एमएस धोनी और विराट कोहली (फाइल फोटो)
ढाका के मीरपुर का मैदान, भारत और बांग्लादेश के बीच एशिया कप का फाइनल, मैदान पर 40 हजार से भी दर्शक मौजूद, जिनमें से ज्यादातर बांग्लादेश के चाहने वाले थे। घरेलू मैदान और घरेलू दर्शकों के सामने बांग्लादेश टीम दूसरी बार एशिया कप फाइनल खेल रही थी। रमीज राजा का कहना था कि ढाका में सबकुछ बंद दिख रहा था, जबकि यह कार्यदिवस था, लेकिन लोग छुट्टी लेकर मैच देखने आए थे।
लेकिन बारिश की वजह से फाइनल मैच के एक पारी के ओवरों की संख्या 20 से घटाकर 15 कर दी गई। महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का निर्णय लिया। धोनी को पता था कि बारिश की वजह से मैदान गीला है और हवा में नमी की वजह से बॉलर्स को स्विंग मिलेगी। उनका निर्णय सही साबित हुआ और बांग्लादेश की टीम 120 रन ही बना सकी। बाद में शिखर धवन और विराट कोहली की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने इस मैच को आठ विकेट से जीत लिया और सबसे ज्यादा छह बार एशिया कप जीतने का रिकॉर्ड बना दिया। चलिए, जानते हैं कौन से वे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया।
धोनी ने धो डाला: महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो दबाव में अच्छा खेलते हैं। धोनी कई बार दबाव में अच्छा खेलते हुए भारत को जीत भी दिला चुके हैं। एशिया कप फाइनल में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए छक्के के साथ भारत को जीत दिलाई। धोनी बैटिंग ऑर्डर में खुद को प्रमोट करते हुए युवराज से पहले बैटिंग करने आए और सिर्फ 6 गेंदों में 20 रन बनाकर भारत को सात गेंद शेष रहते हुए जीत तक पहुंचा दिया। वर्ल्ड कप फाइनल के दौरन भी धोनी ने ऐसा ही किया था। उन्होंने अपने आपको बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट करते हुए शानदार पारी खेली थी और छक्के के साथ भारत को जीत दिलाई थी।
शिखर धवन फॉर्म में लौटे : वर्ल्ड कप टी-20 से पहले शिखर धवन का फॉर्म में लौटना भारत के लिए खुशी की बात है। जहां एशिया कप में धवन दबाव में खेलते हुए फ्लॉप नजर आ रहे थे, वहीं फाइनल उन्होंने 44 गेंदों पर 60 रन बनाकर भारत को जीत के करीब पहुंचाया।
विराट कोहली की "विराट" पारी: ऐसे तो हम सब जानते हैं कि विराट कोहली एक शानदार बल्लेबाज हैं, लेकिन एशिया कप में विराट ने यह साबित कर दिया कि दबाव में भी वह अच्छा खेल सकते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने दबाव में 49 रन की शानदार पारी खेली और फाइनल मैच में भी 28 गेंदों पर 41 रन बनाए और धोनी के साथ मिलकर नाबाद रहते हुए भारत को जीत दिलवाई। विराट की शानदार पारी की वजह से उन्हें "कूलेस्ट प्लेयर ऑफ द मैच" का अवॉर्ड भी मिला।
बुमराह ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को छकाया: महेंद्र सिंह धोनी का जसप्रीत बुमराह के ऊपर भरोसा बढ़ता ही जा रहा है। बुमराह एक शानदार युवा बॉलर के रूप में टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर रहे हैं। फाइनल मैच में उन्होंने शानदार बॉलिंग करते हुए बांग्लादेश के बल्लेबाजों को खूब छकाया। यह देखा गया कि बांग्लादेश के बल्लेबाज बुमराह की बॉलिंग को सही ढंग से खेल नहीं पा रहे हैं। जब बांग्लादेश एक बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था, तब बुमराह ने तमीम इकबाल को छकाते करते हुए एलबीडब्ल्यू आउट किया और भारत को ब्रेक-थ्रू दिलाते हुए बांग्लादेश को दबाव में ला दिया।
महमुदुल्लाह की शानदार बल्लेबाजी: फाइनल मैच से पहले मैंने यह लिखा था कि अगर कोई खिलाड़ी भारत के गेंदबाजों की धुलाई कर सकता है तो वह है महमुदुल्लाह। महमुदुल्लाह ने फाइनल मैच में तेज खेलते हुए 13 गेंदों में 33 रन बनाए। एक समय ऐसा लग रहा था कि शायद बांग्लादेश की पारी 100 रन के अंदर सिमट जाएगी, लेकिन महमुदुल्लाह की इस शानदार बल्लेबाजी की वजह से बांग्लादेश 120 तक पहुंच गया। महमुदुल्लाह ने पूरे एशिया कप में पिंच हिटर के रूप में तेजी से रन बनाए और पांच में से चार मैच में नॉटआउट रहे। महमुदुल्लाह की वजह से बांग्लादेश की टीम फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई।
सब्बीर की समझदारी भरी पारी: सब्बीर रहमान ने एशिया कप में यह साबित कर दिया कि वह बांग्लादेश के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। सब्बीर ने फाइनल मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की पारी को संभाला। जब एक तरफ बांग्लादेश के बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट हो रहे थे, तब सब्बीर ने एक छोर संभालते हुए 32 रन की पारी खेली। लीग मैच के दौरान भी सब्बीर ने श्रीलंका के खिलाफ 80 रन की शानदार पारी खेली थी और बांग्लादेश को इस मैच में जीत मिली थी। उन्होंने इस एशिया कप में सबसे ज्यादा 176 रन बनाए और मैन ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड भी जीता।
बांग्लादेश टीम फाइनल मैच भले ही हार गई हो, लेकिन इस टीम ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। बड़ी टीमों को हरकार फाइनल तक पहुंची जो एक बहुत बड़ी बात है। यह उम्मीद करनी चाहिए कि बांग्लादेश के खिलाड़ी टी-20 वर्ल्ड कप में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
लेकिन बारिश की वजह से फाइनल मैच के एक पारी के ओवरों की संख्या 20 से घटाकर 15 कर दी गई। महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का निर्णय लिया। धोनी को पता था कि बारिश की वजह से मैदान गीला है और हवा में नमी की वजह से बॉलर्स को स्विंग मिलेगी। उनका निर्णय सही साबित हुआ और बांग्लादेश की टीम 120 रन ही बना सकी। बाद में शिखर धवन और विराट कोहली की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने इस मैच को आठ विकेट से जीत लिया और सबसे ज्यादा छह बार एशिया कप जीतने का रिकॉर्ड बना दिया। चलिए, जानते हैं कौन से वे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया।
धोनी ने धो डाला: महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो दबाव में अच्छा खेलते हैं। धोनी कई बार दबाव में अच्छा खेलते हुए भारत को जीत भी दिला चुके हैं। एशिया कप फाइनल में भी उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए छक्के के साथ भारत को जीत दिलाई। धोनी बैटिंग ऑर्डर में खुद को प्रमोट करते हुए युवराज से पहले बैटिंग करने आए और सिर्फ 6 गेंदों में 20 रन बनाकर भारत को सात गेंद शेष रहते हुए जीत तक पहुंचा दिया। वर्ल्ड कप फाइनल के दौरन भी धोनी ने ऐसा ही किया था। उन्होंने अपने आपको बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट करते हुए शानदार पारी खेली थी और छक्के के साथ भारत को जीत दिलाई थी।
शिखर धवन फॉर्म में लौटे : वर्ल्ड कप टी-20 से पहले शिखर धवन का फॉर्म में लौटना भारत के लिए खुशी की बात है। जहां एशिया कप में धवन दबाव में खेलते हुए फ्लॉप नजर आ रहे थे, वहीं फाइनल उन्होंने 44 गेंदों पर 60 रन बनाकर भारत को जीत के करीब पहुंचाया।
विराट कोहली की "विराट" पारी: ऐसे तो हम सब जानते हैं कि विराट कोहली एक शानदार बल्लेबाज हैं, लेकिन एशिया कप में विराट ने यह साबित कर दिया कि दबाव में भी वह अच्छा खेल सकते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने दबाव में 49 रन की शानदार पारी खेली और फाइनल मैच में भी 28 गेंदों पर 41 रन बनाए और धोनी के साथ मिलकर नाबाद रहते हुए भारत को जीत दिलवाई। विराट की शानदार पारी की वजह से उन्हें "कूलेस्ट प्लेयर ऑफ द मैच" का अवॉर्ड भी मिला।
बुमराह ने बांग्लादेशी बल्लेबाजों को छकाया: महेंद्र सिंह धोनी का जसप्रीत बुमराह के ऊपर भरोसा बढ़ता ही जा रहा है। बुमराह एक शानदार युवा बॉलर के रूप में टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर रहे हैं। फाइनल मैच में उन्होंने शानदार बॉलिंग करते हुए बांग्लादेश के बल्लेबाजों को खूब छकाया। यह देखा गया कि बांग्लादेश के बल्लेबाज बुमराह की बॉलिंग को सही ढंग से खेल नहीं पा रहे हैं। जब बांग्लादेश एक बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था, तब बुमराह ने तमीम इकबाल को छकाते करते हुए एलबीडब्ल्यू आउट किया और भारत को ब्रेक-थ्रू दिलाते हुए बांग्लादेश को दबाव में ला दिया।
महमुदुल्लाह की शानदार बल्लेबाजी: फाइनल मैच से पहले मैंने यह लिखा था कि अगर कोई खिलाड़ी भारत के गेंदबाजों की धुलाई कर सकता है तो वह है महमुदुल्लाह। महमुदुल्लाह ने फाइनल मैच में तेज खेलते हुए 13 गेंदों में 33 रन बनाए। एक समय ऐसा लग रहा था कि शायद बांग्लादेश की पारी 100 रन के अंदर सिमट जाएगी, लेकिन महमुदुल्लाह की इस शानदार बल्लेबाजी की वजह से बांग्लादेश 120 तक पहुंच गया। महमुदुल्लाह ने पूरे एशिया कप में पिंच हिटर के रूप में तेजी से रन बनाए और पांच में से चार मैच में नॉटआउट रहे। महमुदुल्लाह की वजह से बांग्लादेश की टीम फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई।
सब्बीर की समझदारी भरी पारी: सब्बीर रहमान ने एशिया कप में यह साबित कर दिया कि वह बांग्लादेश के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। सब्बीर ने फाइनल मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश की पारी को संभाला। जब एक तरफ बांग्लादेश के बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट हो रहे थे, तब सब्बीर ने एक छोर संभालते हुए 32 रन की पारी खेली। लीग मैच के दौरान भी सब्बीर ने श्रीलंका के खिलाफ 80 रन की शानदार पारी खेली थी और बांग्लादेश को इस मैच में जीत मिली थी। उन्होंने इस एशिया कप में सबसे ज्यादा 176 रन बनाए और मैन ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड भी जीता।
बांग्लादेश टीम फाइनल मैच भले ही हार गई हो, लेकिन इस टीम ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। बड़ी टीमों को हरकार फाइनल तक पहुंची जो एक बहुत बड़ी बात है। यह उम्मीद करनी चाहिए कि बांग्लादेश के खिलाड़ी टी-20 वर्ल्ड कप में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
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