सबा करीम (दाएं) टीम इंडिया के चयनकर्ता रह चुके हैं, साथ है संदीप पाटिल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: भारत के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम ने शुक्रवार को कहा कि पिछली चयन समिति ने देश के क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए कुछ कड़े फैसले लिए थे. वह खुद इस चयन समिति का हिस्सा थे. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए चयनकर्ताओं के पास एक विजन था और इसी के तहत सीनियर खिलाड़ियों को धीरे-धीरे बाहर का रास्ता दिखाया गया.
प्रो कुश्ती लीग द्वारा आयोजित चर्चा ‘खेलों में प्रयोग’ में करीम ने कहा कि उन्होंने और अन्य चयनकर्ताओं ने अनुभवी सीनियरों की जगह फिट और प्रतिभाशाली युवाओं को लाने पर ध्यान लगाया था ताकि भारतीय क्रिकेट में बदलाव का दौर आसानी से निकल जाए.
करीम ने कहा, ‘‘हम 2012 में राष्ट्रीय क्रिकेट चयनकर्ता बने थे, इससे एक साल पहले भारत ने वनडे विश्व कप जीता था. ऐसे कई सीनियर खिलाड़ी थे जिन्होंने टीम की सफलता में काफी योगदान दिया था, लेकिन 2011 विश्व कप के बाद भारत ने कुछ सीरीज गंवा दी थी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमारे पास एक ‘विजन’ था कि हम अगले चार साल में क्या करना चाहते थे और यह भारत को खेल के तीनों प्रारूपों में नंबर एक टीम बनते हुए देखना था. हमने ऐसे खिलाड़ियों को चुना जो पूरी तरह फिट होने के साथ साथ प्रतिभाशाली थे. धीरे-धीरे उन्हें टीम में शामिल करना शुरू किया. आखिर में हमने अपना लक्ष्य हासिल किया और टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट में नंबर एक टीम बने.’’
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