मुंबई:
लोढा कमेटी द्वारा भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के बैंक खाते सील कर दिए जाने के बाद भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच जारी सीरीज़ पर रद्द होने का जो खतरा मंडरा रहा था, वह अब टल गया है. बीसीसीआई सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक लोढा पैनल ने बीसीसीआई के बैंक खातों को अनफ्रीज़ करने का फैसला किया है, और अब सीरीज़ जारी रहेगी.
बीसीसीआई में सुधारों के लिए सिफारिशें करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख तथा देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा ने कहा, "क्रिकेट जारी रहना चाहिए..." बीसीसीआई सूत्रों ने NDTV को बताया है कि लोढा कमेटी ने यस बैंक से बीसीसीआई के खाते को अनफ्रीज़ करने के लिए कह दिया है, और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी खाता अनफ्रीज़ करने के लिए निर्देश देगी.
इससे पहले, बीसीसीआई सूत्रों ने बताया था कि भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच जारी सीरीज़ के बचे हुए टेस्ट मैच और पांच वन-डे मैचों के आयोजन पर रद्द हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. इस मामले की तह में लोढा कमेटी का वह फैसला बताया गया था, जिसमें उसने बीसीसीआई का खाता रखने वाले बैंकों से कहा था कि वे 30 सितंबर को बोर्ड की विशेष आम बैठक में लिए गए वित्तीय फैसलों के संबंध में किसी भी राशि का भुगतान न करें.
बोर्ड के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा था, "अब हमारे पास सीरीज़ को ख़त्म करने का फैसला लेने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है... अगर हमारे पास पैसे होंगे ही नहीं, तो हम मैच का आयोजन कैसे कर सकते हैं, पैसे कौन चुकाएगा... हमारा भी काफी कुछ दांव पर लगा है..."
लोढा पैनल के सेक्रेट्री गोपाल शंकरनारायणन ने बैंकों को भेजे ख़त में लिखा था, "समिति को पता चला है कि बीसीसीआई की 30 सितंबर, 2016 को हुई आपात कार्यकारी बैठक में कुछ फैसले लिए गए हैं, जिनमें राज्य संघों को काफी बड़ी रकम दी गई है..." यह ख़त बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को भी भेजा गया है.
सीरीज़ के कार्यक्रम के मुताबिक, भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच 8 अक्टूबर से इंदौर में होना है. इसके बाद दोनों देशों के बीच पांच वन-डे मैचों की सीरीज भी तय है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होने वाली है.
इस बीच, न्यूजीलैंड क्रिकेट ने भी कहा था है कि वे तीसरे टेस्ट की तैयारियों मे लगे रहेंगे, क्योंकि बीसीसीआई ने उनसे कहा कि दौरा अभी तक रद्द नहीं किया गया है, तथा जस्टिस आरएम लोढा ने भी NDTV से कहा कि उन्होंने बीसीसीआई से रूटीन खर्च रोकने के लिए नहीं कहा है, और मौजूदा या आगामी सीरीज़ के लिए खर्च पर कोई पाबंदी नहीं है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि अगर किसी तरह का कोई कन्फ्यूज़न है, तो बीसीसीआई को हमसे बात करनी चाहिए.
बीसीसीआई में सुधारों के लिए सिफारिशें करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख तथा देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा ने कहा, "क्रिकेट जारी रहना चाहिए..." बीसीसीआई सूत्रों ने NDTV को बताया है कि लोढा कमेटी ने यस बैंक से बीसीसीआई के खाते को अनफ्रीज़ करने के लिए कह दिया है, और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी खाता अनफ्रीज़ करने के लिए निर्देश देगी.
इससे पहले, बीसीसीआई सूत्रों ने बताया था कि भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच जारी सीरीज़ के बचे हुए टेस्ट मैच और पांच वन-डे मैचों के आयोजन पर रद्द हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. इस मामले की तह में लोढा कमेटी का वह फैसला बताया गया था, जिसमें उसने बीसीसीआई का खाता रखने वाले बैंकों से कहा था कि वे 30 सितंबर को बोर्ड की विशेष आम बैठक में लिए गए वित्तीय फैसलों के संबंध में किसी भी राशि का भुगतान न करें.
बोर्ड के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा था, "अब हमारे पास सीरीज़ को ख़त्म करने का फैसला लेने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है... अगर हमारे पास पैसे होंगे ही नहीं, तो हम मैच का आयोजन कैसे कर सकते हैं, पैसे कौन चुकाएगा... हमारा भी काफी कुछ दांव पर लगा है..."
लोढा पैनल के सेक्रेट्री गोपाल शंकरनारायणन ने बैंकों को भेजे ख़त में लिखा था, "समिति को पता चला है कि बीसीसीआई की 30 सितंबर, 2016 को हुई आपात कार्यकारी बैठक में कुछ फैसले लिए गए हैं, जिनमें राज्य संघों को काफी बड़ी रकम दी गई है..." यह ख़त बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को भी भेजा गया है.
सीरीज़ के कार्यक्रम के मुताबिक, भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच 8 अक्टूबर से इंदौर में होना है. इसके बाद दोनों देशों के बीच पांच वन-डे मैचों की सीरीज भी तय है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होने वाली है.
इस बीच, न्यूजीलैंड क्रिकेट ने भी कहा था है कि वे तीसरे टेस्ट की तैयारियों मे लगे रहेंगे, क्योंकि बीसीसीआई ने उनसे कहा कि दौरा अभी तक रद्द नहीं किया गया है, तथा जस्टिस आरएम लोढा ने भी NDTV से कहा कि उन्होंने बीसीसीआई से रूटीन खर्च रोकने के लिए नहीं कहा है, और मौजूदा या आगामी सीरीज़ के लिए खर्च पर कोई पाबंदी नहीं है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि अगर किसी तरह का कोई कन्फ्यूज़न है, तो बीसीसीआई को हमसे बात करनी चाहिए.
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