नई दिल्ली:
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेटर के शपथग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने हालांकि केंद्र सरकार से 4 जुलाई को इस जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने सचिन के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एएस चंडियोक को हालांकि सरकार से निर्देश लेने और अगली सुनवाई पर अदालत को बताने के लिए कहा गया है।
पीठ ने एएसजी जवाब मांगा है कि राज्यसभा के लिए किसी खिलाड़ी को खेल श्रेणी से मनोनीत कैसे किया गया। चंडियोक ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके नामांकन किया है और अदालत इसमें दखल नहीं दे सकता।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सचिन के नामांकन के खिलाफ याचिका दायर करने वाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिसौदिया को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था। सिसौदिया ने नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि धारा 80 के तहत राज्यसभा नामांकन सिर्फ साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों का हो सकता है।
अदालत ने हालांकि केंद्र सरकार से 4 जुलाई को इस जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने सचिन के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एएस चंडियोक को हालांकि सरकार से निर्देश लेने और अगली सुनवाई पर अदालत को बताने के लिए कहा गया है।
पीठ ने एएसजी जवाब मांगा है कि राज्यसभा के लिए किसी खिलाड़ी को खेल श्रेणी से मनोनीत कैसे किया गया। चंडियोक ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके नामांकन किया है और अदालत इसमें दखल नहीं दे सकता।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सचिन के नामांकन के खिलाफ याचिका दायर करने वाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिसौदिया को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था। सिसौदिया ने नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि धारा 80 के तहत राज्यसभा नामांकन सिर्फ साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों का हो सकता है।
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