कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
क्रिकेटर कीर्ति आजाद, बिशन सिंह बेदी समेत अन्य क्रिकेटरों की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने इन लोगों के वकील राम जेठमलानी की दलीलों के बावजूद खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिका को प्रीमैच्योर तक कह डाला। इस याचिका में इन लोगों का आरोप था कि डीडीसीए में व्यापक भ्रष्टाचार है और इसकी सीबीआई जांच या फिर न्यायिक जांच की जानी चाहिए। इन लोगों का आरोप है कि तमाम डीडीसीए के अधिकारी, यहां तक केन्द्रीय मंत्री जेटली विगत कई वर्षों से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पहले ही सीबीआई इस मामले को देख रही है इसलिए वो जांच में दखल नहीं दे सकते, कोर्ट का कहना था कि याचिका प्रीमेच्योर है। अदालत का कहना था कि कोर्ट मॉनिटर्ड इनवेस्टिगेशन महज इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि केन्द्रीय मंत्री का नाम इसमें है, ऐसी जांच तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए।
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी क्रिकेटरों की ओर से पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से कहा पिछले कुछ सालों से हर चीज में डीडीसीए ने भ्रष्टाचार किया है। चाहे सीट बनाने का काम हो या फिर स्टेडियम के नवीनीकरण का, ऑडिटर की रिपोर्ट और तमाम रिपोर्ट भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।
जबकि सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि ये याचिका प्रीमेच्योर है, तथ्य सही नहीं हैं, इस याचिका को तुरंत खारिज किया जाना चाहिए। वहीं, भारत सरकार का कहना था कि आरोप जो लगाए गए हैं बिना किसी तथ्य के हैं। याचिका की बातों पर नोटिस जारी ही नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि पॉलिसी को चुनौती नहीं दी गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पहले ही सीबीआई इस मामले को देख रही है इसलिए वो जांच में दखल नहीं दे सकते, कोर्ट का कहना था कि याचिका प्रीमेच्योर है। अदालत का कहना था कि कोर्ट मॉनिटर्ड इनवेस्टिगेशन महज इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि केन्द्रीय मंत्री का नाम इसमें है, ऐसी जांच तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए।
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी क्रिकेटरों की ओर से पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से कहा पिछले कुछ सालों से हर चीज में डीडीसीए ने भ्रष्टाचार किया है। चाहे सीट बनाने का काम हो या फिर स्टेडियम के नवीनीकरण का, ऑडिटर की रिपोर्ट और तमाम रिपोर्ट भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।
जबकि सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि ये याचिका प्रीमेच्योर है, तथ्य सही नहीं हैं, इस याचिका को तुरंत खारिज किया जाना चाहिए। वहीं, भारत सरकार का कहना था कि आरोप जो लगाए गए हैं बिना किसी तथ्य के हैं। याचिका की बातों पर नोटिस जारी ही नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि पॉलिसी को चुनौती नहीं दी गई है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
डीडीसीए विवाद, कीर्ति आजाद, अरुण जेटली, दिल्ली हाईकोर्ट, राम जेठमलानी, DDCA Dispute, Kriti Azad, Delhi High Court, Ram Jethmalani