लोढा की सिफारिशों से भाग नहीं रहे, लेकिन हमें आकलन का अधिकार : अनुराग ठाकुर

लोढा की सिफारिशों से भाग नहीं रहे, लेकिन हमें आकलन का अधिकार : अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

मौका वर्ल्ड टी20 और एशिया कप के लिए भारतीय टीम के चयन का था, लेकिन प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पहला सवाल लोढा समिति की सिफारिशों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आया। बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने बिना किसी हिचक के जवाब देना शुरू किया कि वे लोढा पैनल की सिफारिशों से बचने का रास्ता नहीं ढूंढ रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले नौ-दस महीनों में बीसीसीआई में काफी सफाई की गई है।

बीसीसीआई के सचिव ने इतना जरूर माना कि पिछले कुछ समय में बोर्ड की छवि को धक्का लगा था, लेकिन जितनी सफ़ाई की गई है उससे बीसीसीआई की छवि थोड़ी साफ भी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले बीसीसीआई से पूछा था कि उन्हें लोढा पैनल की सिफारिशों को लागू करने में क्या परेशानी है? सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से इस बारे में चार हफ्तों में जवाब मांगा था। सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा कि लोढा समिति में कई सुझाव दिए गए हैं जिसका संबंध राज्यों के क्रिकेट संघों से भी है। वे कहते हैं कि उन सबकी रायशुमारी जरूरी है जिसमें वक्त लग रहा है।

बचने का रास्ता नहीं ढूंढ रही बीसीसीआई
सचिव अनुराग कहते हैं, "बीसीसीआई बचने का रास्ता नहीं ढूंढ रही। हम पारदर्शिता और जवाबदेही में भरोसा रखते हैं। लोढा कमेटी ने कई चीजों के लिए सिफारिश की है, लेकिन सभी सदस्यों को इन सुझावों को देखने (और उस पर विचार करने का) अधिकार है।" यह भी साफ है कि बीसीसीआई लोढा कमेटी के सभी सुझावों से इत्तिफाक नहीं रखती। ठाकुर ने कहा, "1983 में भारत ने विश्व कप जीता था, लेकिन तब हमने अपने चैंपियंस को पैसे नहीं दिए, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। इसलिए ऐसा नहीं है कि पिछले 30-40 में कुछ नहीं हुआ है। इन बातों का भी खयाल रखा जाना चाहिए।''

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बीसीसीआई सचिव ने बताया कि उनकी कानूनी समिति भी इस बारे में विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इन सब पर विचार-विमर्श के बाद ही बीसीसीआई अपना पक्ष कोर्ट में रखेगी।