इंदौर वनडे में जीत के लिए कारगर रहे धोनी के ये चार फॉर्मूले

इंदौर वनडे में जीत के लिए कारगर रहे धोनी के ये चार फॉर्मूले

इंदौर:

इंदौर के रनों से भरपूर विकेट पर टीम इंडिया 247 के छोटे से स्‍कोर को डिफेंड कर पाएगी, इसकी उम्‍मीद भारत के  धुर समर्थकों को भी नहीं थी। लेकिन हारी बाजी को अपने पक्ष में करना धोनी को खूब आता है। बुधवार को उषा राजे मैदान पर भारतीय कप्‍तान ने स्‍पिन का ऐसा जाल बुना क‍ि दक्षिण अफ्रीकी बल्‍लेबाज उलझकर रह गए। धोनी ने एक बार दबाव बनाने के बाद कभी भी विपक्षी टीम को इससे निकलने नहीं दिया। ये हैं वे चार कारण जो भारत की जीत में मददगार बने

शुरुआत से ही स्पिनरों पर भरोसा
धोनी इस बात को समझ गए थे क‍ि विकेट धीमा है और गेंद इस पर रुककर आ रही है। इसलिए उन्‍होंने शुरुआत से ही अक्षर पटेल और हरभजन की स्पिन जोडी को आक्रमण पर उतार दिया। इन दोनों गेंदबाजों ने शुरुआती चार विकेट जल्‍द झटककर भारतीय टीम की मैच जीतने की उम्‍मीदों को जीवंत कर दिया।

अक्षर बने तुरुप का इक्‍का
अनुभवी और पहले मैच में खासे प्रभावी रहे अमित मिश्रा को जब धोनी ने प्‍लेइंग इलेवन में स्‍थान नहीं दिया, तो उनके फैसले की खासी आलोचना हुई थी। अक्षर पटेल को चुनने पर सोशल मीडिया में भी काफी कुछ कहा गया। लेकिन धोनी जो एक बार सोच लेते है, उसे तमाम आलोचनाओं के बावजूद अमल में लाने से नहीं चूकते। वास्‍तव में अक्षर पटेल ही अपने कप्‍तान के लिए तुरुप का इक्‍का साबित हुए और टीम की जीत में उनकी खास भूमिका रही।

भुवनेश्‍वर पर कायम रखा भरोसा
माही ने अपने प्रमुख गेंदबाज भुवनेश्‍वर कुमार पर भरोसा कायम रखा। पहले वनडे में भुवी खासे महंगे रहे थे लेकिन यूपी के इस गेंदबाज की क्षमता से माही अच्‍छी तरह वाकिफ हैं। वे जानते थे क‍ि अश्विन की गैरमौजूदगी में भुवनेश्‍वर उनके लिए मैच जिता सकते है। भुवनेश्‍वर ने बीच के ओवरों में लगातार विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को वापसी का मौका नहीं दिया।

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बल्‍लेबाजी से भी दिया डिफेंडेबल स्‍कोर
पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया शुरुआत से ही लड़खड़ा रही थी। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि टीम 200 के स्‍कोर को भी पार नहीं कर पाएगी। ऐसे मौके पर धोनी ने 92 रनों की जीवटभरी नाबाद पारी खेलते हुए स्‍कोर 250 के करीब पहुंचा द‍िया। इस स्‍कोर को टीम इंडिया ने डिफेंड करते हुए सीरीज 1-1 से बराबर कर ली।