कप्‍तान के रूप में बुरे दौर से गुजर रहे ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर स्‍टीव स्मिथ..

कप्‍तान के रूप में बुरे दौर से गुजर रहे ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर स्‍टीव स्मिथ..

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑस्‍ट्रेलिया के खराब प्रदर्शन के बाद स्‍टीव स्मिथ की कप्‍तानी पर सवाल उठने लगे हैं

फरवरी 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट में आगाज के समय से ही स्‍टीव स्मिथ को ऑस्‍ट्रेलिया का बेहद प्रतिभावान खिलाड़ी माना जाता था. वेस्‍टइंडीज के खिलाफ मेलबर्न में वनडे में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद इस हरफनमौला को टेस्‍ट खेलने के लिए भी ज्‍यादा इंतजार नहीं करना पड़ा. पाकिस्‍तान के खिलाफ लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान (न्‍यूट्रल वेन्‍यू) में उन्‍होंने अपना टेस्‍ट का सफर प्रारंभ किया. 

इंटरनेशल क्रिकेट में सेट होने में कुछ समय लेने के बाद स्‍टीव ने जल्‍द ही चमक बिखरेनी शुरू कर दी. करियर के प्रारंभ में उनकी पहचान एक ऐसे स्पिनर के रूप में थी जो निचले क्रम में बल्‍लेबाजी में भी हाथ दिखा लेता था लेकिन जल्‍द ही गेंदबाज के रूप में उनकी पहचान धीमी पड़ने लगी और बल्‍लेबाज के रूप में वे अपना मुकाम बनाते गए. लेकिन वही स्‍टीव अब ऑस्‍ट्रेलिया के कप्‍तान के तौर पर अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. ( पढ़े, बुरे दिन ऑस्‍ट्रेलियाई टीम का पीछा नहीं छोड़ रहे, 85 रनों पर हुई ढेर)

स्मिथ दुनिया के उन चंद खिलाड़ि‍यों में हैं जिनके टेस्‍ट और वनडे के आंकड़े बेहद प्रभावशाली हैं. भारत के विराट कोहली, इंग्‍लैंड के जो रूट, न्‍यूजीलैंड के केन विलियम्‍सन और दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला के साथ साथ 27 साल के स्‍टीव स्मिथ को विश्‍व क्रिकेट के सबसे प्रतिभावान बल्‍लेबाजों में शामिल किया जाता है. होबार्ट टेस्‍ट के पहले तक जहां 45  टेस्‍ट मैचों में 57.40 के प्रभावशाली औसत से उन्‍होंने 15 शतकों की मदद से 4133 रन बनाए हैं, वहीं 87 वनडे मैचों में उन्‍होंने 41.31 के औसत से 2644 रन स्‍कोर किए हैं जिसमें 6 सैकड़े शामिल हैं.

हालांकि तकनीक के लिहाज से स्मिथ कुशल नहीं है लेकिन अपनी संघर्ष क्षमता के बूते वे विकेट पर रुकने और तेजी से रन बनाने, दोनों में सफल हैं. यह स्मिथ की प्रतिभा ही थी कि माइकल क्‍लार्क की कप्‍तानी के समय में ही उन्‍हें टीम का बागडोर संभालने का अगला दावेदार माना जाने लगा था. गौरतलब है कि एलन बॉर्डर, रिकी पोटिंग और माइकल क्‍लार्क के नेतृत्‍व के दौर में ऑस्‍ट्रेलिया ने कामयाबी की नई इबारत लिखी. स्मिथ में भी कप्‍तान और बल्‍लेबाज के तौर पर शुरुआत में ऐसी ही चमक दिखाई. भारत के खिलाफ तो वे बेहद कामयाब रहे.

टीम इंडिया के खिलाफ उन्‍होंने 6 टेस्‍ट में 93 के औसत 930 रन बनाए जिसमें चार शतक शामिल थे. इसी क्रम में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ उन्‍होंने 67.87 के औसत से 543 रन बनाए हैं. लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि स्मिथ की चमक धीमी पड़ती जा रही है. उनकी कप्‍तानी में ऑस्‍ट्रेलियाई टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही है.

हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में उनकी कप्‍तानी में ऑस्‍ट्रेलिया को 0-3 के एकतरफा अंतर से हार मिली , वहीं दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में भी कंगारू टीम को 0-5 के अंतर से क्‍लीन स्‍वीप का सामना करना पड़ा. किसी को उम्‍मीद नहीं थी कि लंबे समय तक टेस्‍ट नंबर वन और पांच बार की वर्ल्‍ड चैंपियन ऑस्‍ट्रेलिया के प्रदर्शन में इस कदर गिरावट आ जाएगी. यही नहीं, श्रीलंका के खिलाफ वहां हुई टेस्‍ट सीरीज में हार के बाद जिस तरह से वनडे मैचों के बीच स्‍टीव स्मिथ स्‍वदेश लौटे, माइकल क्‍लार्क और माइकल स्‍लेटर जैसे पूर्व खिलाड़ि‍यों ने उस फैसले पर भी सवाल उठाए.

ऐसा लग रहा है कि हाल में ऑस्‍ट्रेलियाई टीम के प्रदर्शन में आई गिरावट के कारण स्मिथ साथी खिलाड़ि‍यों का विश्‍वास ही खोते जा रहे हैं. वनडे के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज में भी कंगारू टीम अब तक संघर्ष करती नजर आई है. पहला टेस्‍ट हारने के बाद दूसरे टेस्‍ट की पहली पारी में भी ऑस्‍ट्रेलियाई टीम महज 85 रनों पर ढेर हो गई. जाहिर है, इस मुश्किल दौर में स्मिथ को विश्‍वास बहाली के लिए कुछ खास करना होगा...


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