नई दिल्ली:
स्पॉट फिक्सिंग के पूरे मामले में अब यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या राजस्थान रॉयल्स टीम मैनेजमेंट को पहले ही इस बात का शक हो गया था कि श्रीसंत ऐसे किसी मामले में शामिल हैं?
श्रीसंत को दो करोड़ रुपये में खरीदे जाने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें बाहर बिठाया। यही नहीं, 9 मई के जिस मैच में स्पॉट फिक्सिंग का आरोप है, उसमें कप्तान राहुल द्रविड़ टीम में श्रीसंत को रखने के हक में नहीं थे।
सूत्र बता रहे हैं कि टीम मैनेजमेंट ने 12 मई को श्रीसंत को टीम से बाहर किए जाने की सूचना दे दी थी। सूत्रों के मुताबिक़ उनका ज्यादातर बकाया भी दे दिया गया था। हालांकि इनका दावा है कि यह कार्रवाई श्रीसंत के नखरों की वजह से की गई। टीम मैनेजमेंट ने श्रीसंत को जयपुर में ही होटल खाली करने को कहा था और वह मुंबई टीम के साथ नहीं, बल्कि अपने खर्चे पर गए थे, जहां 15 तारीख के मैच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
श्रीसंत को दो करोड़ रुपये में खरीदे जाने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें बाहर बिठाया। यही नहीं, 9 मई के जिस मैच में स्पॉट फिक्सिंग का आरोप है, उसमें कप्तान राहुल द्रविड़ टीम में श्रीसंत को रखने के हक में नहीं थे।
सूत्र बता रहे हैं कि टीम मैनेजमेंट ने 12 मई को श्रीसंत को टीम से बाहर किए जाने की सूचना दे दी थी। सूत्रों के मुताबिक़ उनका ज्यादातर बकाया भी दे दिया गया था। हालांकि इनका दावा है कि यह कार्रवाई श्रीसंत के नखरों की वजह से की गई। टीम मैनेजमेंट ने श्रीसंत को जयपुर में ही होटल खाली करने को कहा था और वह मुंबई टीम के साथ नहीं, बल्कि अपने खर्चे पर गए थे, जहां 15 तारीख के मैच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
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