
दुबई:
सचिन तेंदुलकर के नाम भले ही शतकों का शतक दर्ज है, लेकिन उन्हें साल 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में लगाया गया अपना शतक सबसे ज्यादा पसंद है, क्योंकि यह मुबंई हमलों के बाद जड़ा गया था।
दुबई में एक कार्यक्रम में सचिन ने इस बात का खुलासा किया। चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ यह टेस्ट मैच मुंबई हमलों के बाद खेला गया पहला क्रिकेट मैच था। सचिन ने इस मैच में 103 रनों की अपनों नाबाद पारी को मुंबई हमलों के पीड़ितों के नाम समर्पित किया था।
इस महान बल्लेबाज ने हालांकि यह भी कहा कि 1992 में पर्थ में लगाया गया शतक भी क्रिकेट के लिहाज से उनके पसंदीदा शतकों में शामिल है। इस मौके पर सचिन ने अपनी बचपन की यादें भी साझा कीं और कहा कि बचपन से ही वह सुनील गावस्कर को अपना आदर्श मानते रहे। उन्होंने कहा कि वह विवियन रिचर्ड्स की पारियों को अचंभित होकर देखते थे।
पाकिस्तान के खिलाफ करियर के अपने पहले मैच के बारे में सचिन ने कहा कि वकार यूनुस की गेंद पर उन्हें चोट लग गई और नाक से खून बहने लगा, लेकिन उन्होंने सोचा कि इससे बुरा अब कुछ नहीं हो सकता और अगर मैं इसका सामना कर लेता हूं तो मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकूंगा।
दुबई में एक कार्यक्रम में सचिन ने इस बात का खुलासा किया। चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ यह टेस्ट मैच मुंबई हमलों के बाद खेला गया पहला क्रिकेट मैच था। सचिन ने इस मैच में 103 रनों की अपनों नाबाद पारी को मुंबई हमलों के पीड़ितों के नाम समर्पित किया था।
इस महान बल्लेबाज ने हालांकि यह भी कहा कि 1992 में पर्थ में लगाया गया शतक भी क्रिकेट के लिहाज से उनके पसंदीदा शतकों में शामिल है। इस मौके पर सचिन ने अपनी बचपन की यादें भी साझा कीं और कहा कि बचपन से ही वह सुनील गावस्कर को अपना आदर्श मानते रहे। उन्होंने कहा कि वह विवियन रिचर्ड्स की पारियों को अचंभित होकर देखते थे।
पाकिस्तान के खिलाफ करियर के अपने पहले मैच के बारे में सचिन ने कहा कि वकार यूनुस की गेंद पर उन्हें चोट लग गई और नाक से खून बहने लगा, लेकिन उन्होंने सोचा कि इससे बुरा अब कुछ नहीं हो सकता और अगर मैं इसका सामना कर लेता हूं तो मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकूंगा।
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