सौरभ गांगुली की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
क्या भारतीय पिच पर गुलाबी गेंद का इंतज़ार खत्म होगा? भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भी पिंक बॉल टेस्ट का बेसब्री से इंतज़ार है। बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष गांगुली ने इसके लिए कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। लेकिन न्यूज़ीलैंड, भारत में पिंक बॉल से खेलने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर अभी अपना रुख साफ़ नहीं किया है। न्यूज़ीलैंड, अक्टूबर में भारत दौरे पर आ रही है। सीरीज़ में 3 टेस्ट, 5 वनडे खेले जाने हैं।
पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान सौरव गांगुली कहते हैं, "न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के साथ एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट खेल चुकी है। हमें बीसीसीआई से सूचना का इंतज़ार है। अब तो सभी जगह पिंक बॉल टेस्ट खेलने की चर्चा है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में टेस्ट खेला जा चुका है। भारत में भी ये जल्दी ही शुरू हो जाएगा।"
टेस्ट क्रिकेट की घटती लोकप्रियता को बचाने के लिए डे-नाईट क्रिकेट शुरू किया गया है। इसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भारतीय स्पिनर पिंक बॉल से टर्न हासिल कर पाएंगे या नहीं इसको लेकर आशंका बनी हुई है।
पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण मानते हैं, "भारत के लिए डे-नाईट क्रिकेट बहुत महत्वपूर्ण है। खिलाड़ी चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग मैच देखने आएं। जो लोग ऑफ़िस जाते हैं वे शाम को टेस्ट मैच देख सकते हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों के पास भी टेस्ट मैच देखने का समय होगा। टेस्ट का भविष्य डे-नाईट ही है।"
इस संबंध में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेटर डीन जोंस का कहना है, "आज लोगों के पास समय नहीं है। टेस्ट क्रिकेट को आकर्षक बनाने की जरूरत है। इसे सही समय पर खेलना होगा। आप शायद हैरान हों कि ऑस्ट्रेलिया में टीवी पर बॉक्सिंग डे टेस्ट या सिडनी टेस्ट सबसे लोकप्रिय नहीं है। पर्थ टेस्ट सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है, क्योंकि हमारी यहां ये साढ़े-नौ-दस बजे तक चलता रहता है। सब लोग आराम से बैठकर टीवी पर मैच देखते हैं।"
अगर न्यूज़ीलैंड डे-नाईट क्रिकेट के लिए आखिर तक तैयार नहीं होती तो नवंबर-दिसंबर में इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आएगी। तब बीसीसीआई इंग्लैंड की टीम को पिंक बॉल टेस्ट के लिए तैयार करने की कोशिश कर सकती है।
पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान सौरव गांगुली कहते हैं, "न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के साथ एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट खेल चुकी है। हमें बीसीसीआई से सूचना का इंतज़ार है। अब तो सभी जगह पिंक बॉल टेस्ट खेलने की चर्चा है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में टेस्ट खेला जा चुका है। भारत में भी ये जल्दी ही शुरू हो जाएगा।"
टेस्ट क्रिकेट की घटती लोकप्रियता को बचाने के लिए डे-नाईट क्रिकेट शुरू किया गया है। इसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भारतीय स्पिनर पिंक बॉल से टर्न हासिल कर पाएंगे या नहीं इसको लेकर आशंका बनी हुई है।
पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण मानते हैं, "भारत के लिए डे-नाईट क्रिकेट बहुत महत्वपूर्ण है। खिलाड़ी चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग मैच देखने आएं। जो लोग ऑफ़िस जाते हैं वे शाम को टेस्ट मैच देख सकते हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों के पास भी टेस्ट मैच देखने का समय होगा। टेस्ट का भविष्य डे-नाईट ही है।"
इस संबंध में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेटर डीन जोंस का कहना है, "आज लोगों के पास समय नहीं है। टेस्ट क्रिकेट को आकर्षक बनाने की जरूरत है। इसे सही समय पर खेलना होगा। आप शायद हैरान हों कि ऑस्ट्रेलिया में टीवी पर बॉक्सिंग डे टेस्ट या सिडनी टेस्ट सबसे लोकप्रिय नहीं है। पर्थ टेस्ट सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है, क्योंकि हमारी यहां ये साढ़े-नौ-दस बजे तक चलता रहता है। सब लोग आराम से बैठकर टीवी पर मैच देखते हैं।"
अगर न्यूज़ीलैंड डे-नाईट क्रिकेट के लिए आखिर तक तैयार नहीं होती तो नवंबर-दिसंबर में इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आएगी। तब बीसीसीआई इंग्लैंड की टीम को पिंक बॉल टेस्ट के लिए तैयार करने की कोशिश कर सकती है।
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