टीम इंडिया के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आशीष नेहरा के करियर की शायद सबसे यादगार तस्वीर है 2003 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उनका ज़बरदस्त प्रदर्शन. तब 24 साल के नेहरा ने इंग्लैंड के 6 बल्लेबाज़ों को सिर्फ़ 23 रन देकर पैवेलियन भेज दिया. भारत उस वर्ल्ड कप के फ़ाइनल तक पहुंचा. दिल्ली के 6 फीट के आशीष नेहरा को 20 साल की उम्र में ही 1999 में टेस्ट कैप मिल गया था. साल 2000 में ज़िंबाब्वे उनका पहला दौरा था जब उन्हें पूरी सीरीज़ में खेलने का मौक़ा मिला. बुलावायो टेस्ट में भारत की जीत में उनकी अहम भूमिका रही. भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर 15 साल बाद भारत जीत पाया था. लेकिन फिटनेस की समस्या के कारण उनका टेस्ट करियर 5 साल ही चल पाया. 2004 में वे आखिरी बार टेस्ट खेल पाए. वे टखने की चोट से जूझते रहे. नेहरा आसानी से मैदान छोड़ने वाले नहीं थे. आईपीएल के दूसरे सीजन में दमदार प्रदर्शन के बाद उन्हें 2009 में वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए वनडे टीम में चुन लिया गया.
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2009 उनके लिए बड़ा साल साबित हुआ. उन्होंने 21 वनडे मैचों में 5.92 के इकॉनमी से 31 विकेट लिए. उसके अगले साल उन्होंने 20 मैचों में 28 विकेट चटकाए. इकॉनमी दर रहा 5.76. इसके बाद उन्हें 2011 वर्ल्ड कप की टीम में शामिल कर लिया गया. पाकिस्तान के खिलाफ़ जीत में उनकी बड़ी भूमिका रही. लेकिन एक बार फिर शरीर ने उनका साथ छोड़ दिया. वे वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में भी नहीं खेल पाए. लगा कि उनका करियर खत्म हो गया.
लेकिन 4 साल बाद 2015 के आईपीएल में चेन्नई सुपकिंग्स की ओर से 22 विकेट चटका कर नेहरा ने मानो हुंकार भरी-पिक्चर अभी बाकी है मेरे यार. नतीजा 4 साल के अंतराल पर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नेहरा की वापसी हुई. इस बार क्रिकेट के सबसे छोटे फॉरमैट में. भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया में T20 सीरीज़ जीतने में कामयाब रहा. उसके बाद एशिया कप और फिर 2016 में आईसीसी वर्ल्ड T20 में भी नेहरा खेले.
बाएं हाथ के क्लासिकल तेज़ गेंदबाज़ नेहरा की गेंद की रफ्तार, सटीकता और लाइन और लेंथ में बदलाव से बल्लेबाज़ को चकमा देते रहे. ऑफ़ साइड के बाहर जाती उनकी गेंद और उनका लेट इनस्विंगर किसी भी बल्लेबाज़ को परेशान कर सकता था. 17 टेस्ट में 44 विकेट. 120 वनडे में 157 विकेट. 26 T20 में 34 विकेट. 18 साल के लंबे करियर के बाद 38 साल की उम्र में आशीष नेहरा क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं. किसी तेज़ गेंदबाज़ का इतना लंबा करियर शायद ही हो.
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2009 उनके लिए बड़ा साल साबित हुआ. उन्होंने 21 वनडे मैचों में 5.92 के इकॉनमी से 31 विकेट लिए. उसके अगले साल उन्होंने 20 मैचों में 28 विकेट चटकाए. इकॉनमी दर रहा 5.76. इसके बाद उन्हें 2011 वर्ल्ड कप की टीम में शामिल कर लिया गया. पाकिस्तान के खिलाफ़ जीत में उनकी बड़ी भूमिका रही. लेकिन एक बार फिर शरीर ने उनका साथ छोड़ दिया. वे वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में भी नहीं खेल पाए. लगा कि उनका करियर खत्म हो गया.
लेकिन 4 साल बाद 2015 के आईपीएल में चेन्नई सुपकिंग्स की ओर से 22 विकेट चटका कर नेहरा ने मानो हुंकार भरी-पिक्चर अभी बाकी है मेरे यार. नतीजा 4 साल के अंतराल पर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नेहरा की वापसी हुई. इस बार क्रिकेट के सबसे छोटे फॉरमैट में. भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया में T20 सीरीज़ जीतने में कामयाब रहा. उसके बाद एशिया कप और फिर 2016 में आईसीसी वर्ल्ड T20 में भी नेहरा खेले.
बाएं हाथ के क्लासिकल तेज़ गेंदबाज़ नेहरा की गेंद की रफ्तार, सटीकता और लाइन और लेंथ में बदलाव से बल्लेबाज़ को चकमा देते रहे. ऑफ़ साइड के बाहर जाती उनकी गेंद और उनका लेट इनस्विंगर किसी भी बल्लेबाज़ को परेशान कर सकता था. 17 टेस्ट में 44 विकेट. 120 वनडे में 157 विकेट. 26 T20 में 34 विकेट. 18 साल के लंबे करियर के बाद 38 साल की उम्र में आशीष नेहरा क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं. किसी तेज़ गेंदबाज़ का इतना लंबा करियर शायद ही हो.
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