Team India Struggle At Number Three Position; Sai Sudharshan: टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 पर बल्लेबाज़ की भूमिका हमेशा से टीम की नींव मानी जाती रही है. खेल भले ही तेज़ हो गया हो और रणनीतियों में बदलाव आया हो, लेकिन यह स्थान आज भी सबसे अहम माना जाता है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट के तीसरे दिन साई सुदर्शन की नाकामी ने एक बार फिर इस सवाल को बहस का मुद्दा बना दिया है.
साई सुदर्शन की चूक और गंभीर की बढ़ती टेंशन
सुदर्शन जिस तरह आउट हुए, वह तकनीकी गलती का नतीजा था. शॉर्ट मिड-विकेट पर लगा कैच भले ही मुश्किल था, लेकिन वह शॉट खेलने में जल्दी कर गए और बैकफुट पुल को नीचा नहीं रख सके. यह असफलता भारत की लंबे समय से चल रही नंबर 3 की दिक्कतों को और सामने लाता है.
नंबर 3 की औसत स्थिति 2020 से बेहद खराब
जनवरी 2020 से अब तक भारत के नंबर 3 पर बल्लेबाज़ों का औसत सिर्फ 30 रहा है. यह आंकड़ा दुनिया में सबसे खराब औसत वाले कुछ देशों आयरलैंड, जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज के बराबर खड़ा है. इस दौरान भारत ने 12 खिलाड़ियों को नंबर 3 पर आजमाया है, जो साउथ अफ्रीका के बराबर है. इंग्लैंड और वेस्टइंडीज इस सूची में 16-16 खिलाड़ियों के साथ सबसे ऊपर हैं.
पुजारा के बाद तलाश जारी
चेतेश्वर पुजारा भारत के लिए इस स्लॉट पर लंबे समय तक भरोसेमंद विकल्प रहे, लेकिन उनके बाद यह जगह किसी एक खिलाड़ी के नाम स्थिर नहीं हो पाई. शुभमन गिल इस पोजिशन पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ भारतीयों में शामिल हैं और इस दौरान उनका औसत 37 का रहा है, जो भारतीय खिलाड़ियों में सबसे बेहतरीन है. हालांकि, अब वह नंबर 4 पर नियमित तौर पर खेल रहे हैं, इसलिए भविष्य में नंबर 3 के लिए उनका चयन लगभग असंभव है.
साई सुदर्शन एक उम्मीद या नहीं?
छह टेस्ट खेलने के बाद भी साई सुदर्शन नंबर 3 के पक्के दावेदार साबित नहीं हो सके हैं. भारत का अगला टेस्ट साल 2026 के बीच में होगा, इसलिए यह देखने वाली बात होगी कि मैनेजमेंट उन्हें ही मौका देता है या फिर किसी नए विकल्प को आजमाता है.
आने वाले समय में क्या बदलेगा?
भारत के लिए नंबर 3 की यह समस्या सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि टीम संयोजन और स्थिरता से जुड़ा बड़ा सवाल है. अब सबकी नज़र इस बात पर रहेगी कि दो साल बाद इस अहम स्लॉट पर भारत किस खिलाड़ी पर भरोसा जताता है.
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