा, जिसके कारण सेंट्रल जोन ने मुकाबले के चौथे और आखिरी दिन पूर्वी क्षेत्र को 170 रन से पटखनी दे दी.

जीत के लिए मिले 300 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पूर्व क्षेत्र की टीम ने मानो पूरी तरह सौरभ कुमार के सामने हथियार डाल दिए. और पूरी टीम 129 रनों पर ही ढेर हो गई. सौरभ ने दूसरी पारी में सिर्फ 18.2 ओवरों में 84 रन देकर 8 विकेट लिए. पहली पारी में भी इस लेफ्टी तीन विकेट लिए थे. और मैच में 11 विकेटों के साथ सौरभ कुमार ने सेलेक्शन कमेटी को साफ-साफ मैसेज दे दिया कि उनकी अनदेखी करना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है. 

इस प्रदर्शन से आए थे चर्चा में
सौरभ कुमार ने साल 2018-19 रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन से सुर्खिय बटोरी थीं. उन्होंने इस सीजन में उत्तर प्रदेश के लिए 10 मैचों में 51 विकेट लिए और वह सीजन में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के मामले में पांचवें नंबर पर रहे. इस साल उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 32 रन देकर 7 विकेट था. 


जब टीम मैनेजमेंट ने किया याद
सीजन के प्रदर्शन की गूंज टीम इंडिया के सेलेक्टरों तक ही नहीं, बल्कि टीम मैनेजमेंट तक भी पहुंची, जब भारत आने वाली इंग्लैंड टीम के खिलाफ बेहतर तैयारी के लिए मैनेजमेंट ने सेलेक्टरों से लेफ्ट-आर्म स्पिनर की मांग की. ऐसे में सेलेक्शन कमेटी ने उन्हें घोषित पांच नेट बॉलरों में से एक के रूप में जगह दी, लेकिन इस गेंदबाज का सपना टेस्ट टीम का हिस्सा बनना है. सौरभ कहते हैं, "भारत के लिए खेलने की आग मेरे भीतर अभी भी धधक रही है. मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं. मेरा काम लगातार बेहतर करना है, बाकी काम सेलेक्टरों और ईश्वर को करना है. मुझे पूरा भरोसा है कि मेरा सपना जरूर पूरा होगा. पिछले साल भले ही श्रीलंका के खिलाफ मैं टेस्ट नहीं खेल सका, लेकिन मौका मिलने तक कोशिश करूगा कि ऐसा ही प्रदर्शन करता रहूं "
 

चोट ने किया  प्रदर्शन को प्रभावित, लेकिन स्तर रहा बरकरार....
सौरभ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद चोटिल हो गए. और इसका प्रदर्शन उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा. नतीजा यह रहा कि वह विकेट तो ज्यादा नहीं ले सके, लेकिन उनका परफॉरमेंस का स्तर ऊंचा ही हुआ. यह आप इससे समझें कि साल 2021022 के सीजन में सौरभ भले ही तीन मैच खेले, लेकिन उन्होंने 14 विकेट लेकर दिखाया कि उनके हौसले में कोई कमी नहीं है.  पिछले साल फरवरी में  ्सौरभ का चयन श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में हुआ, लेकिन उन्हें करियर के आगाज का मौका नहीं मिल सका. 

प्रदर्शन मे गिरावट के बाद जोरदार वापसी
इस साल सौरभ का घरेलू प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा. टीम को उनसे उम्मीदें बहुत थीं, लेकिन गुजरे सीजन में सौर 5 मैचों में सात ही विकेट ले सके. इस दौरान उन्होंने करीब 150.3 ओवर गेंदबाजी की, लेकिन विकेट उस हिसाब से नहीं आए, जैसे मिलने चाहिए थे. लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि सेलेक्टरों का उनमें भरोसा बराबर बना रहा. और अब जब दलीप ट्रॉफी के लिए उन्हें  सेंट्रल जोन टीम में जगह मिली, तो उन्होंने दिखा कि उन्हें भरोसे के साथ वह लय भी मिल गयी है, जिसकी उन्हें तलाश थी. साथ ही, सेलेक्टरों को भी बहुत ही उम्दा अंदाज में मैसेज भी भेज दिया कि उनकी लय भी बरकरार है. और भरोसा भी.
 

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