यह ख़बर 30 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में पांच क्रिकेटरों पर बैन

खास बातें

  • टीपी सुधींद्र पर जहां आजीवन प्रतिबंध लगाया है, वहीं शलभ श्रीवास्तव को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। मोहनिश मिश्रा, अमित यादव और अभिनव बाली पर एक-एक साल का बैन लगाया गया है।
मुंबई:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की अनुशासन समिति ने आईपीएल-5 में एक स्टिंग ऑपरेशन में फिक्सिंग के आरोप में फंसे पांच क्रिकेटरों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन और बोर्ड के उपाध्यक्ष- अरुण जेटली तथा निरंजन शाह की तीन सदस्यीय समिति ने बोर्ड के एंटी करप्शन विंग के मुखिया रवि सवानी की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है।

इस साल हुए आईपीएल सीजन 5 के दौरान एक निजी टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये पांचों खिलाड़ी नजर आए थे। इस मामले में टीपी सुधींद्र, शलभ श्रीवास्तव, मोहनीष मिश्रा, अमित यादव और अभिनव बाली पर पाबंदी लगाई गई है।

टीपी सुधींद्र पर जहां आजीवन प्रतिबंध लगाया है, वहीं शलभ श्रीवास्तव को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। मोहनिश मिश्रा, अमित यादव और अभिनव बाली पर एक-एक साल का बैन लगाया गया है।

बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार 28 वर्षीय सुधींद्र को इससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि उनका करियर लगभग समाप्त ही लग रहा है। पांच में से तीन खिलाड़ी- सुधींद्र, मिश्रा और अभिनव बाली आज की बैठक में मौजूद थे, जिन्होंने पैनल के समक्ष अपना पक्ष रखा।

बोर्ड ने बयान में कहा, समिति ने सुधींद्र को घरेलू क्रिकेट मैच में स्पॉट फिक्सिंग करने के लिए दोषी पाया है और इसलिए उन पर यह आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है। वह आईसीसी या बीसीसीआई तथा बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त इकाई के अंतर्गत आने वाले अधिकारिक मैचों में नहीं खेल पाएंगे। सुधींद्र अब बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ भी नहीं उठा पाएंगे। वह आजीवन बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त किसी भी क्रिकेट संघ में किसी भी पद पर काबिज नहीं हो पाएंगे।

बोर्ड ने लिखा, शलभ श्रीवास्तव को मैच फिक्स करने पर सहमति जताने और इसके लिए शर्तें रखने का दोषी पाया गया है, हालांकि इस तरह की कोई मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग नहीं हुई थी। इसके अनुसार, उन्हें पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें वह आईसीसी या बीसीसीआई तथा बीसीसीआई की किसी भी मान्यता प्राप्त इकाई के अधिकारिक मैचों में नहीं खेल पाएंगे।

सुधींद्र की तरह वह भी प्रतिबंध के पांच साल में बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। श्रीवास्तव इन पांच साल के लिए बीसीसीआई से जुड़े क्रिकेट संघों में किसी भी पद पर काबिज नहीं हो पाएंगे।

बोर्ड ने बयान में कहा, अन्य तीन खिलाड़ियों ने बेकार की बातें करके और डींगे हांककर खेल को बदनाम किया, इसलिए इन्हें कम सजा दी गई है। उन्होंने कहा, इन्हें आईसीसी या बीसीसीआई तथा बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाई के अंतर्गत आने वाले किसी भी अधिकारिक मैचों में खेलने के लिए एक साल तक प्रतिबंधित कर दिया है।

इन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध की तारीख 15 मई से प्रभावशाली होगी। एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया था कि इन्होंने आईपीएल और अन्य मैचों में धन राशि लेकर मैच में खराब प्रदर्शन करने पर सहमति जताई थी। श्रीवास्तव और यादव ने बैठक के दौरान टेलीकॉन्फ्रेस के जरिये अपने पक्ष रखे। बीसीसीआई ने सवानी को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिन्होंने कुछ हफ्ते पहले अपनी रिपोर्ट श्रीनिवासन को दी थी।

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(इनपुट भाषा से भी)