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This Article is From Aug 18, 2018

दिनेश कार्तिक के अलावा ये बल्‍लेबाज आखिरी गेंद पर 6 जड़कर अपनी टीम को दिला चुके जीत

दिनेश कार्तिक के अलावा ये बल्‍लेबाज आखिरी गेंद पर 6 जड़कर अपनी टीम को दिला चुके जीत
दिनेश कार्तिक ने बांग्‍लादेश के खिलाफ टी20 मैच में आखिरी गेंद पर छक्‍का लगाकर भारत को जीत दिलाई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

अनिश्चितताओं का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट में उस समय दिल की धड़कन तेज हो जाती है जब किसी रोमांचक मैच में एक गेंद बची हो और बल्लेबाजी कर रही टीम को मैच जीतने के लिए चार, पांच या छह रन चाहिए होते हैं. क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं जब बल्लेबाजों ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम की जीत सुनिश्चित की है. भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक इस सूची में हाल ही में शामिल हुए हैं. इस वर्ष मार्च में कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ निधास टी-20 त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में बांग्लादेश ने भारत के सामने 167 रन का लक्ष्य रखा था। भारत को आखिरी छह गेंदों पर 12 रन चाहिए था और कार्तिक बल्लेबाजी कर रहे थे. भारतीय टीम को आखिरी गेंद पर पांच रन की दरकार थी और फिर कार्तिक ने गेंदबाज के ऊपर से फ्लैट छक्का लगाकर न सिर्फ टीम को मैच जिताया, बल्कि सीरीज भी भारत की झोली में डाल दी.कार्तिक मैच में आठ गेंदों पर 29 रन बनाए और उन्हें मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला.

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हालांकि क्रिकेट में सबसे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के जावेद मियांदाद के नाम था . वनडे में 233 मैच खेलने वाले मियांदाद ने 18 अप्रैल 1986 में शारजाह में भारत के खिलाफ ही आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी. एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 246 रन का लक्ष्य रखा था. पाकिस्तान मैच में अपने नौ विकेट गंवा चुका था और मियांदाद के रूप में उसकी आखिरी उम्मीदें विकेट पर टिकी हुई थी. पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी गेंद पर चार रन की जरुरत थी और गेंद चेतन शर्मा के हाथों में थी. चेतन ने यॉर्कर डालने का प्रयास किया, लेकिन गेंद लो फुलटॉस बन गई जिसे मियांदाद ने मिडविकेट के ऊपर से छक्के के लिए भेज दिया. इस शॉट के बाद मियांदाद पाकिस्तान के लिए हीरो बन गए. उन्होंने मैच में नाबाद 116 रन बनाए थे.

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उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी लांस क्‍लूसनर ने 26 मार्च 1999 में यह कारनामा किया था. नेपियर में खेले गए चौथे वनडे मैच में न्यूजीलैंड ने दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 285 रन का लक्ष्य रखा था. मैच में दक्षिण अफ्रीका के दो विकेट शेष थे, लेकिन गेंद मात्र एक शेष थी और उसे जीत के लिए चार रन चाहिए थे. क्‍लूसनर ने कीवी कप्तान डियोन नैश की आखिरी गेंद पर छक्का उड़ाकर दक्षिण अफ्रीका को दो विकेट से जीत दिला दी. क्‍लूसनर ने 19 गेंदों पर नाबाद 35 रन बनाए और उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था.

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जिम्बाब्वे के ब्रैंडन टेलर भी अपनी टीम के लिए यह कारनामा कर चुके हैं. मेजबान जिम्बाब्वे को 2006 में हरारे स्पोर्ट्स क्लब में बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर जीत के लिए पांच रन बनाने थे. बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मशरफे मुर्तजा आखिरी ओवर डाल रहे थे. उन्होंने पहली पांच गेंदें सही जगह डाली जिससे मेहमान टीम जीत की बढ़ रही थी लेकिन टेलर ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पूरा मैच ही पलट दिया.वेस्टइंडीज के मध्यक्रम बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल भी अपनी टीम एक अविश्वसनीय जीत दिला चुके हैं. 10 अप्रैल 2008 को त्रिनिदाद में खेले गए इस मैच में श्रीलंका ने वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 236 रनों का लक्ष्य रखा था. मेजबान टीम को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 13 रन बनाने थे और उसकी आखिरी जोड़ी विकेट पर थी. श्रीलंका के लिए सबसे अनुभवी गेंदबाज चमिंडा वास गेंदबाजी कर रहे थे. वेस्टइंडीज ने पहले पांच गेंदों पर सात रन बनाए और उसे आखिरी गेंद पर छक्के की दरकार थी. वास ने गेंद फुलटॉस फेंकी जिसे चंद्रपॉल ने छक्के के लिए भेजकर टीम को रोमांचक जीत दिला दी. उन्होंने 63 गेंदों पर नाबाद 62 रन बनाए थे. दक्षिण अफ्रीका के रियान मैक्लेरेन भी 2013 में न्यूजीलैंड के गेंदबाज जेम्स फ्रेंकलिन पर छक्का लगाकर टीम को जीत दिला चुके हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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