यह ख़बर 16 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

ब्रिसबेन टेस्ट : महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, ब्रिस्बेन से डर नहीं लगता

फाइल फोटो

ब्रिसबेन:

ब्रिस्बेन की तेज़ पिच पर सीरीज़ के दूसरे टेस्ट की बारी आ गई है। ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की प्रतिभा का अब यहां असली इम्तिहान होगा। एडिलेड में अगर बल्लेबाज़ों का दबदबा रहा, तो ब्रिस्बेन में तेज़ गेंदबाज़ फ़ायदा उठाएंगे। दूसरे टेस्ट मैच के लिए फ़िट हो चुके धोनी इस टेस्ट के लिए तैयार है।

आंकड़े टीम इंडिया के साथ नहीं है पर धोनी को इसकी चिंता नहीं। टीम इंडिया ने ब्रिस्बेन में आजतक कोई टेस्ट मैच नही जीता है। टीम को यहां पर खेले 5 टेस्ट मैच में से सिर्फ़ 1 ड्रॉ करवा पाई है।
 
हालांकि धोनी का कहना है कि 'आंकड़े सही कह रहे हैं, मगर तेज़ पिच पर भी हमने टेस्ट मैच जीते हैं, जोहान्सबर्ग, डरबन और पर्थ में टीम को कामयाबी मिली थी।

साफ़ है कि तेज़ गेंदबाज़ों के लिए जन्नत माने जाने वाली गाबा की पिच से माही घबराए हुए या परेशान नहीं है। उनका कहना है कि इस तरह की पिच तो टीम इंडिया को सूट करेगी।
 
वह कहते हैं कि 'तेज़ पिच पर हमारे गेंदबाज़ कारगार साबित होते हैं और बल्लेबाज़ों को रन बनाने का फ़ॉर्मूला यहां ढूंढ़ना होगा।'
धोनी की पास बाकि के बचे तीन टेस्ट मैचों में बेहतर करने का एक और कारण भी है।

विदेशी ज़मीन पर धोनी ने 28 में से सिर्फ़ छह टेस्ट जीते हैं। अगर वह बाकि के तीन टेस्ट भी हार गए तो रिकॉर्ड बना लेंगे
विदेशी ज़मीन पर सबसे ज्यादा टेस्ट हराने वाले कप्तान बन जाएंगे।

जहां तक बात ऑस्ट्रेलिया की है तो कप्तान माइकल क्लार्क का ना होना टीम के लिए बड़ा झटका है। मगर नए कप्तान स्टीवन स्मिथ को भरोसा है टीम ब्रिस्बेन में पिछले 26 साल से नहीं हारने के अपने रिकॉर्ड को बरकरार रखेगी।

ब्रिस्बेन टेस्ट के लिए टीम में 3 बदलाव किए गए हैं। प्लेइंग 11 में शॉन मार्श, मिचेल स्टार्क और जोश हेज़लवुड़ को जगह दी गई है। युवा गेंदबाज़ों को टीम में जगह देने ऑस्ट्रेलिया का प्लान भारतीय बल्लेबाज़ों को तेज़ी से परेशान करने का है।

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यह सच है कि ब्रिस्बेन की पिच तेज़ है, लेकिन ये भी उतनी ही ठीक है कि गेंद थोड़ी पुरानी होने के बाद बल्ले पर भी अच्छे से आती है। जो टीम धैर्य के साथ बल्लेबाज़ी करेगी वह इस बात का फ़ायदा भी उठा पाएगी।