बर्थडे विशेष: टेस्‍ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्‍लेबाज सुनील गावस्‍कर के बारे में जानें खास तथ्‍य

बर्थडे विशेष: टेस्‍ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्‍लेबाज सुनील गावस्‍कर के बारे में जानें खास तथ्‍य

फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली:

महान क्रिकेटर सुनील मनोहर गावस्कर को सबसे अधिक टेस्ट रनों और टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड कायम करने के लिए जाना जाता है। क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक गावस्‍कर ऐसे पहले बल्लेबाज हैं, जिन्‍होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाए। साथ ही उन्‍होंने 30 सेंचुरी भी बनाई। एक बेहतर ओपनर गावस्‍कर की तेज गेंदबाजों के खिलाफ तकनीक हमेशा कमाल की रही। सिर्फ यही नहीं, गावस्कर ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी हैं, जिनके नाम 100 से अधिक कैच (विकेटकीपिंग को छोड़कर) पकड़ने का रिकॉर्ड है। गावस्कर 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। भारत सरकार द्वारा गावस्कर को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्‍मानित भी किया जा चुका है।

10 जुलाई 1959 को मुंबई (उस वक्‍त बॉम्बे) में जन्‍मे सुनील गावस्‍कर का आज 67 वां जन्‍मदिन है। आइये जानते हैं उनसे जुड़े कुछ अहम तथ्‍य...

देश के 'स्कूलबॉय क्रिकेटर ऑफ द ईयर' बने : सुनील गावस्‍कर 1966 में भारत के सबसे अच्छे 'स्कूलबॉय क्रिकेटर ऑफ द ईयर' बने। मुंबई के प्रसिद्ध सेंट जेवियर्स कॉलेज के छात्र रह चुके सुनील गावस्कर ने साल 1968-69 में कर्नाटक के खिलाफ मैच खेले, लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उनके सिलेक्शन पर ही सवाल उठ गए। दरअसल, सिलेक्शन टीम में उनके अंकल माधव मंत्री शामिल थे और सुनील गावस्कर का सिलेक्शन इसी का नतीजा माना गया। सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ की थी।

एक अनोखा रिकॉर्ड भी : सुनील गावस्‍कर के क्रिकेट कैरियर का एक अनोखा रिकॉर्ड यह भी है कि उन्‍होंने टेस्ट क्रिकेट में तो 34 शतक जड़े, लेकिन एकदिवसीय मैच में मात्र एक शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था। जिस मैच में गावस्कर ने यह शतक जड़ा था, वह काफी खास हो गया था, क्‍योंकि इस मैच में उन्‍हें 102 डिग्री बुखार था, इसके बावजूद उन्होंने शतक जड़ दिया था। उनकी यह पारी काफी चर्चित रही।

गावस्कर को फॉस्ट बॉलिंग को खेलने में महारत हासिल थी : वेस्टइंडीज के जिन लंबे कद वाले तेजतर्रार बॉलर्स के आगे लोग हेलमेट पहनकर भी खेलने से घबराते थे, उन्हें सुनील गावस्कर ने बिना हेलमेट के खेलकर लोगों को अचंभित कर दिया। उनकी फास्ट बॉलर्स के खिलाफ टेकनिक और शानदार बल्लेबाजी को देख लोग बेहद आश्चर्य चकित थे। उस वक्‍त एक सामान्‍य कद के दुबले-पतले से इस लड़के ने जब वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजना शुरू किया तो लोग उनकी बल्लेबाज को नोटिस कर सराहने लगे। इसके बाद तो मैदान पर मानों जैसे गावस्‍कर का लोहा माना जाने लगा। उसकी बल्‍लेबाजी की काबिलियत ने उन्‍हें समय के साथ क्रिकेट का लिजेंड बना दिया।

तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया : सुनील गावस्कर तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले ऐसे पहले क्रिकेटर थे, लेकिन इनमें से एक भी मैच में भारत जीत हासिल नहीं कर सका। गावस्कर के नाम बड़ा रिकॉर्ड यह है कि वह ऐसे पहले बैट्समैन हैं, जिन्‍होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाए। उनका वेस्टइंडीज के खिलाफ 65.45 का औसत है, जिसकी तेज गेंदबाजी उस दौर में जबरदस्त थी।

सफल कप्‍तान साबित नहीं हो सके : हालांकि गावस्कर जितने सफल खिलाड़ी रहे उतने सफल कप्तान साबित नहीं हुए। उस दौर में कप्तानी उनके और कपिल देव के बीच ही बदलती रही। गावस्कर की कप्तानी में भारतीय बॉलिंग अटैक कमजोर और पुराने किस्म का रहा, जिसकी वजह से अधिकतर मैच ड्रॉ हो गए।

कभी ईडन गार्डन में न खेलने की कसम खाई : दरअसल, 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेलते हुए सुनील गावस्कर को जनता का भारी गुस्सा झेलना पड़ा और इसके पीछे वजह थी उनका अत्यधिक धीमा प्रदर्शन। इससे जनता ने गुस्से में आकर गावस्कर के आउट होने के नारे लगाए। यहां तक की उन पर फल भी फेंके। इसके बाद गावस्कर ने कभी ईडन गार्डन्स में न खेलने की कसम खाई।

क्रिकेट से संबंधित कई महत्‍वपूर्ण किताबें भी लिखी : सुनील गावस्कर ने क्रिकेट से संबंधित कई महत्‍वपूर्ण किताबें भी लिखी हैं। इनमें सनी डेज, आइडल्स, रंस एण्ड रूइंस तथा वन डे वंडर्स काफ़ी ज्‍यादा लोकप्रिय हुई हैं।


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