Rohit Sharma becomes 1st captain: निश्चित तौर पर कोई भी कप्तान ऐसे हालात से नहीं गुजरना चाहेगा, जिन से भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को गुजरना पड़ा. कोई भी कप्तान खुशी-खुशी वह फैसला नहीं ही लेता, जो रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में पांचवे (Aus vs Ind 5th Test) से पहले लिया. इसी के साथ ही जो भारतीय क्रिकेट इतिहास के पिछले करीब 92 साल में घटित नहीं हुआ, वह सिडनी में हो गया. और रोहित शर्मा किसी सीरीज के किसी टेस्ट की इलेवन से खुद को बाहर रखने का फैसला लेने भारत के पहले कप्तान बन गए. पांचवें टेस्ट (Aus vs Ind 5th Test) की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के जवाब से ही साफ हो गया था कि रोहित का पांचवें टेस्ट में खेलना बहुत ही मुश्किल दिख रहा है. और जब बुमराह (Jasprit Bumrah) टॉस के लिए आए, तो इस बड़े फैसले पर आखिराकर मुहर भी लग गई. लेकिन इसके साथ ही रोहित के नाम पर अनचाहा रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया, लेकिन क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पहले तीन बार ऐसा हुआ, जब किसी कप्तान ने खुद को इलेवन से बाहर रखने का फैसला किया, या किसी कप्तान को बीच सीरीज के दौरान XI से बाहर बैठा दिया गया.
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पहला टेस्ट मैच नहीं खेले थे
रोहित अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पर्थ में पहले टेस्ट में नहीं खेले थे. इसके बाद जब लौटे, तो अगले तीन मैचों में उनके बल्ले से रन तो नहीं ही निकले, तो वहीं वह पूरी तरह से रंगहीन और लयहीन दिखाई पड़े. इन तीन मैचों की 5 पारियों में रोहित 6 का ही औसत निकाल सके, तो वह आलोचकों और मीडिया के निशाने पर आ गए. टीम इंडिया के लिए भी हालात बहुत मुश्किल हो गए क्योंकि WTC Final के टिकट के लिए भारत को सिडनी में लगभग अनिवार्य रूप से जीत चाहिए. ऐसे में टीम के हित को ध्यान में रखते हुए रोहित ने खुद ही पांचवें टेस्ट की इलेवन से खुद को बाहर रखने का फैसला कर लिया. इसी के साथ ही रोहित शर्मा बीच टेस्ट सीरीज के किसी टेस्ट की इलेवन से ड्रॉप किए जाने वाले पहले कप्तान बन गए. वैसे उनसे पहले दुनिया में तीन और कप्तान हुए हैं, जिन्हें इस तरह के हालात से गुजरना पड़ा है.
मिस्बाह-उल-हक
साल 2014 में पाकिस्तान के मिस्बाह-उल-हक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे से खुद को इलेवन से बाहर रखने का फैसला किया. उनकी जगह शाहिद आफरीदी ने टीम की कप्तानी की. पाकिस्तान क्रिकेट में कप्तानी को लेकर बड़े-बड़े विवाद होते रहे हैं. अनेक बार ऐसी खबरें आई, जब कप्तानी को लेकर टीम में खेमेबाजी दिखाई पड़ी, लेकिन मिस्बाह का यह बड़ा फैसला लेना पाकिस्तान क्रिकेट में पहली बार हुआ.
दिनेश चंडीमल
श्रीलंका के कप्तान चंडीमल एक और ऐसे कप्तान हैं, जिन्हें इस तरह के हालात से गुजरना पड़ा. साल 2014 के टी20 विश्व कप के दौरान चंडीमनल ने सेमीफाइनल, फाइनल सहित आखिरी के तीन मैचों से इलेवन से बाहर बैठने का फैसला लेते हुए लसिथ मलिंगा को कप्तानी सौंप दी.
माइक डेनिस
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक डेनिस ने साल 1974 में एशेज के चौथे टेस्ट में XI से बाहर बैठने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने पांचवें टेस्ट में वापसी की. तब उन्होंने 51 और 14 रन बनाए, तो वहीं छठे टेस्ट में 188 रन बनाकर अपनी टीम को पारी से जीत भी दिलाई.
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