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ऑपरेशन सिंदूर टिप्पणी मामला: अशोका यूनिवर्सिटी प्रोफेसर ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, इस दिन होगी सुनवा

हरियाणा राज्य महिला आयोग ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के संबंध में टिप्पणी को लेकर एसोसिएट प्रोफेसर को नोटिस भेजा था. 

ऑपरेशन सिंदूर टिप्पणी मामला: अशोका यूनिवर्सिटी प्रोफेसर ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, इस दिन होगी सुनवा
चंडीगढ़:

ऑपरेशन सिंदूर पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सोनीपत अशोका विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया. अब इस मामले की कल या फिर उसके अगले दिन सुनवाई हो सकती है. कोर्ट में दाखिल याचिका में गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए चुनौती दी गई है.

बीजेपी युवा मोर्चा के नेता की शिकायत पर एक्शन

हरियाणा के सोनीपत में एक निजी विश्वविद्यालय के ‘एसोसिएट प्रोफेसर' अली खान महमूदाबाद  को ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किया गया है. भाजपा युवा मोर्चा के एक नेता की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई. अशोका विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को आज सुबह पुलिस हिरासत में लिया गया है. हम मामले की विस्तृत जानकारी जुटा रहे हैं.''

प्रोफेसर को राज्य महिला आयोग ने भी भेजा नोटिस

बयान में कहा गया, "विश्वविद्यालय जांच में पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करेगा." इससे पहले, हरियाणा राज्य महिला आयोग ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के संबंध में टिप्पणी को लेकर एसोसिएट प्रोफेसर को नोटिस भेजा था. 12 मई को जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि आयोग ने सोनीपत में अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख महमूदाबाद द्वारा ‘‘7 मई को या उसके आसपास'' दिए गए ‘‘सार्वजनिक बयानों/टिप्पणियों'' का स्वत: संज्ञान लिया है.

आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा, ‘‘हम देश की बेटियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सलाम करते हैं. लेकिन राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने उनके लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है. मुझे उम्मीद थी कि वह कम से कम आज आयोग के सामने पेश होंगे और खेद व्यक्त करेंगे.'' महमूदाबाद की टिप्पणियों को आयोग के नोटिस के साथ संलग्न किया गया था, जिनमें से एक में कहा गया था कि कर्नल कुरैशी की सराहना करने वाले दक्षिणपंथी लोगों को भीड़ द्वारा हत्या और संपत्तियों को ‘‘मनमाने ढंग से'' गिराए जाने के पीड़ितों के लिए सुरक्षा की मांग करनी चाहिए.

प्रोफेसर ने ऐसा क्या बोला, जिस पर हुई गिरफ्तारी

एसोसिएट प्रोफेसर ने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को ‘‘दिखावटी'' बताया था. उन्होंने कहा था, ‘‘लेकिन दिखावटीपन को जमीनी हकीकत में बदलना चाहिए, नहीं तो यह सिर्फ पाखंड है.'' आयोग ने कहा कि महमूदाबाद की टिप्पणियों की प्रारंभिक समीक्षा से ‘‘कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह समेत महिला सैन्य अधिकारियों के अपमान और भारतीय सशस्त्र बलों में पेशेवर अधिकारियों के रूप में उनकी भूमिका को कमतर आंकने'' के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं.

भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत छह मई की देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले किए थे. एसोसिएट प्रोफेसर ने बाद में कहा था कि आयोग ने उनकी टिप्पणी को ‘‘गलत तरीके से पढ़ा'' है. महमूदाबाद ने ‘एक्स' पर कहा था, "...मुझे आश्चर्य है कि महिला आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मेरे पोस्ट को इस हद तक गलत तरीके से पढ़ा और समझा कि उन्होंने उसका अर्थ ही बदल दिया."

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