शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क ने मैदान में जमकर पसीना बहाया। क्लार्क को नेट्स में अभ्यास करते देखकर ये तय हो गया है कि वह भारत के ख़िलाफ़ पहले टेस्ट में टीम का हिस्सा होंगे।
बल्लेबाज़ी पर ध्यान
क्लार्क ने कैमरे के दूर रहकर क़रीब 80 मिनट तक अभ्यास किया। इस दौरान उन्होंने ख़ासकर बल्लेबाज़ी का अभ्यास किया।
कंगारू कप्तान ने उन गेंदबाज़ों की गेंद पर अभ्यास किया, जो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इलेवन में भारत के ख़िलाफ़ अभ्यास मैच खेल चुके हैं।
पूरे अभ्यास सत्र के दौरान क्लार्क कहीं से मांसपेशियों की परेशानी से जूझते नज़र नहीं आए, जिसकी वजह से वह सितंबर से परेशान रहे हैं।
मानसिक रूप से तैयार
दूसरे अभ्यास सत्र में कप्तान क्लार्क ने क़रीब 20 मिनट टीम के खिलाड़ियों के साथ मैच की रणनीति पर बात करते हुए बिताए।
कप्तान नैथन लायन, स्टीवन स्मिथ और कोच डैरेन लेहमैन के साथ बातचित करते दिखाई दिए।
इस दौरान क्लार्क के हाव−भाव को देखते हुए साफ़ लग रहा था कि वह मानसिक तौर पर भारतीय गेंदबाज़ों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
टीम की ज़रूरत
क्लार्क की टीम को कितनी कितनी ज़रूरत है यह विकेट कीपर और उपकप्तान ब्रैड हैडिन के बयान से साफ़ हो जाता है। हैडिन ने कहा कि क्लार्क ने काफ़ी लंबे समय से टीम को बांधे रखा है और उनकी नज़र में वह एक अच्छे कप्तान हैं। विकेट कीपर ने टीम के बाक़ी खिलाड़ियों की भावनाओं को रखते हुए कहा कि सभी की तरह वह भी चाहते हैं कि उनका कप्तान भारत के ख़िलाफ़ पहला टेस्ट खेले।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर हार ना मानने के जज्बे के लिए मशहूर है और शायद क्लार्क ने भी अभ्यास में यही दिखाने की कोशिश की है। हालांकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कंगारू कप्तान को मैच से पहले प्रेस कॉन्फ़ैंस में ना जाने की छूट दे दी है। अब उनकी जगह मिचेल जॉनसन ये ज़िम्मेदारी निभाएंगे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच मंगलवार से एडिलेड में खेला जाएगा।
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